मोदी ने काशीवासियों को दी 3884.18 करोड़ की 44 विकास परियोजनाओं की सौगात
एक का विकास नहीं, सबका चाहिए : पीएम मोदी
काशी मेरी
और
मैं
काशी
का,
यहां
के
प्रेम
का
कर्जदार
हूं
2 लाख 70 हजार किसानों
को
106 करोड़
का
बोनस
राशि
उनके
बैंक
खातों
में
ट्रांसफर
किया
सुरेश गांधी
वाराणसी। अपने संसदीय क्षेत्र के 50वें दौरे पर वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी की धरती से बगैर नाम लिए विपक्ष पर जमकर हमला बोला. प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष सत्ता पाने के लिए तरह-तरह के खेल खेलते रहते हैं। उनका एक ही मंत्र है ’परिवार का साथ परिवार का विकास।’ जबकि मेरा लक्ष्य है ’सबका साथ सबका विकास।’ राजनीति परिवार के लिए नहीं, जनता के लिए होनी चाहिए। एक का विकास नहीं, सबका चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में उनकी सरकार का प्रयास रहा है सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास, लेकिन कुछ लोग परिवार से आगे नहीं सोच पा रहे हैं. “काशी मेरी है और मैं काशी का हूं.।“प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को मेहंदीगंज में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने काशी को 3884.18 करोड़ की लागत वाली 44 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। साथ ही बनास (अमूल) से जुड़े प्रदेश के 2 लाख 70 हजार किसानों को 106 करोड़ का बोनस राशि बटन दबाकर उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने तीन जीआई उत्पादों को सर्टिफिकेट व 70 प्लस तीन बुजुर्गों को अपने हाथों से आयुष्मान कार्ड भी सौंपा।
उन्होंने पुलिस लाइन परिसर में तैयार ट्रांजिट हास्टल, रामनगर पुलिस बैरक, कुरू में तैयार राजकीय पालीटेक्निक समेत 1629.13 करोड़ की लागत से पूर्ण 19 परियोजनाएं सौंपने के साथ ही बाबतपुर के पास एनएच-31 अंडर पास टनल, यनिटी माल समेत 2255.05 करोड़ की लागत वाली 25 परियोजनाओं की नींव भी रखी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ’पार्वती पतये नमः’ से अपना संबोधन शुरू करते हुए काशीवासियों को अपने परिवार का सदस्य बताया, कहा कि काशी हमार हौ, हम काशी के हई।
आप सब लोग यहां हमें आपन आशीर्वाद देला। हम ई प्रेम के कर्जदार हई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि काशी के विकास ने नई गति पकड़ी है। इसने आधुनिक विरासत को संजोया है और भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। काशी प्रगतिशील भी है। आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं मेरी काशी प्रगतिशील भी है। पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है। काशी के स्वयं महादेव रखवाले हैं।उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के अनेक हिस्सों में जुड़ी ढेर सारी परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है।
कनेक्टिविटी को मजबूती देने वाले अनेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट गांव-गांव, हर घर नल से जल पहुंचने का अभियान, शिक्षा स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विस्तार और हर क्षेत्र हर परिवार हर युवा को बेहतर सुविधाएं देने का संकल्प। यह सारी बातें, यह सारी योजनाएं पूर्वांचल को विकसित पूर्वांचल बनाने की दिशा में मिल का पत्थर बनने वाली है। काशी के हर निवासी को इन योजनाओं से खूब लाभ मिलेगा। इन सभी विकास कार्यों के लिए बनारस के लोगों सहित पूर्वांचल के लोगों को बधाई दी।महापुरुषों की प्रेरणा हमारा मंत्र...
पीएम मोदी ने कहा, आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है. 10 साल में, दूध के उत्पादन में करीब 65 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. ये सफलता देश के करोड़ों किसानों की है, देश के पशुपालक भाइयों की है. ये सफलता एक दिन में नहीं मिली है, बीते 10 वर्षों से हम देश के पूरे डेयरी सेक्टर को मिशन मोड से आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है, उनके लिए लोन की सीमा बढ़ाई है, सब्सिडी की व्यवस्था की है और खुरपका और मुंहपका से पशुधन को बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन प्रोग्राम चलाया जा रहा है. उन्होंने महिलाओं को नमन करते हुए इन मेहनतकश बहनों ने बता दिया है, अगर भरोसा किया जाए तो वह भरोसा नया इतिहास रच देता है।
मेरी गारंटी थी बुजुर्गों का इलाज मुफ्त हो, इसका परिणाम है आयुष्मान वय वंदना योजना। यह सिर्फ इलाज के लिए नहीं, उनके सम्मान के लिए है। अब इलाज के लिए जमीन बेचने की जरूरत नहीं। इलाज के लिए कर्ज लेने की मजबूरी नहीं। दर दर भटकना नहीं। अपने इलाज के लिए पइसा क चिंता न करा। आयुष्मान कार्ड से आपके इलाज के पइसा चल जाई।नरेंद्र मोदी ने कहा,
10-11 साल पहले, पूरे पूर्वांचल में
इलाज को लेकर जो
परेशानियां थीं, वो भी
हम जानते हैं. आज स्थितियां
अलग हैं, मेरी काशी
अब आरोग्यकी राजधानी भी बन रही
है. दिल्ली-मुंबई के बड़े-बड़े
अस्पताल आज आपके घर
के पास आ गए
हैं. यही तो विकास
है, जहां सुविधाएं लोगों
के पास आती हैं.
उन्होंने कहा कि अगले
कुछ माह में जब
सारे प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे
तब रफ्तार भी बढ़ेगी और
कारोबार भी बढ़ेगा। बनारस
चुनिंदा शहरों में होगा जहां
ऐसी सुविधा होगी। बनारस में इंफ्रा स्ट्रक्चर
का कोई कार्य होता
है, तो उसका लाभ
पूर्वांचल के नौजवानों को
मिलता है। उन्होंने जीआइ
टैगिंग की खासियत बताते
हुए कहा कि काशी
तमिल संगमम जैसे आयोजन से
एकता का सूत्र मजबूत
हो रहा है। अब
तो एकता माल भी
बनने जा रहा है,
जिसमें अलग-अलग जिलों
को उत्पाद मिलेंगे।
मोदी ने कहा, बीते दिनों में काशी ने अपना आर्थिक नक्शा भी बदला है। काशी सिर्फ संभावनाओं की नहीं संकल्प व सामर्थ की भूमि बन रही। उत्पादों को जीआइ टैग मिल रहे। यह सिर्फ टैग नहीं, यह उत्पाद की पैदाइश पुष्ट करती है।
जहां जीआइ टैग होता है वहां के बाजारों में बुलंदियों का रास्ता खुलता है। आज यूपी पूरे देश में जीआइ टैगिंग में नंबर वन है। हमारे हुनर की तेजी से अंतरराष्ट्रीय पहचान बन रही है। अब तक वाराणसी व आसपास के जिलों में 21 से ज्यादा उत्पादों को जीआइ टैग मिला है। बनारस के तबला, शहनाई, ठंडई, लाल पेड़ा, तिरंगा बर्फी, दीवार पेंटिंग समेत अनेक जिलों के उत्पादों को टैग मिला है।काशी के युवा ओलंपिक में मेडल चमकाकर देश का गौरव बढ़ाएंगे
पीएम मोदी ने
काशी के युवाओं को
खेल में आगे बढ़ने
के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि भारत
2026 में ओलंपिक की मेजबानी के
लिए तैयार है। काशी के
नौजवानों को अभी से
मेहनत शुरू करनी होगी।
काशी में नए स्टेडियम
और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स बनाए जा रहे
हैं, ताकि युवाओं को
बेहतर प्रशिक्षण की सुविधा मिले।
पीएम ने कहा कि
काशी के युवा ओलंपिक
में मेडल चमकाकर देश
का गौरव बढ़ाएंगे।
यूपी की मिट्टी की खुशबू अब सरहदों के पार जाएगी
पीएम मोदी ने
मेड इन इंडिया की
वैश्विक पहचान पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि यूपी
के उत्पाद अब ग्लोबल ब्रांड
बन रहे हैं। जीआई
टैग ने स्थानीय उत्पादों
को नई बुलंदियों तक
पहुंचाया है। यूपी देश
में जीआई टैगिंग में
पहले स्थान पर है। जौनपुर
की इमरती, मथुरा की सांझी कला,
पीलीभीत की बांसुरी और
लखीमपुर खीरी की थारू
जरदोजी जैसे उत्पादों को
जीआई टैग मिला है।
पीएम ने कहा कि
यूपी की मिट्टी की
खुशबू अब सरहदों के
पार जाएगी।
इन्हें मिला कार्ड व प्रमाण पत्र
इससे पूर्व प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने 70 वर्ष
से अधिक आयु के
वरिष्ठ नागरिक दिनेश कुमार रावत, राजीव कुमार, राजेंद्र प्रसाद, दुर्गावती देवी को आयुष्मान
कार्ड तथा जी आई
के लाभार्थी रमेश कुमार को
बनारस शहनाई अनिल कुमार क्राफ्ट,
लखीमपुर खीरी की छित्तू
को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए।
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