साधु-संतों के जमघट से भगवामय हुई महादेव की नगरी काशी
प्रयागराज महाकुंभ
से
आएं
पांच
लाख
से
अधिक
श्रद्धालुओं
ने
किए
बाबा
विश्वनाथ
के
दर्शन-पूजन
साधु-संन्यासियों
की
शोभायात्रा
पर
बरसाएं
गए
पुष्प
सुरेश गांधी
वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की
नगरी काशी में भी
महाकुंभ जैसा नजारा दिखने
लगा है। महाकुंभ में
स्नान के लिए श्रद्धालुओं
का रेला थम नहीं
रहा है। इसके चलते
न सिर्फ शहर बल्कि रिंग
रोड भी जाम की
चपेट में है। प्रयागराज
महाकुंभ से लौटे साधु-संतों के प्रवास के
चलते पूरा शहर भगवामय
हो चला है। जूना
अखाड़ा के साधु विभिन्न
मार्गों से होते हुए
साधु-संन्यासी अपने मठों में
पहुंचे। सड़कों पर उनके स्वागत
के लिए पुष्प वर्षा
की गई। हर तरफ
हर हर महादेव की
गूंज सुनाई दे रही है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के
लिए भोर से देर
रात तक कतार लगी
रही। रविवार को भी पांच
लाख से अधिक लोगों
ने मंदिर में दर्शन पूजन
किए। चौक से दशाश्वमेध
घाट तक बैरिकेडिंग में
श्रद्धालु दर्शन के लिए इंतजार
करते रहे। गिरजाघर पर
एक बार फिर डायर्वजन
किया गया था, जिससे
भीड़ को घाट की
गलियों से होकर विश्वनाथ
मंदिर भेजा गया। बता
दें, महाकुंभ स्नान के बाद भक्तों
का हूजूम काशी की ओर
भारी संख्या में रूख कर
रहा है। आलम ये
है कि गोदौलिया चौराहे
से लेकर घाट किनारे
तक भारी भीड़ देखने
को मिल रही है।
हर ओर आस्था का
जमघट है और भक्त
हर हर महादेव के
जयकारे लगाते नजर आ रहे
हैं। बताते चलें कि महाशिवरात्रि
पर काशी भक्तों से
वैसे ही गुलजार रहती
है लेकिन इस बार मौका
खास है। हर ओर
लगी भीड़ ने काशी
के व्यवसाय को बल दिया
है लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था को चैलेंज दे
रही है।
उधर, अखाड़ों के
नागा संन्यासी और संत काशी
पहुंचने लगे हैं। पंचदशनाम
अखाड़े के नागा साधुओं
का काशी में आगमन
हो गया है। कबीरचौरा
अखाड़े में उनका भव्य
स्वागत कर वैदिक विधि
से पूजन अर्चन किया
गया। उन्होंने अपने आराध्यदेव की
पूजा की। अभी तक
तीन अखाड़ों के 550 से अधिक नागा
साधु काशी पहुंच चुके
हैं। वे अखाड़ों और
मठों के साथ दशाश्वमेध,
शिवाला, हनुमानघाट, केदारघाट, चौकी घाट आदि
घाटों को भी अपनी
धूनी स्थली बनाए हुए हैं।
नागा संन्यासी और संत महाकुंभ
में तीन अमृत स्नान
के बाद वे अपने
अखाड़ों में लौटने लगे
हैं। हर अखाड़ों के
छोटे-छोटे जत्थे वहां
से निकल रहे हैं।
शैव अखाड़ों के
नागा संन्यासी काशी आते हैं।
जबकि वैष्णव के अपने अखाड़ों
में जाते हैं। हालांकि,
इनके साधु-संत अपने
माघी पूर्णिमा स्नान के बाद अपने
अखाड़े जाएंगे। पंचदशनाम निरंजनी, अटल अखाड़े और
महानिर्वाणी अखाड़े के 550 से अधिक नागा
साधु काशी आए हैं।
शनिवार को भी सुबह
आह्वान अखाड़े के 50 से अधिक नागा
साधु काशी पहुंचे। अखाड़े
के शंभू पंच के
श्रीमहंत सभापति प्रयाग भारती ने बताया कि
कबीरचौरा के औगढ़नाथ तकिया
स्थित शंभू पंचदशनाम आह्वान
अखाड़े में भोर में
संगत पहुंची है। कुछ नागा
साधु पांच फरवरी के
बाद से ही आने
लगे हैं। शनिवार को
संगत के साथ लाव-लश्कर भी पहुंचा है।
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सैकड़ों साधु
संत काशी पहुंचे और
माता अन्नपूर्णा के मंदिर अनुष्ठान
में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण
किया। इस दौरान संतों
ने माता का दर्शन
भी किया।
महाकुंभ में प्रयागराज जाने
वाले स्नानार्थियों की भीड़ कम
होती नजर नहीं आ
रही है। वाराणसी के
कैंट स्टेशन की तस्वीर डराने
वाली है। यहां ट्रेन
में जगह नहीं मिली
तो रेलयात्री इंजन की ओर
चढ़ गए। क्या पुरूष
क्या महिला हर कोई बस
यहां कब्जा जमाते दिखा। आलम ये रहा
कि चालक को जगह
नहीं मिली बाद में
आरपीएफ की मदद से
इन्हें उतारकर ट्रेन रवाना करना पड़ा। मामला
रात डेढ़ बजे का
है और कैंट स्टेशन
के प्लेटफार्म नंबर दो पर
ये पूरा वाक्या देखने
को मिला।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने किया बाबा का दर्शन
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद
राय रविवार को श्रीकाशी विश्वनाथ
दरबार में दर्शन-पूजन
किया। बाबा विश्वनाथ का
विधिवत पूजन किया। उन्होंने
मंदिर प्रशासन से काशी विश्वनाथ
कॉरिडोर साथ काशी की
दिव्यता भव्यता के बारे में
भी जानकारी ली। इस दौरान
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद
में 95 बटालियन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों
और जवानों से मिलकर उनका
कुशलक्षेम पूछा। उनकी कड़ी ड्यूटी
की प्रशंसा की।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शनार्थियों की संख्या का विवरणः
03 फ़रवरी 2025ः 5,84,224 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
04 फ़रवरी 2025ः 5,09,133 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
05 फ़रवरी 2025ः 4,89,223 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
06 फ़रवरी 2025ः 4,56,586 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
07 फ़रवरी 2025ः 4,94,854 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
08 फ़रवरी 2025ः 6,21,307 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
09 फ़रवरी 2025ः (सायं 07ः00
बजे तक) 4,39,690 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
12 तक बाहरी वाहनों के शहर में प्रवेश पर प्रतिबंध
महाकुंभ के पलट प्रवाह
का व्यापक असर शहर की
यातायात व्यवस्था पर पड़ा है।
इसलिए यूपी-65 वाले वाहनों को
छोड़ कर बाहरी वाहनों
को शहर की सीमा
शुरू होने से पहले
ही निर्धारित पार्किंग स्थल पर रोका
जा रहा है। निर्धारित
पार्किंग स्थल पर वाहन
खड़ा करने के बाद
श्रद्धालु शहर में इलेक्ट्रिक
बस, ऑटो व ई-रिक्शा से आ रहे
हैं। इसी कड़ी में
दूसरे राज्य या फिर दूसरे
जिलों से आने वाले
वाहनों के शहर में
प्रवेश पर 12 फरवरी तक प्रतिबंध लगा
दिया गया। वाराणसी के
वाहनों (यूपी-65) के आवागमन पर
किसी तरह का प्रतिबंध
नहीं रहेगा। यह निर्णय कमिश्नरेट
की ट्रैफिक पुलिस ने प्रयागराज महाकुंभ
के पलट प्रवाह को
देखते हुए लिया है।
वहीं, व्यापारियों की सुविधा और
उनके सामान के लिए रोजाना
रात 12 बजे से भोर
चार बजे तक नो
एंट्री खुली रहेगी।
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