Saturday, 29 June 2024

करो सावन की तैयारी, आ रहे हैं डमरू धारी

करो सावन की तैयारी, रहे हैं डमरू धारी

कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन तैयार, तीन जोन में बंटेगा बाबा विश्वनाथ का धाम

बनाए जाएंगे दो और प्रवेश द्वार, श्रद्धालुओं को नहीं होगी कोई परेशानी : विश्वभूषण मिश्र

इस बार भी प्रयागराज-वाराणसी मार्ग का एक लेन कांवरियों के लिए होगा

सुरेश गांधी

वाराणसी। भगवान शिव के प्रिय मास सावन की तैयारी शुरु हो चुकी है। सावन के दौरान व्यवस्था सुचारू बनी रहे और हालात ना बिगड़ें, इसके लिए पुलिस से लेकर बाबा विश्वनाथ धाम तक का प्रशासन ने विशेष तैयारी की है। दावा है कि कांवड़ यात्रियों को किसी भी तरह की समस्या नहीं होने दी जायेगी। इस बार भी प्रयागराज वाराणसी मार्ग का एक लेन कांवरियों के लिए सुरक्षित होगा। इसके अलावा किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए पूरे रास्ते भर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रहेगी।

सावन का शिव भक्तों को बड़ी उत्सुकता से इंतजार रहता है। इस महीने की शुरुआत से ही बहुत सारे हिंदू पर्वों और त्योहारों का आरंभ हो जाता है। मान्यता यह है कि जब भगवान विष्णु पृथ्वी के कार्यभार को भगवान शिव को सौंपकर शयन के लिए चले जाते हैं। इन 4 महीनों में भगवान अपने भक्तों की प्रार्थना सुनने के लिए सभी द्वार खोल देते हैं। यही कारण है की बड़ी श्रद्धा से श्रद्धालु इस महीने में अपने देवाधिदेव महादेव को मनाने का हर संभव प्रयास करते हैं। शिव के अनन्य भक्त भक्ति भाव से ओत-प्रोत रहते हुए अलग-अलग विधियों से भगवान शंकर की स्तुति करते हैं जैसे कि कुछ लोग व्रत-उपवास करते हैं। कावड़िए कावड़ लेकर भगवान शिव पर जल का अभिषेक करते हैं। सावन माह में जप, तप और व्रत इन तीनों विधियों से भगवान शंकर को प्रसन्न किया जा सकता है और सावन माह की तैयारी कई दिनों पहले से ही श्रद्धालु शुरू कर देते हैं। बड़ा ही सुंदर दृश्य होता है शिवालयों के बाहर जब भक्त अपने इष्ट को मनाने के लिए खड़े होते हैं। 

खास यह है कि इस बार दो शुभ योग में सोमवार से सावन की शुरुआत हो रही है। साथ ही भक्तों की टोलियां उत्साह से कांवड़ यात्रा निकालेंगी, इसलिए इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी है। यह महीना भगवान शिव का पूजा को समर्पित है। इसलिए सैकड़ों किलोमीटर दूर से भक्त कांवड़ लाकर महादेव को अर्पित करते हैं। साथ ही इस महीने में अच्छे वर के लिए सोमवार और मंगल गौरी व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि सोमवार व्रत करने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। सावन 22 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान सबसे पहले सावन की पहली तिथि कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा पर लोग लोग तरह-तरह के अनुष्ठान करेंगे। इसी दिन पहला सोमवार भी पड़ेगा। विशेष बात यह है कि सावन प्रीति योग और श्रवण नक्षत्र में शुरू हो रहा है, जो शुभ फलदायक है।

पहला सावन सोमवार व्रतः 22 जुलाई

दूसरा सावन सोमवार व्रतः 29 जुलाई

तीसरा सावन सोमवार व्रतः 5 अगस्त

चौथा सावन सोमवार व्रतः 12 अगस्त

पांचवां सावन सोमवार व्रतः 19 अगस्त

बाबा विश्वनाथ का धाम

सावन के महीने में बाबा विश्वनाथ का दरबार शिवभक्तों से बम-बम रहेगा। मंदिर प्रशासन ने भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तीन श्रेणियों में धाम को विभाजित किया जाएगा। इसके साथ ही धाम में प्रवेश के लिए दो और गेट तैयार होंगे। वहीं, सावन में मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस बार खास इंतजाम होंगे। सावन महीने की शुरुआत प्रीति योग और श्रावण नक्षत्र में 22 जुलाई से हो रही है। द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में जलाभिषेक के लिए देश ही नहीं दुनिया भर से श्रद्धालु काशी आएंगे। पिछले साल सावन दो महीने का होने कारण 1.63 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करके नया रिकॉर्ड बनाया था। इस बार भी बाबा के दरबार में भारी संख्या में श्रद्धाओं के आने की संभावना है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र का कहना है कि इस बार सावन की भीड़ को देखते हुए व्यवस्थाओं में कुछ बदलाव करने की तैयारी है। पिछले साल सावन में श्रद्धालु जिस द्वार से प्रवेश कर रहे थे उसी द्वार से निकास का भी इंतजाम था। गंगा द्वार से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पूर्वी द्वार से, मैदागिन की ओर से आने वाले दर्शनार्थी उत्तरी द्वार, सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले दर्शनार्थी दक्षिणी द्वार और ढुंढीराज गली की ओर से आने वाले दर्शनार्थी गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से बाबा का दर्शन कर रहे थे।

दर्शन के शुल्क में भी होगी बढ़ोतरी

सावन के महीने में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के शुल्क में भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसका प्रस्ताव भी तैयार हो रहा है। सोमवार को होने वाली मंगला आरती का टिकट 500 रुपये की जगह दो हजार हो सकता है। इसके अलावा सुगम दर्शन, रुद्राभिषेक, संन्यासी भोग और सावन के शृंगार का शुल्क भी बढ़ने की संभावनाएं हैं। सावन में सुगम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 500 रुपये, मंगला आरती के लिए 1000 रुपये, मध्याह्न भोग आरती के लिए 500 रुपये, सप्तर्षि आरती के लिए 500, भोग आरती के लिए 500 रुपये देने पड़ सकते हैं। इसी तरह एक शास्त्री से रुद्राभिषेक कराने के लिए 700, पांच शास्त्री से रुद्राभिषेक के लिए 2100 रुपये, संन्यासी भोग के लिए 4500 रुपये शुल्क निर्धारित हो सकते हैं। वहीं सावन के सोमवार पर सुगम दर्शन के लिए 750 रुपये, मंगला आरती के लिए 2000 रुपये, पांच शास्त्री से रुद्राभिषेक के लिए 3000 रुपये, संन्यासी भोग के लिए 7500 रुपये और शृंगार के लिए 20 हजार रुपये शुल्क देने पड़ सकते हैं।टंतंदेंप छमूः सावन में आने वाली भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से धाम में प्रवेश के लिए दो और द्वार बनाए जाएंगे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तीन जोन में धाम को बांटा जाएगा। सावन में श्रद्धालुओं को बाबा के झांकी दर्शन होंगे। गर्भगृह के द्वार पर लगाए गए पात्र से ही दूध-जल से अभिषेक होगा।

 

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