Sunday, 18 July 2021

सिर्फ बसपा में ही है सतीश मिश्रा जैसा कद्दावर ब्राह्मण नेता : महेन्द्र

सिर्फ बसपा में ही है सतीश मिश्रा जैसा कद्दावर ब्राह्मण नेता : महेन्द्र

अगस्त के पहले सप्ताह में बाबा विश्वनाथ दरबार में मत्था टेकने के बाद काशी के ब्राह्मणों से रु--रु होंगे राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा

ब्राह्मण समाज को जोड़ने वाले कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे महेन्द्र कुमार पांडेय

सुरेश गांधी

वाराणसी। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बसपा सुप्रीमों एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ब्राह्मण समाज को अपने पाले में लाने के लिए हर संभव कोशिश में जुट गयी है। या यूं कहे यूपी चुनाव से पूर्व 2007 के सोशल इंजिनियरिंग के फार्मूले को धार देने में जुट गयी है। इसी कड़ी में मायावती ने ब्राह्मण समाज को एकजुट करने की जिम्मेदारी एकबार फिर से राज्यसभा सांसद एवं बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को सौंपी है। यह जिम्मेदारी मिलने के बाद सतीश मिश्रा के करीबी सेवापुरी से चुनाव लड़ चुके महेन्द्र कुमार पांडेय पूर्वांचल में ब्राह्मण भाईचारा सम्मेलन को सफल में बनाने में दिन-रात कर दिया है।

दो दिवसीय दौरे पर आएं महेन्द्र कुमार पांडेय ने शिवपुर के सिकरौल स्थित अपने कार्यालय में ब्राह्मण समाज के युवाओं की बैठक में कहा कि सतीश मिश्रा अगस्त माह के पहले सप्ताह में वाराणसी आयेंगे। इस दौरान वह बाबा विश्वनाथ दरबार में मत्था टेकेंगे। इसके बाद ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस दौरान सतीश मिश्रा कई ब्राह्मणें के घर भी जायेंगे। बैठक में आएं ब्राह्मण समाज के युवाओं द्वारा उठाएं गए सवाल के जवाब में महेन्द्र कुमार पांडेय ने कहा कि ब्राह्मण के तौर पर जो हैसियत या ओहदा बसपा में सतीश मिश्रा का है, वह किसी दुसरे दल के ब्राह्मण की नहीं है। उन्होंने 2007 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ यूपी में 100 से अधिक ब्राह्मणें को बसपा की टिकट दिलाई बल्कि उन्हें विजयी बनाकर दर्जनभर से अधिक ब्राह्मणें को मंत्री भी बनवाया। सचिवालय से लेकर थानों तक में ब्राह्मण समाज के ईमानदार अधिकारियों की तैनाती करवाई।

महेन्द्र पांडेय ने कहा कि गैर बसपा दलों में सतीश मिश्रा जैसे कद्दावर चेहरा तो छोड़िए ब्राह्मणों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। सपा में अखिलेश यादव के इशारे पर पश्चिम में एक ब्राह्मण युवक का सिर इसलिए कटवा दिया गया कि उसने समाज के उत्थान के बाबत सवाल पूछ लिया था। जबकि भाजपा में ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न के साथ ही ताबड़तोड़ एनकाउंटर करवाया जा रहा है, फर्जी मुकदमों में जेल भेजा रहा है, उनके कामकाज को ठप कर दिया गया है। महेन्द्र पांडेय ने कहा कि 2022 के चुनाव में उत्पीड़न के शिकार ब्राह्मण समाज भाजपा या सपा के किसी भी बहकावे में नहीं आएंगा और अगले विधानसभा चुनाव में उसे वोट नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण बीजेपी के बहकावे में गए और एकतरफा वोट देकर भाजपा की सरकार बनवा दी लेकिन अब वे पछता रहे हैं। सब जानते हैं कि उन पर इस सरकार में कितनी ज्यादती हुई। आने वाले विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों को फिर से बसपा के साथ जाना चाहिए।

महेन्द्र पांडेय ने कहा कि ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए बसपा 23 जुलाई से अयोध्या से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत कर रही है। अब समय गया है कि ब्राह्मण फिर से बसपा के साथ जुड़ जाएं क्योंकि 2007 के चुनाव में ब्राह्मण बसपा के साथ जुड़े थे और प्रदेश में बसपा की सरकार बन गई थी। बसपा ने भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा था। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण आखिर कांग्रेस और भाजपा पर कितना भरोसा करेंगे। अब समय गया है कि इन दोनों को ही तिलांजलि दे दी जाए। अपने मान, सम्मान एवं तरक्की के लिए उन्हें बसपा में आना ही चाहिए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा को भले ही सीटें कम मिली हों पर उसका वोट प्रतिशत सपा से भी ज्यादा रहा था। बैठक में मुन्ना चौबे, यूपी कालेज के पूर्व अध्यक्ष प्रशांत पांडेय बाघा, पप्पू पांडेय, प्रदीप मिश्रा, अजीत मिश्रा, प्रदीप मिश्रा, विमल तिवारी आदि प्रमुख लोग मौजूद थे।  

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