राष्ट्रपति मुर्मू व सीएम धामी ने महाकुंभ में डुबकी लगाई, सूर्य को दिया अर्घ्य
मां गंगा,
यमुना
और
सरस्वती
की
अराधना
के
बाद
अक्षय
वट
व
लेटे
हनुमान
मंदिर
में
दर्शन
पूजन
किया
देशवासियों के
सुख-समृद्धि
की
कामना
की
राष्ट्रपति के
प्रयागराज
आगमन
पर
राज्यपाल
आनंदी
बेन
पटेल
और
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
किया
स्वागत
सुरेश गांधी
महाकुंभननगर। महाकुंभ मेला के 29
वें
दिन लाखों भक्त संगम स्नान
को उमड़े.
सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी
मुर्मू व सीएम पुष्कर सिंह धामी ने
वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच संगम
में तीन डुबकी लगाई.
भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया।
स्नान से पहले मां
गंगा को पुष्प अर्पित
किए। मंत्रोच्चार के बीच गंगा
पूजन और आरती की।
इसके बाद सभी ने
अक्षयवट और बड़े हनुमान
मंदिर में दर्शन-
पूजन
किया.
राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल
आनंदीबेन पटेल और यूपी
के सीएम योगी आदित्यनाथ
भी मौजूद रहे.
राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर सोमवार
सुबह साढ़े 9 बजे बमरौली एयरपोर्ट
पर लैंड हुआ। यहां
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और
सीएम योगी ने स्वागत
किया। वहां से अरैल
पहुंचीं, फिर बोट से
संगम पहुंचीं और स्नान किया।
राष्ट्रपति शाम चार बजे
तक प्रयागराज में रहीं। द्रौपदी
मुर्मू देश की दूसरी
राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने महाकुंभ
में स्नान किया। इससे पहले, 1954 में
देश के प्रथम राष्ट्रपति
डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ
में स्नान किया था।
बता दें,
त्रिवेणी
संगम पर डुबकी लगाने
से पूर्व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सपरिवार विधिवत
पू्जा अर्चना की। संगम में
उतरने से पहले राष्ट्रपति
ने सबसे पहले पूर्ण
आस्था के साथ जल
को स्पर्श कर आशीर्वाद लिया
और फिर पवित्र जल
में फूल माला और
नारियल अर्पित कर समस्त राष्ट्र
की समृद्धि और शांति की
मनोकामना की। इसके बाद
उन्होंने भगवान सूर्य की अराधना की
और अर्घ्य देकर प्रणाम किया।
इसके बाद उन्होंने
पूरी श्रद्धा के साथ संगम
में एक के बाद
एक कई डुबकियां लगाईं।
स्नान के बाद उन्होंने
पूरे विधि विधान से
पूजन अर्चन भी किया। राष्ट्रपति
ने वैदिक मंत्रों और श्लोकों के
बीच संगम त्रिवेणी का
दुग्धाभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने
अक्षत,
नैवेद्य,
पुष्प,
फल और लाल
चुनरी अर्पित की। इसके बाद
उन्होंने संगम स्थल पर
तीनों पावन नदियों की
आरती भी उतारी। वहां
मौजूद तीर्थ पुरोहित ने उन्हें कलावा
बांधकर अभिनंदन किया।
यहां से राष्ट्रपति
अरैल घाट पहुंचीं,
जहां
से क्रूज पर सवार होकर
वह त्रिवेणी संगम पहुंचीं। इस
दौरान राष्ट्रपति ने डेक पर
खड़े होकर नौका विहार
का आनंद भी लिया
और अपने हाथों से
पक्षियों को दाना खिलाया।
इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर
सिंह धामी ने महाकुंभ
को धार्मिक महापर्व बताते हुए कहा कि
संगम में डुबकी लगाना
अपने आप में बहुत
बड़े धर्म का काम
है।
धामी ने हरिद्वार
में 2027 में होने वाले
कुम्भ की तैयारियों का
भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि सरकार
अभी से इसकी तैयारी
में जुट गई है।
जिससे हरिद्वार कुम्भ भी प्रयागराज की
तरह ऐतिहासिक और सुविधाजनक बनाया
जा सके। इसी कड़ी
में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के सांस्कृतिक
राजदूत और मल्टीकल्चरल प्रोग्राम
के हेड डॉ. आशुतोष
मिश्रा अपनी पत्नी श्वेता
के साथ भारत आए
और काशी में बाबा
विश्वनाथ के दर्शन के
बाद संगम त्रिवेणी में
आस्था की डुबकी लगाई।
काशी मूल के दंपति
ने इस दौरान कहा
कि दुनिया के सबसे बड़े
आयोजन के लिए प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ बधाई के पात्र
हैं, जो उन्होंने महाकुम्भनगर
में दुनिया का सबसे बड़ा
आयोजन किया।
ऑस्ट्रेलियाई दंपति अपनी शादी की
25वीं वर्षगांठ मनाने भारत पहुंचे और
144 साल बाद आए महाकुम्भ
के गवाह बने। उनका
कहना है कि बाबा
विश्वनाथ की मंगल आरती
और संगम में दिव्य
स्नान कर हमारा जीवन
सफल हो गया है।
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