Sunday, 11 September 2022

अंतर्राष्ट्रीय कालीन मेले से पहले सवालों के घेरे में सीईपीसी की कार्यप्रणाली

अंतर्राष्ट्रीय कालीन मेले से पहले सवालों के घेरे में सीईपीसी की कार्यप्रणाली

सीईपीसी के दोनों गुटों में छिड़ी आरोप-प्रत्यारोपों की जंग

संजय गुप्ता ने कहां, धांधली के बूते चुनाव जीते लोगों से निर्यातकों की कोई उम्मींद नहीं, मामला कोर्ट में है

स्टाल बुकिंग की दर अधिक वसूले जाने से खफा वस्त्र मंत्रालय और निर्यातकों को जवाब देने के बजाय सीईपीसी पदाधिकारियों की भूमिका उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत को कर रही चरितार्थ

सुरेश गांधी

वाराणसी। 15 से 18 अक्टूबर तक कारपेट एक्स्पो मार्ट में आयोजित होने वाली चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कालीन मेले के पहले मेला आयोजक कालीन निर्यात संवर्धन परिषद की भूमिका सवालों के घेरे में गयी है। एक तरफ वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार एक्स्पों में बुकिंग स्टाल की कीमत अधिक वसूले जाने के मामले में विकास आयुक्त हस्तशिल्प ने सीईपीसी को कारण बताओं नोटिस जारी किया है, तो दूसरी तरफ भदोही में पहली बार आयोजित कारपेट एक्स्पों से गदगद कालीन निर्यातक एवं स्टाल प्रदर्शकों में इस खींचतान से मायुसी झलकने लगी है।

बता दें, एक दिन पहले सीईपीसी के प्रशासनिक सदस्य इम्तियाज अंसारी ने आरोप लगाया था कि कुछ लोग आयोजन से पहले कुचक्र रचकर मेले को प्रभावित करना चाहता है। उनके इस तीखे सवाल को जवाब देते हुए सीइपीसी के पूर्व प्रशासनिक सदस्य संजय गुप्ता ने इन आरोपों को उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, वाली बात कह कर कहते है जहां तक हार जीत हार की बात है तो यह पूरे कालीन उद्योग को पता है कि किस तरह बेईमानी और भ्रष्टाचार करके चुनाव को जीतने का प्रयास किया गया था। इसका संज्ञान खुद सरकार ने लेते हुए चुनाव निरस्त कर दिया है और मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए कोई जीता है कोई हारा है। आने वाले समय में जिन लोगों ने इसमें गलत तरीके से अपने पैसे जमा करके 200 फर्जी वोट डाले हैं, उनके ख़लिफ़ कड़ी कार्रवाई एवं सजा होगी। इसलिए अपने आप को जीता हुआ महसूस करने की गलतफहमी अपने मन से निकाल दे। 

                संजय गुप्ता का कहना है कि शुरुवाती दौर से ीवे चाहते है कि भदोही में सफल एक्स्पों को आयोजन हो, लेकिन जिस तरह स्टाल बुकिंग में निर्यातकों से अधिक रुपये वसूले गए है, उस पर तो सवाल उठेगा ही, और इन सवालों का जवाब देते हुए मनगढंत छीटाकशी को तो कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। इसलिए आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकने की जरुरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि कश्मीर में एक इम्प्लाई द्वारा लगाएं गए आरोपों के मामले में पहले से कुछ सदस्यों पर प्राथमिकी दर्ज है। संजय गुप्ता ने कहा, यह सब जानते है कि एकमा में पिछले चुनाव में मैं पहला व्यक्ति था जिसने भदोही में मेला लगाने का आह्वान किया था और जो मार्च 2022 में मेला दिल्ली मे लगा था उसको भी हमने भदोही में लगाने का पुरजोर प्रयास किया था, परंतु कुछ लोगों की तंबू में कालीन मेला लगाने का मजबूत आकर्षण मुझे कामयाब नहीं होने दिया। उनकी मंशा तो सिर्फ इतनी है कि मेला सफल हो लेकिन निर्यातकों का भयोदोहन कर नहीं। क्योंकि जब वाराणसी में किराए की जमीन और तंबू में कालीन मेला लगता था उस समय तम्बू और जमीन का किराया 4 करोड़ रुपए दिया जाता था, अब यह 4 करोड़ रुपया सीधा-सीधा बच रहा है तब हम इस 4 करोड़ रूपए का लाभ निर्यातकों को क्यों नहीं मिल पा रहा है।

संजय गुप्ता ने कहा कि वे इस बात से परेशान है कि तम्बू मे 4 करोड़ अतिरिक्त ख़र्चा करके हमारा किराया ₹ 5500 आता है, तो अगर वह 4 करोड़ रुपया हमारा बच जाता है, तब पर भी हमसे किराया ₹ 5000 रुपये ही क्यों वसूला जा रहा है। खास बात यह है कि यह बात सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार में बैठे आइएस अधिकारी को भी समझ में नहीं आया। इसीलिए सहायक निदेशक रवि कुमार गौड़ ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अफसोस है कि अभी तक सीईपीसी ने इसका जवाब नहींं दिया है। शायद यही वजह है कि सरकार ने सीईपीसी में हो रहे भ्रष्टाचार को संज्ञान में लेते हुए आदेश दिया है कि कोई भी ख़र्चा गठित कमेटी की स्वीकृति के बगैर नहीं होगा। लेकिन अभी तक कमेटी ही नहीं बनी है और इस कमेटी में सरकार के एक सदस्य का होना अनिवार्य है। संजय गुप्ता का कहना है कि व्यापार को चलाने के लिए व्यापारी को दो खंडों में अपनी पूंजी निवेश करनी होती है पहला उत्पादन में और दूसरा मार्केटिंग। इसके लिए सरकार हमें करोड़ों का अनुदान भी देती है सिर्फ इसलिए कि व्यापारी का मार्केटिंग खर्चा कम से कम हो, जिससे वह अपनी पूंजी उत्पादन में निवेश करे और यही मक़सद के साथ सरकार ने एकमा के सहयोग से भदोही इकस्पो मार्ट बनवाया था। लेकिन मौजूदा सीईपीसी सदस्यों ने स्टॉल क़ीमतों को कम रख कर छोटे और मझोले निर्यातको का हक़ मारा है। और अपनी इन्हीं सब गलत गतिविधियों को छुपाने के लिए ग़लत बयानबाज़ी कराया जा रहा है। ऐसे में मेरा अनुरोध है कि ग़लत बयानबाज़ियों से बचें एवं मेला को सफल बनाने के लिए ईमानदारी से प्रयास करें। अगर मेरा कोई सहयोग चाहिए उसके लिए मैं हमेशा इंडस्ट्री के साथ खड़ा हूँ।

मेले को प्रभावित करने की साजिश : इम्तियाज 

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद सीईपीसी के प्रशासनिक समिति सदस्य इम्तियाज अहमद अंसारी का आरोप है कि भदोही में पहली बार आयोजित होने जा रहे इंडिया कारपेट एक्सों के आयोजन को कुछ कालीन कारोबारी सफल नहीं होने देना चाहते है। लेकिन उनकी इस साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा। उनका कहना है कि मेले में चार सौ से अधिक खरीदार आने का न्योता अस्वीकार कर चुके हैं। ऐसे में यदि मेले का आयोजन रद्द हुआ तो करोड़ों का व्यापार प्रभावित होगा। इसलिए परिषद मेला आयोजन को सफल बनाने के लिए संकल्पित है और निर्यातकों आयातको को हर सुविधा मुहैया कराने का प्रयास कर रही है।

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