विदेशी ग्राहकों की रुचि व इंक्वायरी से गदगद नजर आएं कालीन निर्यातक
फिर मिलेंगे वादे के बीच इंडिया कारपेट
एक्स्पों से विदा हुए आयातक व निर्यातक
दावा : चार
दिनी
इस
मेले
में
लगी
विभिन्न
स्टॉलों
से
विदेशी
खरीदारों
एवं
उनके
प्रतिनिधियों
ने
जमकर
खरीदारी
व
पूछताछ
की
मेले में
कुल
38 देशों
के
235 से
अधिक
अंतरराष्ट्रीय
खरीदारों
और
255 खरीद
प्रतिनिधियों
ने
प्रतिभाग
किया
सुरेश गांधी
वाराणसी। एक्स्पों मार्ट, भदोही में कारपेट इक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (सीईपीसी) के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसिय इंटरनेशनल इंडिया कारपेट एक्सपो का शुक्रवार को समापन हो गया। इसी के साथ अगले फेयर में मिलेंगे के वाद के साथ देश के कोने-कोने से आएं स्टॉल लगाने के वाले निर्यातक हंसी-खुशी अपने-अपने गंतव्यो को लौट गए। दावा है कि इन चार दिनों में हस्तशिल्प मेले में लगी विभिन्न स्टॉलों से विदेशी खरीदारों एवं उनके प्रतिनिधियों ने जमकर खरीदारी व पूछताछ की।
उम्मींद है कि निर्यातकों का कारोबार इस मेले से अच्छा जायेगा। इस चार दिवसीय मेले में 38 देशों के 235 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और 255 खरीद प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों की समृद्ध परंपरा और उत्कृष्ट कारीगरी को प्रदर्शित करते हुए न केवल व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाएगा बल्कि भारतीय हस्तशिल्प की समृद्ध विरासत को भी प्रदर्शित करेगा।
सीइपीसी के चेयरमैन कुलदीप
राल वट्टल ने कहा कि
यह एक्स्पों निर्यातकों के लिए एक मिसाल
हैं। उन्होंने कारीगरों से संवाद करते
हुए उनके काम की
सराहना की और कहा,
“भारतीय कारीगरों का शिल्प कौशल
दुनिया भर में प्रशंसा
पा रहा है, और
यह मेला उन्हें वैश्विक
खरीदारों के साथ जुड़ने
का एक अद्भुत अवसर
प्रदान करता है।” यह
मेला भारतीय कालीनों की डिज़ाइन, गुणवत्ता
और विपणन क्षमता पर विदेशी खरीदारों
का विश्वास बढ़ाता है।” उन्होंने कहा
कि विदेशी खरीदारों के साथ-साथ,
यह मेला हमारे देश
के कारीगरों और शिल्पकारों के
लिए अत्यधिक लाभदायक साबित होगा।” इस एक्सपो ने
महत्वपूर्ण व्यावसायिक सहयोगों के लिए मार्ग
प्रशस्त किया।
लाइव बुनाई और जेल में बने कालीन रहे आकर्षण के केन्द्र
सीईपीसी थीम पैवेलियन में
लाइव कालीन बुनाई का प्रदर्शन, जिसमें
आगंतुकों को हस्तनिर्मित कालीनों
के पीछे की बारीक
कारीगरी की झलक देखने
को मिली।
जिला जेल, ज्ञानपुर
के कैदियों द्वारा बनाए गए कालीन,
जिन्हें उनकी कलात्मक गुणवत्ता
और सामाजिक प्रभाव के लिए व्यापक
सराहना मिली। इन अनोखे आकर्षणों
ने विदेशी खरीदारों को प्रभावित किया,
जिससे एक्सपो के सांस्कृतिक आयाम
को बढ़ावा मिला और कला
एवं पुनर्वास प्रयासों को प्रदर्शित करने
का एक मंच प्रदान
किया।
एक्सपो के दौरान बड़े
पैमाने पर निर्यातको को
आर्डर आर्डर प्राप्त हुए, जिससे दीर्घकालिक
व्यावसायिक संबंधों की नींव पड़ी।
एक अनुमान के
मुताबिक इस एक्सपो से
लगभग 450-500 करोड़ रुपये का
व्यापार कारोबार हआ है।
सफल
आयोजन के लिए प्रशासन
समिति के सदस्य और
एक्सपो के संयोजक मोहम्मद
वासिफ अंसारी ने सभी का
आभार किया। उन्होंने कहा कि कालीन
समुदाय का समर्थन और
अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की उपस्थिति इस
एक्सपो की सफलता में
महत्वपूर्ण रही है। हम
इन संपर्कों से उभरे भविष्य
के अवसरों को लेकर उत्साहित
हैं।“
महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
सीईपीसी के कार्यकारी निदेशक
(प्रभारी) जगमोहन ने कहा कि
यह आयोजन हमारे हस्तनिर्मित कालीन क्षेत्र को बढ़ावा देने
और ग्रामीण कारीगरों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने
के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस एक्सपो की सफलता बुनकरों
के जीवन पर महत्वपूर्ण
भाव डालेगी।
प्रशासन समितिः नेतृत्व और योगदान
प्रशासन समिति के सदस्यों ने
आयोजन की सफलता और
निर्बाध संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई। इनमें अनिल कुमार सिंह,
सूर्यमणि तिवारी, मोहम्मद वासिफ अंसारी, असलम महबूब, इम्तियाज
अहमद, रोहित गुप्ता, पीयूष बरनवाल, हुसैन जफर हुसैनी, संजय
गुप्ता, रवि पटोदिया, शेख
आशिक अहमद, महावीर प्रताप शर्मा, बोधराज मल्होत्रा, दीपक खन्ना, मेहराज
यासीन जान, मुकेश कुमार
गोंबर, और शौकत खान
आदि प्रमुख रहे। चेयरमैन ने
कहा कि इनके निरंतर
प्रयासों ने एक्सपो की
सफलता सुनिश्चित की, जिससे खरीदारों
और प्रदर्शकों के बीच प्रभावी
बातचीत हो सकी। समिति
के सदस्यों ने प्रतिभागियों के
साथ सक्रिय रूप से संपर्क
किया, प्रतिक्रिया प्राप्त की, और एक्सपो
की रणनीतिक दिशा में योगदान
दिया।
500 करोड़ के कारोबार के आसार
265 प्रदर्शकों ने पारंपरिक और
नवीन डिजाइनों का प्रदर्शन किया।
235 से अधिक अंतरराष्ट्रीय
खरीदारों और 255 खरीद प्रतिनिधियों ने
सार्थक व्यावसायिक चर्चाओं में भाग लिया।
एक्सपो के दौरान बड़े
पैमाने पर निर्यात आदेश
प्राप्त हुए, जिससे दीर्घकालिक
व्यावसायिक संबंधों की नींव पड़ी।
यह अनुमान है
कि इस एक्सपो से
लगभग 450-500 करोड़ रुपये का
व्यापार उत्पन्न होगा।
एक्स्पो से निर्यातक - बुनकर दोनों का लाभ होगा : कुलदीप राज वट्टल
अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से मिली शानदार
प्रतिक्रिया इस मंच के
महत्व को प्रमाणित करती
है। हमें विश्वास है
कि इस एक्सपो से
उत्पन्न व्यापार भारत भर के
बुनकरों और कारीगरों को
लाभ पहुंचाएगा। प्रशासन समिति के सदस्य और
एक्सपो के संयोजक मोहम्मद
वासिफ अंसारी का भी चेयरमैन
ने आभार व्यक्त करते
हए कहा कि “कालीन
समुदाय का समर्थन और
अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की उपस्थिति इस
एक्सपो की सफलता में
महत्वपूर्ण रही है। हम
इन संपर्कों से उभरे भविष्य
के अवसरों को लेकर उत्साहित
हैं।“
मेले में खूब पसंद की गयी नॉटेड कारपेट : जगमोहन
सीईपीसी के कार्यकारी निदेशक
(प्रभारी) जगमोहन ने कहा कियह
आयोजन हमारे हस्तनिर्मित कालीन क्षेत्र को बढ़ावा देने
और ग्रामीण कारीगरों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने
के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस एक्सपो की सफलता बुनकरों
के जीवन पर महत्वपूर्ण
प्रभाव डालेगी।“
प्रशासन समिति की भूमिका सराहनीय
सीईपीसी अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल ने
प्रशासन समिति के सदस्यों के
प्रयासों की सराहना करते
हुए कहा कि प्रशासन
समिति के सदस्यों ने
आयोजन की सफलता और
निर्बाध संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई। इनमें अनिल कुमार सिंह,
सूर्यमणि तिवारी, मोहम्मद वासिफ अंसारी, असलम महबूब, दीपक
खन्ना, इम्तियाज अहमद, रोहित गुप्ता, पीयूष बरनवाल, हुसैन जफर हुसैनी, संजय
गुप्ता, रवि पटोदिया, शेख
आशिक अहमद, महावीर प्रताप शर्मा, बोधराज मल्होत्रा, मेहराज यासीन जान, मुकेश कुमार
गोंबर, और शौकत खान
प्रमुख रहे। इनके निरंतर
प्रयासों ने एक्सपो की
सफलता सुनिश्चित की, जिससे खरीदारों
और प्रदर्शकों के बीच प्रभावी
बातचीत हो सकी। समिति
के सदस्यों ने प्रतिभागियों के
साथ सक्रिय रूप से संपर्क
किया, प्रतिक्रिया प्राप्त की, और एक्सपो
की रणनीतिक दिशा में योगदान
दिया।
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