पराड़कर स्मृति से भविष्य की प्रेरणा : पत्रकारिता का सम्मान और स्वास्थ्य का संकल्प
स्वतंत्रता आन्दोलन में काशी के पत्रकारों का अहम योगदान : आयुष मंत्री
संघ व
क्लब
के
पूर्व
अध्यक्षों
का
हुआ
सम्मान,
हेरिटेज
ने
उठाया
पत्रकारों
के
इलाज
का
बीड़ा
सुरेश गांधी
वाराणसी। स्वतंत्रता दिवस का पर्व
केवल तिरंगा फहराने और औपचारिक कार्यक्रमों
तक सीमित नहीं है, बल्कि
यह उन आदर्शों और
बलिदानों की याद का
दिन है, जिनसे हमारे
राष्ट्र की नींव पड़ी।
काशी पत्रकार संघ और वाराणसी
प्रेस क्लब द्वारा पराड़कर
स्मृति भवन के गर्दे
सभागार में आयोजित सांस्कृतिक
संध्या और सम्मान समारोह
इसी भावनात्मक विरासत को पुनः स्मरण
कराने वाला जीवंत उदाहरण
है। इस अवसर पर
संघ और क्लब को
नई ऊँचाइयों पर ले जाने
वाले पंद्रह पूर्व अध्यक्षों तथा पत्रकार परिवार
के सात प्रतिभावान बच्चों
का सम्मान किया गया।
इस मौके पर आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि काशी की पत्रकारिता ने स्वतंत्रता संग्राम को न सिर्फ को धार दी, बल्कि आंदोलन में अमूल्य योगदान दिया है। दरअसल, आज़ादी की लड़ाई केवल राजनेताओं या क्रांतिकारियों तक सीमित नहीं थी, बल्कि पत्रकारिता ने उसमें अगुवाई की।
काशी से निकले
अनेक पत्रकारों ने कलम को
हथियार बनाकर ब्रिटिश शासन की नींव
हिला दी थी। पराड़कर
स्मृति भवन में आयोजित
यह समारोह हमें उसी परंपरा
की याद दिलाता है।
हम सब उनके संघर्ष
और योगदान को नमन करते
हैं। पत्रकारिता के इस मंदिर
में आकर खुद को
गौरवांवित महसूस कर रहे हैं।
ऐसे में हम विश्वास
दिलाते हैं कि उनके
हर सुख-दुख में
साथ खड़े रहेंगे। यह
वक्तव्य उस ऐतिहासिक सच्चाई
को रेखांकित करता है कि
पत्रकारिता केवल खबरों का
माध्यम नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र
की चेतना का प्रहरी है।
समारोह का सबसे महत्वपूर्ण
पक्ष रहा कार्यक्रम के
विशिष्ट अतिथि हेरिटेज आईएमएस के निदेशक डॉ.
आकाश राय द्वारा पत्रकारों
और उनके परिजनों के
लिए विशेष चिकित्सा पैकेज की घोषणा। इस
दौरान मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि
द्वारा प्रतिकात्मक हेरिटेज स्वास्थ्य परिवार कार्ड का अनावरण भी
किया गया। डॉ. राय
ने कहा कि हेरिटेज
हॉस्पिटल पत्रकारों को परिवार की
तरह चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि हेरिटेज
में चिकित्सा का आज वह
हर संसाधन उपलब्ध है जिसके लिए
मरीजों को अन्य बड़े
शहरों की शरण लेनी
पड़ती है। उन्होंने बताया
कि डा. मधुकर राय,
वीके दीक्षित समेत कई नामी
चिकित्सकों की ओपीडी के
लिए महज 20 से 40 रुपये देने होंगे। साथ
ही भर्ती, जांच और ऑपरेशन
पर विशेष छूट दी जाएगी।
संघ के सदस्यों के
लिए अलग काउंटर होगा।
इसके अलावा समारोह
में श्रीकाशी विश्वनाथ नेमी भक्त मंडल
के अध्यक्ष रामकुमार जायसवाल व सचिव शुभम
मिश्र ने सभागार में
10 पंखे देने की घोषणा
की। यह कदम केवल
सहयोग भर नहीं, बल्कि
सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है।
पत्रकार चौबीसों घंटे समाज के
लिए सक्रिय रहते हैं, लेकिन
स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में
वे अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं।
वैसे भी पत्रकारिता और
चिकित्सा, दोनों ही पेशे सेवा
और त्याग से जुड़े हैं।
इनका हाथ मिलाना समाज
के लिए राहतकारी कदम
है। कार्यक्रम की सांस्कृतिक संध्या
में बच्चों की प्रस्तुतियां और
वरिष्ठ पत्रकारों का सम्मान यह
संदेश देते हैं कि
पत्रकारिता की परंपरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलने
वाली धरोहर है। यह आयोजन
केवल सम्मान का अवसर नहीं,
बल्कि भविष्य के लिए प्रेरणा
का माध्यम भी है। आज
जब मीडिया बाजारवाद, टीआरपी की होड़ और
डिजिटल दबाव से जूझ
रहा है, ऐसे कार्यक्रम
हमें याद दिलाते हैं
कि पत्रकारिता का असली मूल्य
जनहित और सामाजिक सरोकार
में है।
पराड़कर स्मृति भवन में हुआ
यह आयोजन हमें अतीत से
जोड़ते हुए भविष्य की
राह दिखाता है। पत्रकारिता को
चाहिए कि वह अपनी
ऐतिहासिक जिम्मेदारी को याद रखे
और समाज को सच,
न्याय और उम्मीद से
जोड़े। काशी पत्रकार संघ
और प्रेस क्लब का यह
प्रयास बताता है कि पत्रकारिता
आज भी अपने मूल
आदर्शों से विचलित नहीं
हुई है। यही स्वतंत्रता
दिवस का सच्चा संदेश
है। कार्यक्रम में सम्मानित होने
वालों में संघ और
क्लब के पूर्व अध्यक्ष
प्रो. राममोहन पाठक, गोपेश पाण्डेय, प्रदीप कुमार, संजय अस्थाना, विकास
पाठक, योगेश कुमार गुप्त, कृष्णदेव नारायण राय, बी.बी.
यादव, सुभाष चन्द्र सिंह, राजनाथ तिवारी, डॉ. अत्रि भारद्वाज,
राघवेन्द्र चड्ढा, जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, चन्दन रूपानी और अरुण मिश्र
शामलि है। जबकि प्रतिभावान
बच्चों में अर्जुन सिंह,
संस्कार मिश्रा, स्वीकृति मिश्रा, लक्ष्य केसरी, हर्ष सिंह, मानवेंद्र
यादव और यश त्रिपाठी
प्रमुख है। सांस्कृतिक संध्या
में पत्रकार परिवार के बच्चों ने
देशभक्ति गीतों पर नृत्य प्रस्तुत
किया और प्रसिद्ध जादूगर
बी.एम. लाल ने
अपनी कला का प्रदर्शन
किया। इसके संयोजक देवेश
सिंह, देवकुमार केशरी एवं डा. रजनीश
सिंह रहे। जबकि कार्यक्रम
का संचालन विनय शंकर सिंह,
रोहित चतुर्वेदी और आलोक मालवीय
ने किया। स्वागत अध्यक्ष चंदन रूपानी ने
किया, अध्यक्षीय उद्बोधन संघ अध्यक्ष अरुण
मिश्र ने दिया।
महामंत्री जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने मेडिकल कार्ड
की जानकारी दी। धन्यवाद ज्ञापन
कोषाध्यक्ष जयप्रकाश श्रीवास्तव व संदीप गुप्ता
ने किया। इस मौके पर
वरिष्ठ पत्रकारों सहित बड़ी संख्या
में लोग मौजूद रहे।
हर वर्ष की भांति
इस वर्ष भी संघ
भवन परिसर में काशी पत्रकार
संघ के अध्यक्ष अरुण
मिश्र ने सुबह नौ
बजे ध्वजारोहण किया। खास यह है
कि इस दौरान अतिथियों
द्वारा स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ
पर केक भी काटा
गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार
शुभाकर दुबे, लक्ष्मीकांत द्विवेदी, अखिलेश मिश्र, एके लारी, कैलाश
यादव, केबी रावत, कविन्द्र
नारायण, रमेश राय, विनय
सिंह, रजत मेहरा, अजय
मुखर्जी, हिमांशु उपाध्याय, दीनबन्धु राय, शैलेश चौरसिया,
सुरेन्द्र तिवारी, सुनील शुक्ला, पुरुषोत्तम चतुर्वेदी, अश्वनी श्रीवास्तव, पंकज त्रिपाठी मनोज
राय, प्रशांत मोहन, संजय गुप्ता, बच्चा
गुप्ता, निधी मिश्रा, सुरेश
गांधी, शंकर चतुर्वेदी आयुष
मंत्री के पीआरओ गौरव
राठी समेत अन्य लोग
मौजूद रहे।
पराड़कर स्मृति से मिले संदेश
स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर और
पत्रकारिता की जिम्मेदारी को
याद दिलाने वाला पराड़कर स्मृति
भवन का आयोजन सिर्फ
सम्मान का अवसर नहीं,
बल्कि आने वाली पीढ़ी
के लिए प्रेरणा भी
है। पत्रकारों को मिला स्वास्थ्य
सुरक्षा का संकल्प इस
बात का प्रमाण है
कि समाज और मीडिया
का रिश्ता केवल खबर तक
सीमित नहीं, बल्कि साझा जिम्मेदारी तक
फैला हुआ है। पत्रकारिता
केवल पेशा नहीं, समाज
और राष्ट्र की चेतना है।
काशी पत्रकार संघ का स्वतंत्रता
दिवस आयोजन पत्रकारिता की विरासत को
सलाम करने के साथ-साथ भविष्य की
जिम्मेदारियों का स्मरण भी
है। पूर्व अध्यक्षों का सम्मान और
स्वास्थ्य पैकेज की घोषणा इस
रिश्ते को और गहरा
बनाते हैं। खासकर तब
जब मीडिया पर बाजारवाद का
दबाव है, तब काशी
पत्रकार संघ का यह
आयोजन हमें याद दिलाता
है कि पत्रकारिता का
असली मूल्य जनहित और सामाजिक सरोकार
में है। यही स्वतंत्रता
दिवस का सच्चा संदेश
है।
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