त्योहारी सीजन का आगाज : दिवाली से पहले बाजारों में होगी धनवर्षा
पर्वो की शुरुवात...खरीदारी शुभ-मंगलकारी...बन रहे कई योग
प्रॉपर्टी, ज्वैलरी,
गाड़ियों
से
लेकर
इलेक्ट्रानिक
समान
तक
खरीदना
होगा
शुभ,
बाजारों
में
उमड़ेंगी
जनता
सुरेश गांधी
वाराणसी। श्राद्ध पक्ष का समापन होने के साथ ही गुरुवार पर्वो की शुरुवात होगी। दिवाली तक कई बड़े पर्व रहेंगे। बाजारों में ग्राहकी गुलजार रहने के साथ ही रेकार्ड धनवर्षा होगी। धनतेरस व दिवाली से पहले बुधवार को नवरात्र की पूर्व संध्या पर खरीदारी को लेकर बाजारों में चहल-पहल रही। अगले नौ दिनों तक वाहन, भूमि, भवन, स्वर्ण आभूषण और अन्य गृह उपयोगी वस्तुओं की खरीद फरोख्त होगी। इनमें कई शुभ योगों का संयोग रहेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक यह ऐसे महूर्त है, जिनमें की गयी खरीदारी शुभ-मंगलकारी और समृद्धदायी रहेगी।
ज्योतिषाचार्यो का कहना है
कि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन
कलश स्थापना से नवदुर्गा की
पूजा शुरू होती है.
शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 3 अक्टूबर
से हो रहा है,
जो 12 अक्टूबर तक चलेगा. शारदीय
नवरात्रि का पहला दिन
अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि को होता
है. पंचांग के अनुसार, अश्विन
शुक्ल प्रतिपदा तिथि 2 अक्टूबर को देर रात
12 बजकर 18 मिनट से 4 अक्टूबर
को तड़के 2 बजकर 58 मिनट तक है.
उदयातिथि के आधार अश्विन
शुक्ल प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को है. ऐसे
में नवरात्रि का पहला दिन
3 अक्टूबर गुरुवार को है. इस
दिन कलश स्थापना होगी.
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त सुबह
में 6ः15 बजे से
7ः22 बजे तक और
अभिजीत मुहूर्त 11ः46 बजे से
दोपहर 12ः33 बजे तक
है. अमृत चौघड़िया दोपहर
01ः38 बजे से 03ः07
बजे, विजय मुहूर्तः दोपहर
02ः26 से 03ः14 बजे,
गोधूलि मुहूर्तः शाम 06ः25 बजे से
शाम 06ः49 बजे तक
तथा संध्याकाल में 06ः25 बजे से
07ः37 तक है। ज्योतिषियों
की मानें तो शारदीय नवरात्र
के पहले दिन घटस्थापना
पर 3 दुर्लभ एवं शुभ योग
का निर्माण हो रहा है।
इन योग में जगत
की देवी मां दुर्गा
की पूजा व खरीदारी
करने से साधक को
अक्षय फल की प्राप्ति
होगी। नवरात्र में मुहूर्त व
राशि के अनुसार पूजा
करने से माता रानी
की भक्तों पर कृपा बरसेगी।
काशी में 4500 करोड़ कारोबार के असार : बग्गा
धर्म एवं आस्था
की नगरी काशी में
त्योहारी व पर्यटन सीजन
को लेकर ब्वापारी गदगद
है। पूर्वांचल की सबसे बड़ी
मंडी के व्यापारियों ने
भी तीन अक्टूबर से
शुरु हो रहे नवरात्र
से लेकर दुर्गापूजा, दशहरा,
करवा चौथ, धनतेरस, दीवाली
छठ के साथ लग्न
की भी तैयारियां लगभग
पूरी कर ली है.
व्यापारियों की मानें तो
फेस्टिव सीजन और शादियों
के सीजन को मिला
दें तो अगले दो
महीने में 4500 सौ करोड़ रुपये
से ज्यादा का कारोबार देखने
को मिल सकता है.
वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष
अजीत सिंह बग्गा के
मुताबिक बाजारों में जिस तरह
की चहल पहल दिख
रही है, उससे 4500 करोड़
रुपये से ज्यादा का
व्यापार होने की उम्मीद
है. पिछले वर्ष 2023 में करीब 3900 करोड़
रुपये का व्यापार देखने
को मिला था. इस
सीजन में ग्राहकों की
मांग के अनुरूप व्यापारियों
ने व्यापक रूप से सामान
उपलब्ध कराने की बड़ी तैयारियों
कर रखी है. घरेलू
सामान, उपकरण, उपहार, कपड़े, आभूषण, नकली आभूषण, बर्तन,
सजावटी सामान, फर्नीचर और फिक्स्चर, बरतन,
उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, बिजली के सामान, मिठाई
और नमकीन कॉन्फ़ेक्शनरी, फल सहित अन्य
सामानों की बड़े पैमाने
पर उपभोक्ताओं द्वारा खरीदारी की उम्मीद की
जा रही है जिसपर
लोग खूब खर्च करेंगे.
अजीत सिंह बग्गा ने
कहा कि त्योहारी सीजन
में कारोबार 10 से 30 फ़ीसदी तक बढ़ जाता
है। वैसे भी व्यापारी
20 से 25 करोड रुपए का
टैक्स दे रहे हैं।
तो सुविधाएं भी मिलनी चाहिए।
लेकिन बाजारों में सुविधा उपलब्ध
कराने के नाम पर
कुछ नहीं किया गया
है। यदि बाजारों में
सुविधा बढ़ेंगे तो कारोबार को
पंख लगेंगे।
बाजारों में सुविधाएं नदारद
बाजारों में उमड़ने वाली
भीड़ के मद्देनजर ना
ही पार्किंग की व्यवस्था है
और ना ही अन्य
सुविधाओं की। जाम के
झाम से निपटने की
प्रशासनिक तैयारियों का भी कहीं
अता-पता नहीं है।
खास यह है कि
पर्यटन सीजन में बाबा
विश्वनाथ धाम में देश
दुनिया के भक्तों की
भीड़ भी नजर आएगी।
बता दें, काशी के
बाजारों में छोटी-बड़ी
एक लाख से अधिक
दुकानें, प्रतिष्ठान व शोरूमों पर
रोजाना तीन से साढ़े
तीन लाख लोगों की
आवाजाही होती है। इसमें
बाबा के भक्तों को
शामिल कर लें तो
यह संख्या पांच लाख के
आसपास होगी। व्यापारियों का कहना है
कि इस त्योहारी सीजन
की बात छोड़िए सामान्य
दिनों में भी डेढ़
से दो सौ करोड
से अधिक का कारोबार
होता है। जबकि त्योहारी
सीजन में इस आंकड़े
में करीब 25 फीसदी तक उछाल की
उम्मीद है। ऐसे में
विशेसरगंज, लोहटिया, मैदागिन, गोलाबाजार, नई सड़क, गोदौलिया,
लंका अर्दलीबाजार, पांडेयपुर, शिवपुर सहित लगभग सभी
प्रमुख बाजारों में व्याप्त समस्याओं
से व्यापारी परेशान है। उन्हें इससे
कारोबार पर विपरीत प्रभाव
की चिंता भी सता रही
है।
ढूढे भी नहीं मिलेंगे पार्किंग
बाजारों में पार्किंग, अतिक्रमण,
यातायात, जाम, सफाई और
सुरक्षा जैसी समस्याओं से
व्यापारी और ग्राहक दोनों
ही परेशान है। यह समस्याएं
दुर्गापूजा के दौरान और
भी गंभीर हो जाती है।
बाजारों में सुविधाओं की
कमी में शौचालय, पानी
और रोडलाइट की अपर्यात्ता और
भी बढ़ जाती है।
जहां तक जाम का
सवाल है तो लोग
मनमर्जी से सड़क पर
अपने वाहन खड़ा कर
रहे हैं। फुटपाथ टूटे
पड़े हैं। नालियां जाम
है। नियमित सफाई नहीं हो
रही है। मुख्य बाजारों
के साथ गलियों में
यातायात बड़ी समस्या है।
निर्धारित पार्किंग में जगह नहीं
होने के कारण ग्राहक
इधर-उधर भटकने को
मजबूर हैं। काशीपुरा सहित
कई ऐसी गलियां है
जहां अतिक्रमण के चलते पैदल
चलने में भी परेशानी
हो रही है। मुख्य
बाजारों में लाइटें तो
लगाई गयी है, लेकिन
उनकी रोशनी कम रहती है।
बाजारों में बरामदों और
सड़कों से अतिक्रमण हटाया
जाना चाहिए। सफाई का समय
तय होना चाहिए। फुटपाथ,
सड़क और नालियों की
मरम्मत होनी चाहिए। मुख्य
बाजारों के साथ गलियों
के बाजारों में सुलभ शौचालय
बनाए जाएं। रोड लाइटें ठीक
किया जाएं और अधिक
रोशनी लगाई जाएं। बाजार
में पुलिस की रात्रि गस्त
बढ़ाई जाए। ट्रैफिक संचालन
के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों
की तैनाती होनी चाहिए।
ये है समस्याएं
शहर के सभी
प्रमुख बाजारों में पार्किंग की
उपयुक्त व्यवस्था नहीं होने से
दुपहिया व कहीं-कहीं
चार पहिया वाहन तक मनमाने
ढंग से खड़े कर
दिए जाते हैं।
बेतरतीब ढंग से खड़े
वाहनों और दुकानों के
आगे व आसपास किए
गए अतिक्रमणों की वजह से
बाजारों में दिन में
कई बार जाम लग
जाता है।
स्वच्छंद घूमते गोवंश से लेकर श्वानों
की समस्या बाजारों में कई बार
विकट रूप धारण कर
लेती है। इन पशुओं
के कारण यातायात प्रभावित
होता है। ग्राहक परेशान
होते हैं और दुकानदारों
को भी दिक्कतें पेश
आती हैं।
समस्याओं से मिले निजात
सभी बाजारों में
वाहनों को कहीं भी
खड़ा करने पर पुलिस
का भय नहीं होने
से लोग बाज नहीं
आते। इससे पहले से
संकरे बाजार और सिकुड़ गए
हैं। शहर के बाजारों
में पशुओं की आवाजाही और
उनके कहीं भी बैठ
जाने की वजह से
ग्राहक परेशान हो जाते हैं।
उन्हें दुकानों तक पहुंचने में
भी परेशानी पेश आती है।
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