योगी का वाराणसी दौरा: राहत, समीक्षा और संस्कृति का समन्वय
सीएम योगी ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण, राहत शिविरों की व्यवस्था पर जताई संतुष्टि
संगीत पाथवे
से
लेकर
सोवा
रिग्पा
मेडिकल
कॉलेज
तक
विकास
योजनाओं
की
जमीनी
समीक्षा
🔹 सीएम योगी
ने
हवाई
निरीक्षण
कर
बाढ़ग्रस्त
क्षेत्रों
की
ली
स्थिति
की
जानकारी
🔹 सलारपुर में
राहत
शिविरों
का
निरीक्षण,
भोजन-पानी
व
चिकित्सा
की
समुचित
व्यवस्था
सुनिश्चित
करने
के
निर्देश
🔹 बनारस घराने
के
संगीत
से
गूंजेगा
“संगीत
पाथवे”,
15 फीट
चौड़े
ट्रैक
पर
जीवंत
होगी
सांस्कृतिक
विरासत
🔹 तिब्बती चिकित्सा
परंपरा
को
मिलेगा
संबल
– सारनाथ
में
बन
रहा
“सोवा
रिग्पा
मेडिकल
कॉलेज”
🔹 बाबा विश्वनाथ
और
काल
भैरव
के
दर
पर
मत्था
टेककर
मांगा
प्रदेशवासियों
के
लिए
सुख-समृद्धि
का
आशीर्वाद
सुरेश गांधी
वाराणसी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने अपने दो
दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान
बाढ़ पीड़ितों की स्थिति का
जायजा लिया, राहत शिविरों की
व्यवस्थाएं देखीं और जिले में
चल रही विकास परियोजनाओं
की समीक्षा की।
गुरुवार को उन्होंने हवाई निरीक्षण के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को जाना और सलारपुर क्षेत्र में राहत सामग्री का वितरण करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि बाढ़ पीड़ितों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
राहत शिविरों में साफ-सफाई, चिकित्सा, भोजन और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बाढ़ राहत के हर प्रयास को “संवेदनशीलता और तत्परता” के साथ करें। यह दौरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकास और संवेदना के द्वैतीय दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है – जहाँ एक ओर वह राहत कार्यों के माध्यम से पीड़ितों के बीच खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर सांस्कृतिक और चिकित्सा क्षेत्र की परियोजनाओं को मूर्त रूप देने में सक्रिय रूप से जुटे हैं।"सोवा रिग्पा मेडिकल कॉलेज" का स्थलीय निरीक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सारनाथ स्थित केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान परिसर में बन रहे “सोवा रिग्पा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल” का भी स्थलीय निरीक्षण किया।
यह संस्थान भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति ‘सोवा रिग्पा’ के प्रचार-प्रसार एवं चिकित्सीय सेवा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
निरीक्षण के दौरान कॉलेज प्रबंधन द्वारा मुख्यमंत्री को महात्मा बुद्ध का चित्र स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस पहल को भारत की प्राचीन चिकित्सा परंपरा और बौद्ध संस्कृति के पुनरुत्थान की दिशा में बड़ा कदम बताया।
"संगीत पाथवे" : बनारस की आत्मा को समर्पित सौंदर्य और संगीत का संगम
मुख्यमंत्री ने वाराणसी में फुलवरिया तिराहा से लेकर केंद्रीय कारागार की दीवार के समानांतर बन रहे “संगीत पाथवे” का भी निरीक्षण किया। यह पाथवे लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा व 15 फीट चौड़ा है, जिसका 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। यह पाथवे बनारस की संगीत परंपरा को श्रद्धांजलि देने वाला पहला ऐसा स्थल है, जहां बनारस घराने के सुप्रसिद्ध संगीतज्ञों के चित्र, उनके जीवनवृत्त और वाद्ययंत्रों की झांकियां लगी हुई हैं। इसके साथ-साथ यहां बनारसी संगीत की सुरमयी ध्वनि निरंतर बजती रहती है, जो यहां आने वालों को एक अलग आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभूति प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पाथवे काशी के सांस्कृतिक पर्यटन को एक नया आयाम देगा और युवाओं को अपनी विरासत से जुड़ने की प्रेरणा देगा।श्री काशी विश्वनाथ और काल भैरव मंदिर में दर्शन
वाराणसी दौरे के दौरान
मुख्यमंत्री ने बाबा विश्वनाथ
और कोतवाल काल भैरव का
दर्शन-पूजन कर प्रदेश
की सुख-समृद्धि की
कामना की। इस अवसर
पर उनके साथ प्रदेश
सरकार के मंत्रीगण एवं
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री के साथ इस दौरे
में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, श्रम एवं सेवायोजन
मंत्री अनिल राजभर, स्टाम्प
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, विधान परिषद सदस्य हंसराज विश्वकर्मा, नगर निगम प्रशासक
विशाल सिंह 'चंचल', मंडलायुक्त एस. राजलिंगम, पुलिस
कमिश्नर मोहित अग्रवाल समेत कई वरिष्ठ
अधिकारी मौजूद रहे।
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