Monday, 18 November 2024

श्री काशी विश्वनाथ धाम में मार्गशीर्ष के पहले दिन 3.15 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन-पूजन

श्री काशी विश्वनाथ धाम में मार्गशीर्ष के पहले दिन 3.15 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन-पूजन 

मार्गशीर्ष मास के  आर्द्रा नक्षत्र होने पर उमापति विश्वनाथ का जो व्यक्ति दर्शन  अथवा पूजन करता है, वह रुद्र आराधना का पूर्ण फल प्राप्त करता है :  विश्वभूषण मिश्र

देव दीपावली पर दो लाख 82 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया था

सुरेश गांधी

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम में देव दीपावली से ज्यादा भीड़ मार्ग शीर्ष के पहले दिन रविवार को रही। इस मौके पर सवा तीन लाख से ज्यादा भक्तों ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ विधि-विधान से बाबा का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।  

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि मार्गशीर्ष के प्रथम सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा विशिष्ट आराधना पर्व का आयोजन किया गया। न्यास द्वारा गत कार्तिक मास से प्रत्येक सोमवार को विशिष्ट एवं निश्चित एकल संकल्प के साथ महारुद्राभिषेक संपन्न किया जा रहा है। इसी कड़ी में महारुद्राभिषेक आयोजन में न्यास का प्रतिनिधित्व किया गया।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा न्यास के प्रतिनिधि स्वरूप याजक कर्म का निर्वहन करते हुए रुद्राभिषेक संपन्न किया गया। पूजन में श्रद्धालुओं की भी सहभागिता रही। मंदिर के सीइओं ने बताया कि शिवमहापुराण  के विद्येश्वर संहितानुसार मार्गशीर्ष मास के  आर्द्रा नक्षत्र होने पर उमापति विश्वनाथ का जो व्यक्ति दर्शन  अथवा पूजन करता है, वह रुद्र आराधना का पूर्ण फल प्राप्त करता है।

इसी उपलक्ष्य में सनातन धर्मशास्त्र मान्यतानुसार सोमवार दोपहर साढे तीन बजे से सायं छह बजे तक आर्द्रा नक्षत्र युक्त मार्गशीर्ष तृतीया के पावन अवसर पर काशिवाशियों द्वारा मंदिर न्यास के सहयोग से विश्व के कल्याणार्थ और अज्ञात आपदाओं से समस्त काशी और समस्त विश्व की रक्षा हेतु श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग पर चन्दन इत्र, ऋतुफल, मिष्ठान, पुष्प, माला, द्वादश दल बेलपत्र धतूरा, दुग्ध, दही, शहद आदि से षोडशोपचार पूजन संपन्न किया गया।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की द्वितीया पर श्री काशी विश्वनाथ का धाम श्रद्धालुओं से भर गया। सुबह की मंगला आरती से रात की शयन आरती तक सवा तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। गेट नंबर चार और गंगा द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे अधिक रही। भीड़ का आलम यह था कि विश्वनाथ गली में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। रविवार को मंगला आरती से पहले ही श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए कतारबद्ध हो गए थे। बाबा की मंगला आरती में भी कई वीआईपी शामिल हुए।

बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती के बाद जैसे ही मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खुले तो पूरा प्रांगण हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन किया। दिन चढ़ने के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती गई। एक कतार बांसफाटक से आगे तो दूसरी कतार चौक थाने तक लग गई थी। दोपहर में भोग आरती के बाद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण कुछ देर के लिए गोदौलिया से चौक तक जाम की स्थिति बन गई।  वहीं, मीरघाट के रास्ते होकर गंगाद्वार की तरफ से जाने वाले रास्ते पर श्रद्धालुओं के कारण घाट की गलियां भी चोक हो गईं। देर शाम के बाद श्रद्धालुओं का दबाव कम होने के बाद स्थिति सामान्य हुई। हालांकि देव दीपावली पर दो लाख 82 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया था।

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