Thursday, 11 September 2025

भारत : मॉरीशस के बीच 7 करार, लगभग 680 मिलियन डॉलर का विशेष पैकेज

भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर नहीं, परिवार है : पीएम मोदी

भारत : मॉरीशस के बीच 7 करार, लगभग 680 मिलियन डॉलर का विशेष पैकेज 

चागोस विवाद पर भारत : मॉरीशस की साझी पहल हिंद महासागर में नई कूटनीतिक हलचल का संकेत देती है

सुरेश गांधी

वाराणसी. काशी की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरती गुरुवार को भारत : मॉरीशस रिश्तों की नई गवाही बनी। हिद महासागर की रणनीतिक धुरी पर भारत और मॉरीशस के रिश्तों ने वाराणसी में नया अध्याय लिखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने नदेसर स्थित होटल ताज में उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता की। लगभग एक घंटे चली उच्चस्तरीय वार्ता में दोनों देशों ने आर्थिक, सांस्कृतिक और सामरिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले सात प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

इसके अलावा सबसे अहम चागोस द्वीप समूह और डिएगो गार्सिया जैसे संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा की गई, जो अमेरिका और ब्रिटेन से जुड़ा संवेदनशील विवाद है। खास यह है कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम ने बैठक में डिएगो गार्सिया सहित पूरे चागोस द्वीप समूह पर चर्चा उठाई। इस मसले पर भारत और मॉरीशस का साझा दृष्टिकोण अमेरिका और ब्रिटेन के लिए नई कूटनीतिक चुनौती बन सकता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस कोभारत का परिवारबताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध और मजबूत होंगे। वाराणसी में हुए ये समझौते हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और मॉरीशस की रणनीतिक साझेदारी को नई ऊर्जा देंगे।

पीएम मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री को हाल ही में संपन्न चागोस समझौते पर बधाई दी और कहा, यह मॉरीशस की संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत है। भारत ने हमेशा उपनिवेशवाद के विरोध और मॉरीशस की संप्रभुता की पूर्ण मान्यता का समर्थन किया है। और इसमें भारत, मॉरीशस के साथ दृढ़ता से खड़ा है। अपने संसदीय क्षेत्र में अतिथि का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “काशी भारत की सभ्यता और सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। हमारी संस्कृति और संस्कार सदियों पहले भारत से मॉरीशस पहुँचे और वहां की जीवन-पद्धति में रच-बस गए। काशी में मां गंगा की अविरल धारा की तरह भारतीय संस्कृति का प्रवाह मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है। इसलिए मैं गर्व से कहता हूं कि भारत और मॉरीशस सिर्फ पार्टनर नहीं, बल्कि एक परिवार हैं।

पीएम मोदी वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि भारत ने मॉरीशस की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विशेष आर्थिक पैकेज का निर्णय लिया है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा, नए रोजगार सृजित करेगा और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के बाहर पहला जन औषधि केंद्र अब मॉरीशस में स्थापित हो चुका है। पीएम मोदी ने सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती का उल्लेख करते हुए कहा कि वे सिर्फ मॉरीशस के राष्ट्रपिता ही नहीं, बल्कि भारतदृमॉरीशस संबंधों केअटूट सेतुके संस्थापक थे।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल मॉरीशस में यूपीआई और रूपे कार्ड की शुरुआत हुई थी. अब हम लोकल करंसी में व्यापार को सक्षम करने की दिशा में काम करेंगे. प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि भारत के आईआईटी मद्रास और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस के साथ समझौते संपन्न किए हैं. ये समझौते रिसर्च, शिक्षा और इनोवेशन में आपसी साझेदारी को नए पायदान पर ले जाएंगे. मॉरीशस के प्रधानमंत्री को भरोसा देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘फ्री, ओपन, सिक्योर, स्थिर और समृद्ध हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है. इस संदर्भ में मॉरीशस के प्रमुख आर्थिक क्षेत्र की सुरक्षा और समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है. संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मॉरीशस, भारत कीनेबरहुड फर्स्टनीति औरविजन महासागरका एक महत्वपूर्ण स्तंभ है. हमेशा मॉरीशस की संप्रभुता की पूर्ण मान्यता का समर्थन किया है. इसमें भारत, मॉरीशस के साथ दृढ़ता से साथ खड़ा रहा है.’ उन्होंने कहा कि मॉरीशस के विकास में एक विश्वसनीय और प्राथमिक साझेदार होना भारत के लिए गर्व की बात है.

डॉ. रामगुलाम ने बैठक में डिएगो गार्सिया सहित पूरे चागोस द्वीप समूह पर भारत से सहयोग पर चर्चा की। कूटनीतिक हलकों में इसे अमेरिका और ब्रिटेन के लिए नई चुनौती माना जा रहा है। प्रधानमंत्री रामगुलाम ने काशी में मिले सम्मान और आतिथ्य के लिए आभार जताते हुए कहा, “वाराणसी पहुंचते ही मुझे और मेरी पत्नी को जो स्वागत मिला, उससे हम दोनों आश्चर्यचकित रह गए। यह भारत की मेरी चौथी आधिकारिक यात्रा है, लेकिन ऐसा गर्मजोशी भरा स्वागत पहले कभी नहीं मिला।यह द्विपक्षीय वार्ता हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और मॉरीशस के आर्थिक रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देने के साथ-साथ सांस्कृतिक बंधन को और मजबूत करने वाली मानी जा रही है। और चागोस विवाद पर साझा पहल से वैश्विक राजनीति में नई हलचल की संभावना बढ़ी है।

मुख्य फैसले और करार

विशेष आर्थिक पैकेज : भारत ने मॉरीशस के लिए स्पेशल इकोनॉमिक पैकेज की घोषणा की, जिसके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत ढाँचे और रोजगार से जुड़े प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी।

स्थानीय मुद्रा में व्यापार : दोनों देशों ने भारतीय रुपये और मॉरीशस रुपये में व्यापार शुरू करने पर सहमति जताई, जिससे डॉलर पर निर्भरता घटेगी।

उच्च शिक्षा साझेदारी : मॉरीशस विश्वविद्यालय के साथ आईआईटी मद्रास और आयुष इंडियन इंस्टीच्यूट आफ प्लांटेशन मैनेजमेंट के बीच उच्च शिक्षा अनुसंधान के लिए साझेदारी तय हुई।

समुद्री सुरक्षा : भारतीय नौसेना और मॉरीशस के बीच हाइड्रोग्राफी, समुद्री मानचित्रण और ईईजेड सर्वेक्षण के लिए समझौता।

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी : मॉरीशस को 100 इलेक्ट्रिक बसें देने का निर्णय, जिनमें से 10 बसें पहले ही पहुच चुकी हैं।

आयुष एवं स्वास्थ्य : पोर्ट लुई स्थित एसएसआरएन अस्पताल में 500 बिस्तरों का आयुष सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के विकास में भारत सहयोग करेगा।

हवाई सड़क : अवसंरचना मॉरीशस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नया एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर तथा रिंग रोड विस्तार परियोजना में भारतीय तकनीकी सहयोग।

विशेष आर्थिक पैकेज

भारत ने मॉरीशस की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। जिसमें :-

ग्रांट आधारित परियोजनाएं : लगभग यूएसडी लगभग 215 मिलियन

ग्रांट : लाइन ऑफ क्रेडिट मिश्रित परियोजनाएं : लगभग यूएसडी लगभग 440 मिलियन

बजटीय सहायता : लगभग यूएसडी लगभग 25 मिलियन

इन्हें मिलाकर कुल राशि करीब यूएसडी 680 मिलियन डॉलर होती है। यह पैकेज बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेगा, रोजगार के अवसर बढ़ाएगा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगा।

संस्कृति और ऐतिहासिक सेतु

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इस वर्ष हम सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती मना रहे हैं। वे केवल मॉरीशस के राष्ट्रपिता ही नहीं, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच अटूट सेतु के संस्थापक भी थे।

काशी में अद्भुत स्वागत

डॉ. रामगुलाम ने काशी में मिले आतिथ्य से प्रभावित होकर कहा, “मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल का जिस गर्मजोशी से स्वागत हुआ, वैसा किसी भी प्रधानमंत्री को शायद ही मिला हो। यह भारत की मेरी चौथी आधिकारिक यात्रा है और सबसे यादगार भी।विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “इस यात्रा का एक प्रमुख परिणाम मॉरीशस को एक विशेष आर्थिक पैकेज देने का हमारा निर्णय है. इसमें पोर्ट लुई बंदरगाह का विकास, चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र की निगरानी के लिए विकास और सहायता, अनुदान के रूप में मिश्रित वित्तीय सहायता और प्रमुख परियोजनाओं के लिए ऋण सहायता सहित कई फैसले शामिल हैं.”

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