धूमधाम से मना श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के तीसरा लोकार्पण उत्सव
वेद पारायण
से
लेकर
दीपदान
तक
किया
गया
आयोजन
15 हजार दीपों से
रोशन
हुआ
श्री
काशी
विश्वनाथ
धाम
फूल-मालाओं
से
सजा
बाबा
दरबार
संगोष्ठी, शंख
वादन,
हवन
पूजन
सहित
आयोजित
किए
गए
कई
कार्यक्रम
सुरेश गांधी
वाराणसी। बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम शुक्रवार को एक बार फिर शिवमय हो गई। मौका था श्री काशी विश्वनाथ धाम के तीसरे लोकार्पण उत्सव का। पूरा मंदिर परिसर रंग-बिरंगी रंगोली व फूलमालाओं से सजाया गया। मंदिर परिसर से लेकर शहर की सड़कों तक हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोष की गूंजती रही। शाम ढलते ही शहर की सड़कों पर भक्तों की टोली भगवान राम के आराध्य भगवान शिव की भक्ति में सराबोर नजर आयी, तो दूसरी तरफ धाम क्षेत्र में 15 हजार से अधिक दीप जलाए गए। इस अद्भूत नजारे को देख दर्शनार्थी भी बाबा के जययकारे लगाते देखे गए। कहीं ओम तो कहीं त्रिशूल बनाकर दीप जलाया गया।
मंदिर परिसर में कार्यक्रम की
शुरुआत वेद पारायण से
किया गया। मंदिर के
ट्रस्टी वेंकट रमन घनपाठी के
आचार्यत्व में वैदिक ब्राह्मणों
ने चारों वेदों का पारायण किया।
इसके बाद बाबा श्री
काशी विश्वनाथ का षोडशोपचार पूजन
और महा अभिषेक किया
गया। इस मौके पर
पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी, मंदिर के ट्रस्टी पंडित
दीपक मालवीय, मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा सहित बड़ी संख्या
में दर्शनार्थियों ने बाबा का
पूजन किया। शंकराचार्य चौक परिसर में
हवन का आयोजन किया
गया। जिसमें सभी अतिथियों और
श्रद्धालुओं ने विश्व कल्याण
के लिए आहुति दी।
इस दौरान मंदिर
प्रांगण में बज रहे
शंख और डमरू के
वादन से पूरा परिसर
भक्ति में हो गया।
इस कार्यक्रम के पश्चात सभी
दर्शनार्थियों और बटुकों को
प्रसाद वितरित किया गया। त्रंबकेश्वर
हाल में एक संगोष्ठी
का भी आयोजन किया
गया। श्री काशी विश्वनाथ
मंदिर न्यास के प्रोफेसर नागेंद्र
पांडे आदि की उपस्थित
सभी वक्ताओं ने अपने-अपने
विचार व्यक्त किए। मंदिर के
ट्रस्टी प्रोफेसर बृजभूषण ओझा ने इस
धाम को लेकर अपने
विचार व्यक्त किया। शाम के समय
पूरे धाम परिसर में
15 हजार दीपक जलाकर दीपदान
किया। जिसमें दर्शनार्थियों श्रद्धालुओं और मंदिर के
कर्मचारियों ने मिलकर पूरे
परिसर को दीपों से
जगमगा दिया। कहीं ओम तो
कहीं त्रिशूल बनाकर दीप जलाया गया।
पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी
की इस महत्वाकांक्षी परियोजना
ने न केवल देश
में बल्कि विश्व में अपना स्थान
बना लिया है। देश-विदेश से दर्शनार्थी श्री
काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता
को देखने के लिए काशी
आ रहे हैं। मंदिर
के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि
दर्शनार्थियों की सुविधा के
लिए लगातार मंदिर प्रशासन कार्य कर रहा है।
इसके चलते तीन साल
में लगभग 17.8 करोड लोगों ने
बाबा श्री काशी विश्वनाथ
के दरबार में अपनी हाजिरी
लगाई है। इसके चलते
मंदिर में चढ़ावा और
दान भी काफी बढ़ा
है। मंदिर प्रशासन लगातार व्यवस्थाओं सुविधाओं को विकसित करने
में लगा हुआ है।
सीइओ विश्व भूषण
मिश्रा ने बताया कि
श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट
क्षेत्र विकास परिषद का लोकार्पण प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर
2021 को किया था। तीन
साल के उत्सव की
शुरुआत विक्रमी संवत 2078 के मार्गशीर्ष शुक्ल
पक्ष की दशमी तिथि
(10 दिसंबर) से हुई। आयोजन
की शृंखला में विभिन्न धार्मिक
अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम
आयोजित किए गए। धाम
में स्थित समस्त 105 देव विग्रहों का
अभिषेक प्रातः काल शास्त्रों में
वर्णित विधि से संपन्न
किया गया। दोपहर एक
बजे वैदिक यज्ञ जयादी होम
का आयोजन सर्व सनातन विजय
की कामना के साथ वैदिक
विधि से संपन्न किया
गया। मंदिर प्रांगण में चतुर्वेद परायण
भी किया गया। मंदिर
चौक परिसर में मंदिर न्यास
के अर्चकों एवं कर्मचारियों के
लिए निशुल्क नेत्र परीक्षण एवं लघु उपचार
शिविर का आयोजन शंकर
नेत्रालय के सहयोग से
किया गया।
अभिजीत घोषाल ने भजनों से किया बाबा की आराधना
सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शिवार्चनम संध्या
का आयोजन मंदिर चौक पर किया
गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में काशी के
संगीत कलाकार नीरज सिंह, प्रख्यात
सितार वादक देवब्रत मिश्र
एवं प्रख्यात भजन गायक एवं
बॉलीवुड गायक अभिजीत घोषाल
अपनी प्रस्तुतियों से भगवान विश्वनाथ
की आराधना की।
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