सुरक्षा के साथ मॉकड्रिल की जाएं और लोगों के साथ तालमेल बैठाया जाए
मॉकड्रिल : जब बजेगा सायरन, छा जाएगा अंधेरा
मॉकड्रिल में 5 हजार से अधिक ट्रेनर शामिल होंगें और बतायेंगे कि किस तरह आम जनता को आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित होना है : जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमारहवाई हमले
की
चेतावनी
देने
वाला
सायरन
बजाने
और
ब्लैक
आउट
की
मॉक
ड्रिल
की
जाएगी
दमकल, पुलिस,
चिकित्सा,
फ़ूड
सप्लाई
चेन,
सिविल
डिफेंस
सभी
से
कोऑर्डिनेट
किया
गया
है
यह केवल
एक
तैयारियां
हैं,
किसी
भी
सूरत
में
डरना
नहीं
है
लेकिन
जब
भी
सायरन
बजे
तो
अपने
परिवार
को
सुरक्षित
स्थान
पर
ले
जाएं
सुरेश गांधी
वाराणसी। पहलगाम हमले के बाद
भारत ने पाकिस्तान को
करारा जवाब देने की
तैयारियां तेज कर दी
है. पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य
कार्रवाई शुरू करने के
पहले 7 मई को देश
भर में सिविल डिफेंस
मॉक ड्रिल होने जा रही
है. इसी कड़ी में
संवोदनशीलता को देखते हुए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय
क्षेत्र वाराणसी में भी मॉक
ड्रिल की जाएगी. जिलाधिकारी
सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि
मॉकड्रिल सायंकाल में होगी। उन्होंने
कहा कि सुरक्षा के
साथ मॉकड्रिल की जाएं और
लोगों के साथ तालमेल
बैठाया जाए. मॉकड्रिल में
5 हजार से अधिक ट्रेनर
शामिल होंगें और बतायेंगे कि
किस तरह आम जनता
को आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित होना
है।
उन्होंने कहा कि शहर
से देहात तक में सिविल
डिफेंस के लोग नागरिकों
को प्रशिक्षित करेंगे. इस दौरान हवाई
हमले की चेतावनी देने
वाला सायरन बजाने और ब्लैक आउट
की मॉक ड्रिल की
जाएगी। दमकल, पुलिस, चिकित्सा, फ़ूड सप्लाई चेन,
सिविल डिफेंस सभी से कोऑर्डिनेट
किया गया है. साथ
ही जनता से अपील
की गई है कि
यह केवल एक मॉक
ड्रिल है, यानी तैयारियां
हैं, किसी भी सूरत
में डरना नहीं है.
लेकिन जब भी सायरन
बजे तो अपने परिवार
को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं.
इसके लिए युवाओं और
छात्रों को विशेष रूप
से जागरूक करने की योजना
है. इसमें नागरिक सुरक्षा आपदा प्रबंधन पुलिस
और फायर ब्रिगेड मिलकर
युद्ध जैसी स्थिति में
नागरिकों को सुरक्षित करने
का अभ्यास करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसी
भी सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले
स्थान पर तेज आवाज
में सायरन बजने लगे, अचानक
स्ट्रेचर पर घायलों को
उठाकर कर्मचारी एंबुलेंस की ओर भागते
दिखें, भागो-भागो, चलो
जल्दी से निकलो कहते
हुए आपाधापी, सीटियां अनवरत बजती रहें और
कहीं किसी जगह आग
लगी मिले तो आप
घबराएं नहीं, यह आपकों को
ट्रेंड करने के लिए
किया जा रहा है।
कब कहां और कैसे
सायरन बजाना है, कहीं अप्रिय
घटना होने या आग
लगने पर नागरिकों को
उसके प्रभाव से बचाते हुए
कैसे और कहां सुरक्षित
स्थान पर ले जाना
है, हवाई हमले में
कहीं किसी की मृत्यु
हो जाती है तो
उसे फौरन जिला प्रशासन
की ओर से निर्धारित
स्थान पर ले जाने,
किसी भवन या अपार्टमेंट
आदि में आग लगने,
ऊंची इमारत के गिरने की
स्थिति में राहत कार्यों
का प्रशिक्षण दिया जाएगा। हमलों
के समय आग लगने,
नागरिक सुविधाओं को जारी रखने,
बम निरोधक दस्ते का सहयोग, स्वास्थ्य
सेवाएं त्वरित उपलब्ध कराने समेत अन्य जरूरी
सेवाओं को मौके पर
लागू करने की मॉकड्रिल
होगी। ब्लैक आउट होने की
स्थिति में उठाए जाने
जाने वाले सभी जरूरी
कदम, नागरिकों तक संदेश पहुंचाने
और नागरिकों के दायित्व की
जानकारी दी जाएगी।
स्कूल-कॉलेज, बाजारों में भी होगा मॉक ड्रिल
जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार एवं अपर पुलिस कमिश्नर एस चेनप्पा की मौजूदगी में जनपद के विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं नागरिक सुरक्षा के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में तय किया गया गया कि स्कूल, कॉलेज, बाजार सहित भीड़भाड़ वालें इलाकों में भी मॉक ड्रिल किया जायेगा। इसमे लोगों को किसी भी आपात स्थिति के दौरान कैसे सुरक्षा करनी है तथा बचाव कैसे किया जाएगा का प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान लोगों को बेहतर ढंग से प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने समस्त संबंधित विभागों को किसी भी आपात स्थिति की दशा में एवेकुएशन सहित ठोस प्लान एवं तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने डिस्ट्रिक्ट एमरजेंसी कमांड सेन्टर सहित क्विक रेस्पांस टीम का गठन अविलंब किये जाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी स्थिति में बजने वाले सायरन एवं ब्लैक आउट के विषय मे लोगों को बेहतर रूप से प्रशिक्षित किया जाय। नागरिक सुरक्षा के वालंटियर्स सहित सभी विभागों को पूरी तरह से सक्रिय रहने के निर्देश दिये गए। बैठक के दौरान अपर पुलिस कमिश्नर एस चेनप्पा ने बताया कि पुलिस लाइन वाराणसी में इसके दृष्टिगत बुधवार को प्रातः 6 बजे मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। विद्यालयों सहित विभिन्न स्थलों पर विभिन्न समयों पर कल मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। बैठक में बीएलडब्ल्यू, एयरपोर्ट अथॉरिटी, सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, राजस्व, नगर निगम, नागरिक सुरक्षा, चिकित्सा, पुलिस, शिक्षा विभाग, अग्निशमन सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।वायुसेना से आते हैं संदेश
युद्ध के समय शहर
में सिविल डिफेंस की ओर से
एक कंट्रोल रूम बनाए जाने
की व्यवस्था रहती है। इसमें
चीफ वार्डेन ऑफिसर कमांडिंग बैठते हैं। साइमेंटिनियस ब्राड
कास्टिंग सिस्टम लगाया जाता है जो
वायु सेना के कंट्रोल
रूप से हाट लाइन
पर जुड़ता है। इसमें वायु
सेना की ओर से
संदेश बराबर आते रहते हैं,
दुश्मन देश के लड़ाकू
जहाज कहां किस तरफ
से आ रहे हैं,
कहां नगरीय इलाकों में हवाई हमले
की आशंका है, इस तरह
के संदेश कंट्रोल रूम को वायुसेना
देती है। उस दौरान
कंट्रोल रूप से एक
साथ 35 फोन लाइन पर
संदेश चलते हैं। जब
हमले की संभावना खत्म
हो जाती है तब
सिविल डिफेंस के वार्डेंन धीरे-धीरे नागरिक सुविधाओं
और अन्य प्रबंधन के
कार्य करते हैं।
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