बनारस बार के अध्यक्ष बने सतीश कुमार
तिवारी, महामंत्री शशांक कुमार श्रीवास्तव
परिणाम आते
ही
झूम
उठे
समर्थक
अधिवक्ता हित
सर्वोपरि,
इसके
लिए
लड़ाई
लड़ूंगा
: सतीश
कुमार
तिवारी
बार की
गरिमा
कायम
रखना,
बार
बेंच
में
सामंजस्य
और
जरूरत
पर
ही
हड़ताल
हमारी
प्राथमिकता
में
होगी
: शशांक
कुमार
श्रीवास्तव
यह जीत
अधिवक्ताओं
को
समर्पित
है
: कृष्णकांत
दीक्षित
अधिवक्ताओं का
मान
सम्मान
और
बार
की
गरिमा
बढ़े
और
सामंजस्य
बनाकर
गरिमामयी
तरीके
से
कार्य
करना
प्राथमिता
है
: राघवेंद्र
नरायण
दूबे
वरिष्ठों से
परामर्श
और
सहयोग
लेकर
बार
की
गरिमा
कायम
रखने
के
साथ
क्लीन
बार
और
क्लीन
कोर्ट
परिसर
पर
काम
होगा
: दिलीप
कुमार
श्रीवास्तव
युवाओं को
बार
में
सम्मान
दिलाना
प्राथमिकता
होगी
: शैलेन्द्र
सिंह
सुरेश गांधी
वाराणसी। 183
वर्ष पुराने बनारस बार एसोसिएशन के
वार्षिक चुनाव में एक तरफा
मुकाबले में सतीश कुमार
तिवारी अध्यक्ष और शशांक कुमार
श्रीवास्तव महामंत्री चुने गए। सतीश
कुमार तिवारी को कुल 1470 मत
मिले, जबकि दुसरे नंबर
रहे अरविन्द कुमार राय को 941 और
तीसरे नंबर पर अजय
विक्रम सिंह को 789 मत
मिले। इसी तरह शंशाक
श्रीवास्तव को 1826 वोट मिले, जबकि
दुसरे नंबर रहे सुघांशु
मिश्रा को 765 वोट मिले। तीसरे
नंबर पर 639 मत रोहित कुमार
मौर्या को मिला।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष पर कड़े संघर्ष
में कृष्णकांत दीक्षित वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष पद पर राघवेंद्र
नरायण दूबे, कोषाध्यक्ष पद पर दिलीप
कुमार श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव प्रशासन पर
शैलेन्द्र सिंह, संयुक्त मंत्री पुस्तकालय व प्रकाशन पर
जितेंद्र प्रसाद, आडिटर पर अश्वनी कुमार
यादव निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए। इसके
लावा प्रबंध समिति 15 वर्ष से ऊपर
के 6 पद पर अजीत
कुमार ओझा, अखिलेश कुमार
पाण्डेय, आनंद कुमार, अनुराग
द्विवेदी, ध्रुव नरायन पाण्डेय और 15 वर्ष से कम
के पद पर अजय
कुमार पाण्डेय, अविनाश कुमार दीक्षित, गौतम कुमार सिंह,
कौशलेन्द्र त्रिपाठी, राघवेंद्र प्रताप यादव व विजेंद्र
सिंह निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए।
सुबह आठ बजे
से सेंट्रल बार सभागार में
शुरू हुई मतगणना का
परिणाम देर शाम आते
ही निर्वाचित पदाधिकारियों के समर्थकों में
खुशी की लहर दौड़
गई और ढोल नगाड़े
की थाप पर झूमने
लगे। समर्थकों ने अपने-अपने
प्रत्याशियों को फूल मालाओं
से से लाद दिया।
अध्यक्ष सतीश कुमार तिवारी
सहित सभी जीते पदाधिकारियों
ने कहा कि अधिवक्ता
हित सर्वोपरि, इसके लिए लड़ाई
लड़ूंगा, बार की गरिमा
कायम रखना, बार बेंच में
सामंजस्य और जरूरत पर
ही हड़ताल हमारी प्राथमिकता में होगी। यह
जीत अधिवक्ताओं को समर्पित है।
अधिवक्ताओं का मान सम्मान
और बार की गरिमा
बढ़े और सामंजस्य बनाकर
गरिमामयी तरीके से कार्य करना
प्राथमिता है। वरिष्ठों से
परामर्श और सहयोग लेकर
बार की गरिमा कायम
रखने के साथ क्लीन
बार और क्लीन कोर्ट
परिसर पर काम होगा।
युवाओं को बार में
सम्मान दिलाना प्राथमिकता होगी।
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