क्या विवादों से ‘हिट’
होगी दीपिका की ‘छपाक’?
हर बार जब भी दीपिका पादुकोण की फिल्म रिलीज होने वाली होती है कोई नया विवाद सामने आ जाता है। अब एक बार फिर उनकी फिल्म ’छपाक’ रिलीज के लिए तैयार है। और ठीक 24 घंटे पहले एक बड़ा विवाद सामने खड़ा नजर आ रहा है। जेएनयू हिंसा में दीपिका का कूदना नया बखेड़ा हो गया है। 10 मिनट के साइलेंट प्रोटेस्ट ने उनकी फिल्म छपाक को सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड में ला दिया है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या वाकई दीपिका पादुकोण ने जेएनयू में केवल पब्लिसिटी के लिए एंट्री की थी? या विवादों में पड़कर अपनी फिल्म को हिट कराने का उनका प्रोफेशनल तरीका है? हालांकि उनके इस कदम से कुछ खास विचारधारा वाले लोग फिल्म को बॉयकॉट करने की मांग कर रहे हैं। यह अलग बात है कि पद्मावत में भी खूब विरोध हुआ और फिल्म हिट रही
सुरेश गांधी
फिरहाल, दीपिका पादुकोण
का जेएनयू मामले
के विवादों में
आना उन्हें शक
के दायरे में
खड़ा कर रहा
है। खासतौर से
देश को टुकड़े
टुकड़े करने एवं
अफजल तेरे कातिल
जिंदा है, हम
शर्मिंदा है और
लड़ के लेंगे
आजादी जैसे नारे
लगाने वाले देश
विरोधी कंहैया कुमार के
साथ खड़े होना
को लेकर लोगों
की शक और
गहरा गया है।
भाजपा इसे देशद्रोही
करार देने में
जुट गयी है।
लेकिन सोशल मीडिया
पर फिल्म को
लेकर जिस तरह
दो गुट गया
है, उसमें छपाक
की कहानी अगर
लोगों को पसंद
आती है तो
इससे फिल्म को
जबरदस्त पब्लिसिटी मिलने की
संभावना है। क्योंकि
जो लोग उनका
समर्थन कर रहे
हैं वो लोग
तो फिल्म देखने
जाएंगे ही। नॉन
पॉलिटिकल सिनेमा लवर्स के
बीच भी माउथ
पब्लिसिटी के जरिए
कहानी पहुंचेगी। जिससे
फिल्म को काफी
ज्यादा फायदा हो सकता
है। ऐसे में
छपाक की ओपनिंग
और माउथ पब्लिसिटी
इस मामले में
सबसे ज्यादा मायने
रखेगी।
भोजपुरी गायक एवं
भाजपा दिल्ली अध्यक्ष
मनोज तिवारी कहते
है आईशा घोष
जो जेएनयू की
अध्यक्ष है उसके
साथ खड़े होने
में कोई दिक्कत
नहीं है। सवाल
उठे हैं कन्हैया
कुमार के साथ
खड़े होने में
और दीपिका को
पता नहीं होगा
कि वह कन्हैया
कुमार वही है
जिसने कहा था
की भारत की
बर्बादी तक जंग
रहेगी। इंडियन आर्मी मुर्दाबाद।
भारत तेरे टुकड़े
होंगे। दीपिका को खुद
अपनी बात रखनी
है कि वो
किसके साथ है।
बता दें, ’छपाक’ की रिलीज़ से दो
दिन पहले ये
नेगिटिव प्रमोशन क्या गुल
खिलाएगा ये तो
शनिवार को बॉक्स
ऑफिस रिपोर्ट आने
के बाद ही
पता चलेगा, लेकिन
दीपिका की पिछली
फिल्म पद्मावत को
लेकर भी काफी
विवाद हुआ था।
इसके बावजूद फिल्म
ने बॉक्स ऑफिस
पर जबरदस्त कलेक्शन
किया था और
फिल्म ने भारत
में लगभग 300 करोड़
और वर्ल्डवाइड 585 करोड़
के आसपास कमाई
की थी।
जेएनयू के छात्रों
से मिलने के
बाद जनता में
मिला-जुला रिएक्शन
देखने को मिल
रहा है। जहां
कुछ लोग दीपिका
पादुकोण के इस
कदम को लेकर
उनके जज्बे को
सलाम कर रहे
हैं तो वहीं
कुछ लोग उनकी
फिल्म ’छपाक’ को बॉयकॉट
करने की बात
कर रहे हैं।
सवाल है कि
दीपिका वहां लेफ्ट
छात्रों के समर्थन
में पहुंची थीं
या फिर अपनी
फिल्म ’छपाक’ का प्रमोशन
करने के लिए?
अफसोस की बात
ये है कि
दीपिका की फिल्म
छपाक....एसिड अटैक
की एक पीड़िता
की कहानी है।
यानी उनकी फिल्म
अपराध से महिलाओं
को आज़ादी दिलाने
की बात करती
है। लेकिन दीपिका
ने महिलाओं की
आज़ादी की बात
करने की बजाय....कश्मीर की आजादी
की नारे लिखने
वालों को चुना।
यह अलग बात
है कि फिल्म
छपाक की नायिका
दीपिका पादुकोण अपनी सफाई
में कहती है
वो जेएनयू में
फिल्म प्रमोशन के
लिए गयी थी।
लेकिन बड़ा सवाल
तो यही है
कि क्या दीपिका
का देश के
खिलाफ नारे लगाने
वालों के साथ
खड़ा होकर उनके
सुर में सुर
मिलाना सही है?
आखिर दीपिका
की फिल्में विरोध
में ही क्यो
हिट हो जाती
हैं? जेएनयू गई
चूपचाप खडी रही
और फिर सरक
ली. विरोध इतना हुआ
कि बखेडा देशद्रोह
से होता हुआ
धर्म पर अटक
गया. कहा गया फिल्म
मे नदीम खाँ
के नाम की
जगह राजेश शर्मा
क्यो रखा गया
है. जबकि नाम राजेश
नही बशीर खाँ
उर्फ बब्बू है. वैसे
पद्मावतमे भी कुछ
ऐसा ही बाइकाट
का आन्दोलन चल
रहा था फिल्म
बाक्स आफिस पर
हिट हो गईं,
एक झटके में
300करोड़ से भी
अधिक कमा लिया
है..मतलब साफ
है दीपिका की
सफलता विवादों से
होकर ही गुजरती
हैं...वैसे एसिड
अटैक की शिकार
लक्ष्मी अग्रवाल का टूकड़े
टुकड़े गैंग की
सक्रिय सदस्य हैं और
दीपिका उसी के
कहने पर जेएनयू
गई थी। जहां
तक राजेश नाम
का सवाल है
तो फिल्म में
उसे लक्ष्मी यानी
मालती की रोल
कर रही दीपिका
का दोस्त बताया
जा रहा है।
हकीकत फिल्म देखने
के बाद ही
सब कूछ स्पष्ट
होगा..दरअसल, सारा
मामला स्वराज नामक
मैगजीन में छपी
झूठी खबर के
चलते उपजी। इस
खबर में लिखा
गया कि फिल्म
में तेजाब फेंकने
वाले किरदार का
नाम हिंदू रखा
गया है जबकि
वास्तविक कहानी में वह
मुस्लिम था।
फिल्म में दिल्ली
के नदीम खान
की जगह राजेश
शर्मा है। नदीम
खान को कोर्ट
से दस साल
की सजा भी
हुई है। देखते
ही देखते यह
खबर सोशल मीडिया
पर जंगल में
लगी आग की
तरह फैल गयी।
खासकर यह सब
तेजी से उस
वक्त फैला जब
दीपिका जेएनयू में छात्रों
के खिलाफ हुई
हिंसा में शामिल
हुई। सोशल मीडिया
पर एक बड़ा
तबका उनके खिलाफ
होता नजर आने
लगा। फिर चीजें
कुछ इस तरह
से हुईं कि
पूरी तस्वीर ही
बदलती चली गई।
एक तरफ जहां
सोशल मीडिया पर
राजेश और नदीम
नाम ट्रेंड करने
लगे तो दूसरी
तरफ बड़े-बड़े
राजनेताओं ने बिना
मामले की तह
तक जाए दीपिका
की फिल्म के
खिलाफ बयान देने
शुरू कर दिए।
सोशल मीडिया पर
लोगों ने फिल्म
की टिकटों की
फेक तस्वीरें पोस्ट
करनी शुरू कर
दीं जिनके साथ
ये दावा दिया
गया कि उन्होंने
अपने शो की
बुकिंग कैंसिल कर दी
है। ऐसे में
बड़ा सवाल तो
यही है क्या
फिल्म प्रमोशन के
लिए यह भी
एक तरीका है
या कुछ और?
खासकर जिस दीपिका
को देशद्रोही व
गद्दार करार किया
जा रहा है
उनकी एक फोटो
और सोशल मीडिया
पर तेजी से
फैल रही जिसमें
रणधीर व दीपिका
बाह से कमर
तक भाजपा का
बैनर लपेटे हुए
है।
बता दें,
स्टॉप सेल ऐसिड
की कैंपेनर और
आज के समय
में फैशन दुनिया
का बड़ा नाम
हैं लक्ष्मी अग्रवाल।
लेकिन उनकी कहानी
जितनी दर्दनाक है,
उससे कहीं ज्यादा
प्रेरक, हौसल बढ़ाने
वाली और संघर्ष
भरी है। मेघना
गुलजार के डायरेक्शन
में बनी दीपिका
की फिल्म छपाक
रिलीज हो रही
है। यह फिल्म
एसिड पीडिता लक्ष्मी
अग्रवाल पर आधारित
है। लक्ष्मी का
जन्म 1 जून, 1990 को दिल्ली
की एक मिड्ल
क्लास फैमिली में
हुआ है। जिंदगी
में गायिका बनने
का सपना पाले
हुई 15 साल की
लड़की अपनी दुनिया
में मगन थी।
उसे पता भी
नहीं था कि
किसी सिरफिरे की
वजह से जिंदगी
में तकलीफ और
पीड़ा का सामना
करना पड़ेगा। खैर
तेजाब ने भले
ही उसकी शक्ल
बिगाड़ दी हो
लेकिन उसके सपनों,
उसके इरादों और
उसके फैसलों को
नहीं बिगाड़ सका।
आखिर में उसके
हौसलों की जीत
हुई और आज
फैशन की दुनिया
में उसका अलग
मुकाम है। लक्ष्मी
के मुताबिक 32 साल
का नईम खान
नामक युवक उनसे
शादी करना चाहता
था। लेकिन उन्हें
उसमें कोई दिलचस्पी
नहीं थी। उन्होंने
नईम खान को
मना कर दिया।
उसके बावजूद वह
लक्ष्मी का पीछा
करता रहा। यह
घटना 2005 की है।
लक्ष्मी खान मार्केट
एक बुकशॉप पर
जा रही थीं।
रास्ते में नईम
ने उन पर
तेजाब से हमला
कर दिया। वह
गली में गिर
पड़ी और दर्द
से कराह रही
थीं। थोड़ी देर
बाद एक टैक्सी
ड्राइवर आया और
उनको नजदीकी सफदरजंग
अस्पताल ले गया।
लक्ष्मी को करीब
तीन महीनों तक
अस्पताल में रहना
पड़ा जहां उनकी
कई बार सर्जरी
हुई। उनका कहना
है कि ’जिस
वार्ड में मैं
थी, वहां कोई
आईना नहीं था।
हर दिन सुबह
में नर्स एक
कटोरे में पानी
लाती जिससे मैं
अपने मुंह हाथ
धोकर फ्रेश होती
है। मैं उस
पानी में अपने
चेहरे की झलक
देखने की कोशिश
करती। मैं सिर्फ
पट्टियां लगे अपने
चेहरे की झलक
देख पाती थी।
कुछ समय बाद
जब पहली बार
मैंने अपने चेहरे
को देखा तो
मैं सुन्न रह
गई, ऐसा लगा
जैसे मेरा सबकुछ
लुट गया हो।
ऐसा लग रहा
था कि मैं
आत्महत्या कर लूं।’ लेकिन उन्होंने धैर्य रखा
और उनके अथक
प्रयासों से 2006 में उन्होंने
सुप्रीम कोर्ट में एक
जनहित याचिका दाखिल
की और तेजाब
की बिक्री पर
पूरी तरह रोक
लगाने की मांग
की। 2013 में कोर्ट
का फैसला उनके
पक्ष में आया
और तेजाब की
बिक्री पर रोक
लग गई। जब
2013 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के
अवसर पर 8 मार्च
को आलोक दीक्षित
और आशीष शुक्ला
ने स्टॉप ऐसिड
अटैक कैंपेन चलाया
तो लक्ष्मी को
उसकी कैंपेनर बनाया।
उन्होंने अन्य तेजाब
पीड़िताओं के साथ
मिलकर तेजाब पीड़िताओं
को तुरंत इंसाफ
दिलाने और उनके
पुनर्वास के लिए
भूख हड़ताल किया।
घटना के दौरान
की अपनी स्थिति
के बारे में
उन्होंने एक कविता
लिखी जिसमें उन्होंने
अपनी दर्दभरी कहानी
को बयान किया।
इस तरह
से लक्ष्मी तेजाब
पीड़िताओं की आवाज
बन गई। उनके
साहस, योगदान और
काम को देखने
के बाद अमेरिका
की तत्कालीन फर्स्ट
लेडी मिशेल ओबामा
ने उनको इंटरनैशनल
विमिन ऑफ करेज
अवॉर्ड से नवाजा।
स्टॉप ऐसिड अटैक
अभियान के दौरान
लक्ष्मी और आलोक
एक-दूसरे को
प्यार करने लगे।
दोनों ने शादी
की बजाय लिव
इन रिलेशनशिप में
रहने को चुना।
कुछ समय बाद
लक्ष्मी और आलोक
की बेटी पिहू
का जन्म हुआ।
उसके बाद कुछ
मतभेदों की वजह
से दोनों अलग
हो गए। लक्ष्मी
को उसके बाद
आजीविका के लिए
काफी संघर्ष करना
पड़ा। अस्पताल से
आने की दर्द
भरी कहानी को
भी उन्होंने एक
इंटरव्यू के दौरान
साझा किया। उन्होंने
बताया कि जब
अस्पताल से घर
आए तो लोग
कहते थे, ’लड़की
है, इसकी शादी
कैसे होगी अब?’,
’बॉडी के किसी
और पार्ट पर
ऐसिड डाल देता,
फेस पर ही
क्यों?’। उन्होंने
बताया कि लोगों
ने उनके परिवार
को सुझाव दिया
कि उनको जहर
का इंजेक्शन देकर
मार दिया जाए।
उन्होंने इस पीड़ा
को कुछ यूं
बयान किया, ’उस
आदमी ने मुझ
पर सिर्फ एक
बार हमला किया
लेकिन समाज मुझ
पर अपनी नकारात्मकातओं
से बार-बार
हमला करता रहा।’
दीपिका
पादुकोण की मच
अवेटिड मूवी ’छपाक’ का ट्रेलर
में भी कुछ
ऐसा ही कहानी
है। इस फिल्म
में दीपिका लक्ष्मी
की ही किरदार
मालती के रुप
में निभाती दिखेंगी,
जिस पर ऐसिट
अटैक किया जाता
है। ऐसिड हमले
की शिकार एक
लड़की को कैसे
समाज में खुद
की पहचान बनाने
और आरोपियों को
सजा दिलाने के
लिए संघर्ष करना
पड़ता है इसे
’छपाक’ में दिखाया
गया है। यही
वजह है कि
छपाक बेहद खास
है। जो सिर्फ
एक लक्ष्मी की
नहीं बल्कि इसका
शिकार हुई कई
लड़कियों की कहानी
है। छपाक मालती
के सपनों की
कहानी है। जो
आगे बढ़ना चाहती
है। घर-परिवार
के लिए कुछ
करना चाहती है।
लेकिन एक ‘ना’ उसकी जिंदगी किस तरह
बदल देती है।
ये फिल्म में
देखने को मिलेगा।
फिल्म की कहानी
में मालती किसी
के प्यार को
इंकार कर देती
है। जिसके बाद
उसकी जिंदगी हमेशा
के लिए बदल
जाती है। सामने
वाला इस ना
को बर्दाश नही
कर पाता और
तेज़ाब से उसका
पूरा चेहरा जला
देता है। जिसका
अंजाम मालती को
ताउम्र झेलना पड़ता है।
इस जले चेहरे
के साथ वो
अपनी लड़ाई खुद
लडती है। कैम्पेन
चलाती है। एसिड
अटैक शिकार लड़कियों
के हक़ में
लड़ती हैं। एक
अटैक से कैसे
उसका जीवन पूरी
तरफ से बदल
जाता है। इस
फिल्म में दिखाया
जायेगा। जो अपने
आप में बड़ी
कहानी है।
मूवी में
विक्रांत मैसी मेल
लीड की भूमिका
निभाएंगे। ’छपाक’ को मेघना
गुलजार ने डायरेक्ट
किया है। फिल्म
हिट हो इसके
लिए वह जगह
जगह जाकर प्रमोट
कर रही है।
लेकिन उनका जेएनयू
पहुंचना और हिंसा
में घायल छात्रों
से मिलना तो
लोगों को समझ
में आता है
पर उनका भारत
को तोड़ने वाली
फोर्स के साथ
खड़ा होना गले
के नीचे नहीं
उतर रहा है।
फिरहाल, फिल्म में दीपिका
की ऐक्टिंग देख
हर कोई स्तब्ध
है। यह फिल्म
का वह सीन
है जब दीपिका
के किरदार यानी
मालती पर ऐसिड
फेंक दिया जाता
है। इस सीन
को देख रोंगटे
खड़े हो जाते
हैं। जिस खूबसूरती
के साथ दीपिका
ने एक ऐसिड
अटैक पीड़िता की
कहानी को फिल्मी
पर्दे पर जीवंत
किया है, वह
तारीफ के काबिल
है। दीपिका के
किरदार यानी मालती
पर जब ऐसिड
फेंका जाता है
और जब उन्हें
इलाज के लिए
अस्पताल लाया जाता
है, तो उनका
रोना और चीखें
दिल चीर जाती
हैं। ’छपाक’ में ऐसिड
अटैक सर्वाइवर की
ऐक्टिंग के साथ-साथ लुक
के लिए भी
दीपिका ने कड़ी
मेहनत की और
वह इन तस्वीरों
से साफ झलक
रहा है।
’छपाक’ में दीपिका के अलावा
विक्रांत मैसी की
ऐक्टिंग की भी
खूब तारीफ हो
रही है। लोग
उन्हें ’छुपा रुस्तम’ कह रहे हैं।
दीपिका ने कहा-
ये जो एसिड
अटैक का मुद्दा
है, इसके बारे
में हम लोग
ज्यादा जानते नहीं हैं।
जितना हम रेप
और मर्डर या
और कोई अलग
तरह के जो
क्राइम होते हैं
उनके बारे में
बात करते हैं।
एसिड अटैक को
देखा जाए तो
पिछले कुछ सालों
में ये सिर्फ
बढ़ा है। लेकिन
इसके बारे में
इतनी बात नहीं
करते, शायद हमें
इसके बारे में
जानकारी नहीं है.
जितनी की होनी
चाहिए। बीजेपी नेता रामेश्वर
शर्मा ने दीपिका
के साथ-साथ
जावेद अख्तर पर
निशाना साधते हुए कहा
कि दीपिका हो
या जावेद, इनको
ये समझ लेना
चाहिए कि हिंदुस्तान
को जलाने वालों
के साथ आप
खड़े होंगे तो
ये देश तुमको
स्वीकार नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि
ये देश आपको
इसलिए स्वीकार करता
है क्योंकि आप
एक्टिंग करते हैं।
लेकिन जब वही
एक्टिंग आप देशद्रोहियों
के साथ मिलकर
करते हैं तो
हिंदुस्तान देशभक्तों को तो
पसंद करता है
लेकिन देश के
गद्दारों को पसंद
नहीं करता।
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