रौद्र रुप में मां गंगा, मणिकर्णिका व हरिश्चंद सहित सभी घाट समाएं
मणिकर्णिका घाट
के
छत
पर
तो
हरिश्चंद्र
की
गली
के
मुहाने
पर
हो
रहा
शवदाह
शवों की
लगी
लाइन,
लोगों
को
घंटों
इंतजार
के
बाद
आ
रही
बारी
सुबह-ए-बनारस
के
मंच,
शीतला
माता
मंदिर,
नमो
घाट
के
स्कल्पचर
पानी
में
डूबे,
निचले
इलाकों
में
घुसा
बाढ़
का
पानी
नावों के
बाद
अब
क्रूज
का
संचालन
भी
बंद
एनडीआरएफ अलर्ट
मोड
पर,
तटवासियों
में
अफरातफरी
सुरेश गांधी
वाराणासी। धर्म एवं आस्था
की नगरी काशी में
गुरुवार को मां गंगा
का रौद्र पर दिखने लगा
है। बाढ़ के पानी
की वजह से गंगा
घाटों का नजारा डरावना
हो गया है.
जिसकी
वजह से प्रशासन ने
लोगों को गंगा घाट
के किनारे न जाने की
सलाह दी है.
गंगा
का जलस्तर सुबह से 3
सेंटीमीटर
प्रति घंटे की स्पीड
से बढ़ रहा है.
केंद्रीय जल आयोग के
अनुसार वाराणसी में फिलहाल गंगा
का जलस्तर 70
मीटर के करीब
है.
लगातार जलस्तर बढ़ने से मणिकर्णिका,
हरिश्चंद,
नमो व अस्सी
घाट सहित काशी के
सभी घाट गंगा में
समा गए है।
छोटे-
बड़े मंदिर
पहले ही जलमग्न हो
गए है। मणिकर्णिका व
हरिश्चंद घाट पर जहां
शवों का अंतिम संस्कार
छतों पर हो रहा
है,
वहीं आरती स्थल
भी सिमट कर अब
दो चार चौकियों पर
होने लगी है। सुबह-
ए-
बनारस के
मंच,
शीतला माता मंदिर,
नमो
घाट के स्कल्पचर तक
पानी लहरा रहा है। पानी बढ़ने की वजह
से भारी संख्या में
पहुंचने वाले शव के
अंतिम संस्कार करने के लिए
भी इंतजार करना पड़ रहा
है.
स्थानीय निवासियों की मानें तो
गंगा का जलस्तर अगर
इसी तरह बढ़ता रहा
तो पूरा शहर जलमग्न
हो सकता है.
हाल
यह है कि गंगा
नदी घाटों से ऊपर उठकर
अब गलियों की तरफ रुख
कर रही है.
घाट
किनारे रहने वाले लोगों
का कहना है कि
हर साल गंगा के
जलस्तर में बढ़ोतरी देखी
जाती है और इस
बार भी ऐसी ही
स्थिति है.
लहरों में
उफान के चलते नावों
के बाद क्रूज के
संचालन पर भी रोक
लगा दी गई है।
गंगा में जलस्तर
बढ़ने से निचले इलाकों
में बाढ़ का पानी
घुस गया है.
गुरुवार
शाम गंगा का जलस्तर
70.67
मीटर दर्ज किया गया.
जो कि खतरे के
निशान से अभी नीचे
है,
लेकिन पानी बढ़ने की
रफ्तार यही रही तो
निचले इलाकों में दिक्कतें और
बढ़ेंगी.
उधर घाटों पर
पानी भरने से हरिश्चंद्र
घाट और मणिकर्णिका घाट
पर दाह संस्कार भी
ऊपर के प्लेटफार्म पर
किया जा रहा है.
घाट में नीचे बने
मंदिर भी डूब गए
हैं.
दशाश्वमेध घाट के आरती
स्थल में कई बार
बदलाव किया जा चुका
है.
गंगोत्री सेवा निधि और
गंगा सेवा निधि दोनों
ने ही आरती ऊपर
की सीढ़ियों पर की है.
डॉ.
राजेंद्र प्रसाद घाट पर पानी
तेजी से चढ़ रहा
है.
हालांकि लोग भी बाढ़
के पानी में खूब
एन्जॉय कर रहे हैं.
हालत ये है
कि कुछ लोग तो
खतरे की आशंका से
दूर गंगा में डूबे
मणि पर सोए भी
दिखाई दिए.
वो भी
उस समय जब तेज
हवाओं के कारण गंगा
की लहरे सामान्य से
बहुत ज्यादा तेज थी.
दरअसल
84
घाटों की श्रृंखला में
एक घाट से दूसरे
घाट जाना अब मुश्किल
हो गया है.
जिसके
कारण अस्सी घाट से गंगा
महल के रास्ते तुलसी
घाट जाने वाला मार्ग
बंद है.
लेकिन इस
मार्ग में युवा गंगा
में कूद कूद कर
मस्ती करते दिखे.
तेज
हवाओं से उठ रही
लहरों के कारण गंगा
में नाव का संचालन
भी पूरी तरह बन्द
है.
जल पुलिस ने
अगले आदेश तक इसपर
रोक लगाई है.
वरुणा में भी पलट प्रवाह, घरों में घुसा पानी
यूपी के हर
जिलों में हो रही
वर्षा से गंगा में
उफान के साथ ही
अब वरुणा में पलट प्रवाह
आरंभ हो गया है।
गंगा का पानी वरुण
नदी में जाने से
सारनाथ के पुलकोहना क्षेत्र
में कई घरों में
पानी घुस गया है
तो शहर के सभी
घाट डूब चुके हैं।
चिरईगांव के ढाब क्षेत्र
में गंगा का पानी
खेतों में बोई गई
किसानों की सब्जियों की
फसल को डुबोने लगा
है तो लोग नावों
से अब सुरक्षित ठौर
की तलाश में निकल
पड़े हैं। गंगा का
जल स्तर बढ़ने से
वरुणा में जल का
पलट प्रवाह हुआ और वरुणा
भी उफान पर आ
गई। क्षेत्र के सलारपुर पुलकोहना
रेलवे लाइन के किनारे
चमेला बस्ती में अचानक पानी
घुसना शुरू हो गया।
सुबह होते-
होते कमरों
में लगभग आठ फीट
तक पानी भर गया।
ये लोग अपना सामान
लेकर किराए के मकान में
शरण लिए हैं। बाढ़
प्रभावित इलाकों में बिजली काट
दी गई है। बाढ़
की आशंका से तटीय गावों
के किसानों,
पशुपालकों में दहशत व्याप्त
है। लोग सुरक्षित ठिकानों
की तलाश में जुट
गए हैं। ढाब मोकलपुर
अंबा,
ढाब सोता पार
करने के लिए लोग
निजी नावों का सहारा ले
रहे हैं।
मंडलायुक्त ने बाढ़ चौकियों को दिया अलर्ट का निर्देश
मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा
की अध्यक्षता में जिले में
बाढ़ नियंत्रण हेतु बैठक आयोजित
हुई जिसमें मंडलायुक्त द्वारा विभिन्न दिशा निर्देश दिये
गयें। उन्होंने कहा है कि
बाढ़ प्रभावित संभावित क्षेत्रों जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जाल्हूपुर क्षेत्र,
शहरी में नगवां, अस्सी
घाट, सामनेघाट, मारुति नगर तथा वरुणा
नदी में उलट प्रवाह
के दौरान कोनिया, सरैया क्षेत्रों में चिन्हित सभी
रैनबसेरों को पूरी तरह
सही करते हुए उनको
आज ही क्रियाशील किया
जाये तथा इन क्षेत्रों
में प्रभावित लोगों को शिफ्ट कर
लें ताकि किसी के
बाढ़ में फंसने की
नौबत न आये। रैनबसेरे
पूरी तरह से क्रियाशील
हों जिसमें पीने के पानी
की उचित व्यवस्था, शौचालयों
की उचित साफ-सफाई,
बेड, चादर, खाद्य सामाग्री की गुणवत्ता के
साथ उचित आपूर्ति सुनिश्चित
करायें। नगर निगम को
शहर में सभी जगह
तथा वरुणा नदी के किनारे
पर लगातार सफाई अभियान चलाने
को निर्देशित किया गया। कोनिया
से सारनाथ वाया कज्जाकपुरा सड़क
पर नगर निगम को
अपने कंस्ट्रक्शन विभाग के साथ पूरी
तैयारी से लगातार सफाई
अभियान चलाने को कहा ताकि
हाइजीन पूरी तरह रहे।
रेलवे पटरियों के भी साफ-सफाई की उचित
व्यवस्था करने को निर्देशित
किया गया। सेतु निगम
तथा लोकनिर्माण विभाग को बाढ़ प्रभावित
संभावित क्षेत्रों की सड़कों के
साथ जिले की सभी
सड़कों तथा सेतुओं के
नीचे भी सड़कों की
उचित मरम्मत करने को निर्देशित
किया गया।
पुलिस विभाग
को रैनबसेरे के पास उचित
सुरक्षा व्यवस्था तथा स्वास्थ्य विभाग
को स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने
के साथ संबंधित क्षेत्रों
में स्थित सभी स्वास्थ्य केंद्रों
को क्रियाशील करने को निर्देशित
किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों
में डीपीआरओ, बीडीओ, एडीओ पंचायत, लेखपाल
सभी की जिम्मेदारी तय
करने तथा पशुओं हेतु
भूसा, चारा, पानी की उचित
पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चत करने को निर्देशित
किया गया।
बिजली विभाग
को संबंधित क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था
देखने हेतु निर्देशित किया
गया ताकि बिजली की
उचित आपूर्ति के साथ बाढ़
से कोई दिक्कत न
हो इसको भी सुनिश्चित
किया जाये। मंडलायुक्त द्वारा सभी मंडलीय अधिकारियों
को निर्देशित किया गया की
उक्त सभी निर्देशों को
मंडल के वाराणसी, गाजीपुर,
चंदौली जिले में संबंधित
विभागों के माध्यम से
सुनिश्चित करायें।
सिंचाई विभाग को सभी विभागों
को व्हाट्सए ग्रुप आदि माध्यम से
लगातार अपडेट देने को निर्देशित
किया गया। सभी संबंधित
विभागों को अपनी तैयारियों
के संबंध में उचित विज्ञप्ति
जारी करने हेतु निर्देशित
किया गया। अंत में
मंडलायुक्त द्वारा सभी संबंधित विभागों
को पुलिस, जल पुलिस, एनडीआरएफ
आदि के साथ उचित
समन्वय बनाकर कार्य करने हेतु निर्देशित
किया गया।
बैठक में
जिलाधिकारी एस राजलिंगम, अपर
पुलिस आयुक्त वाराणसी कमिश्नरेट एस चिनप्पा, मुख्य
विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, एडीएम एफआर वंदिता श्रीवास्तव
समेत नगर निगम, लोकनिर्माण,
सिंचाई विभाग, पुलिस विभाग समेत विभिन्न विभागों
के अधिकारी मौजूद रहे।
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