शिवालयों में गूंजा ऊं नमः शिवाय, भक्तों ने किया जलाभिषेक
हेलीकाप्टर द्वारा घाटों
पर की गई
पुष्पवर्षा
गंगा घाट
पर उमड़ा श्रद्धालुओं
का सैलाब, कांवरियों
से पट गए
शिविर
सुरेश गांधी
वाराणसी। सावन के
दुसरे सोमवार के
मौके पर भोलेनाथ
को रिझाने के
लिए शिवालयों में
भोर से ही
लाखों श्रद्धालुओं का
तांता लग गया।
काशी लेकर देवघर
तक हर हर
महादेव की गूंज
है। केसरिया बाना
और हाथों में
कांवर लिए श्रद्धालुओं
ने पूरे शहर
को अपने रंग
में रंग लिया।
बम बोल व
हर हर महादेव
के उद्घोष से
कोना-कोना शिवमय
हो गया। सभी
ने शिव को
प्रसन्न करने के
लिए उन्हें अत्यंत
प्रिय भांग-धतूरा
चढ़ाकर अपनी मुरादों
की अर्जी लगाई। भोले की भक्ति
का यह नजारा
देश के हर
शिवालय में देखने
को मिला।
कांवरियों के लिए
शहर में कई
स्थानों पर कांवरिया
शिविर लगाए गए
हैं। वहां पर
रात्रि विश्राम के साथ
ही उनके रहने,
सोने, खाने और
चिकित्सा की व्यवस्था
की गई है।
तो दुसरी तरफ
बाबा विश्वनाथ की
नगरी में आए
कावरियों और दशनार्थियों
के ऊपर उत्तर
प्रदेश सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर
से दशाश्वमेघ घाट,
शीतला घाट, अहिल्याबाई
घाट आदि दर्जनों
घाटों पर गुलाब
की पंखुड़ियों की
पुष्प वर्षा की
गई। घाटों पर
श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव
के उदघोष के
साथ पुष्पवर्षा का
स्वागत किया।
भारत के
12 ज्योर्तिलिंगों में से
एक बाबा विश्वनाथ
के दर्शन के
लिए श्रद्धालुओं की
लंबी कतार देर
रात से ही
लग गई। बोल
बम के नारों
से बाबा दरबार
क्षेत्र रात भर
गूंजता रहा तो
सुबह मंगला आरती
के साथ ही
हर हर महादेव
के जयघोष के
साथ ही जलाभिषेक
का जो दौर
शुरू हुआ वह
दिन चढ़ने तक
जारी रहा। सड़कों
पर आस्था का
सागर ऐसा उमडा
कि ट्रैफिक जाम
सरीखा नजारा दिखने
लगा। सुबह नौ
बजे तक करीब
एक लाख श्रद्धालुओं
ने बाबा दरबार
में दर्शन पूजन
और जलाभिषेक कर
पुण्य की कामना
की। वहीं बाबा
दरबार में दर्शन
पूजन से पूर्व
गंगा में स्नान
ध्यान और पूजन
का भी दौर
चला। अन्य शिवालयों
में भी सुबह
से ही आस्थावानों
की भीड़ लगी
रही और दूर
दराज से आने
वाले दर्शन पूजन
और जलाभिषेक कर
पुण्य के भागी
बने। मंडुवाडीह से
दशाश्वमेध घाट तक
कांवरियों का हुजूम
नजर आ रहा
है। दशाश्वमेध घाट
और गंगा तट
से मंदिर तक
आने वाली सड़क
पर केसरिया वेशधारी
शिवभक्तों का बम-बम, हर-हर का
जयघोष हर किसी
को भक्ति के
भाव से भर
गया। दर्शन पूजन
और जलाभिषेक के
लिए कांवरिया जत्थे
कई जिलों से
काशी पहुंच रहे
हैं।
बता
दें, शिव की
नगरी काशी सावन
में पूरी तरह
से केसरिया मय
हो चुकी है।
मंदिर से लेकर
शहर में आने
वाले प्रमुख रास्तों
पर बोल बम
के जयकारे लगाते
कांवरियों के आने
का सिलसिला लगातार
जारी है। सावन
के दूसरे सोमवार
पर तेरस पड़ने
के कारण काशी
में बाबा विश्वनाथ
दरबार में दर्शन
पूजन और जलाभिषेक
के लिए कांवरिया
का जत्था कई
जिलों से काशी
पहुंचा। हजारों कांवरिया की
भीड़ बाबा दरबार
में दर्शन-पूजन
के लिए बोल-बम के
नारों के साथ
आगे बढ़ती जा
रही थी। है।
प्रयागराज से जल
लेकर बाबा विश्वनाथ
का जलाभिषेक करने
भारी संख्या मे
कावंरियां काशी पहुंच
रहे है। सावन
के दूसरे सोमवार
को जिलाधिकारी सुरेन्द्र
सिंह एसएसपी के
साथ मार्कण्डेय महादेव
पहुंचे। वहां दोनों
अधिकारियों ने बाबा
का जलाभिषेक किया।
इसके पहले कांवरियों
व श्रद्धालुओं के
बाबत की गयी
व्यवस्था का जायजा
लिया। वहां भी
देर रात से
ही भगवान भोलेनाथ
का दर्शन पूजन
करने को श्रद्धालुओं
का ताता लगा
रहा। सुरक्षा के
कड़े इंतजाम किए
गए है। झारखंड के वैद्यनाथ
मंदिर में भक्तों
का तांता लगा
रहा। हर तरफ
केवल शिव भक्ति
ही नजर आ
रही है। भोर
की पहली किरण
के साथ ही
लाखों भक्त शिव
की विशेष पूजा
और आरती में
शामिल हुए। वहां
चारो तरफ बम
बम भोले की
जयाकरे लग रहे
हैं। लाखों शिवभक्तों
का सैलाब बैद्यनाथ
धाम में भी
देखने को मिला।
कांवड़ियों ने बम
भोले के जयकारे
के साथ बाबा
भोले के दर्शन
किए... भगवा रंग
से पूरा परिसर
सराबोर नजर आया।
उज्जैन के महाकालेश्वर
मंदिर में विशेष
पूजा का आयोजन
किया गया। भोलेनाथ
की भव्य भस्म
आरती हुई। दूध,
शहद और जलाभिषेक
के साथ भगवान
महाकाल की पूजा
की गई जिसमें
बड़ी संख्या में
श्रद्धालुओं ने हिस्सा
लिया। भगवान शिव
की ससुराल कनखल
दक्ष मंदिर में
महाआरती की गई।
मान्यता है कि
सावन के महीने
में कैलाश पर्वत
से शिव अपनी
ससुराल कनखल में
आ जातें हैं
और पूरे सावन
के महीने यहीं
पर विराजते हैं।
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