Tuesday, 22 April 2025

निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत बिजलीकर्मियों ने प्रबंध निदेशक को सौंपा मांगपत्र

निजीकरण के विरोध में आंदोलनरत बिजलीकर्मियों ने प्रबंध निदेशक को सौंपा मांगपत्र 

राज्य विद्युत परिषद जूइं संगठन द्वारा मुख्यालय के गेट पर किया गया विद्युत सुधार गोष्ठी एवं जनजागरण कार्यक्रम

चिलचिलाती धूप में तानाशाही के खिलाफ हुई जमकर नारेबाजी

सुरेश गांधी

वाराणसी। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उत्तर प्रदेश के आंदोलनरत बिजलीकर्मियों ने मंगलवार को पूर्वांचल मुख्यालय परविद्युत सुधार गोष्ठीएवं मुख्यमंत्री को एमडी पूर्वांचल के माध्यम से ज्ञापन देने का सफल आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता पूर्वांचल वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं अभिषेक मौर्या एवं संचालन पूर्वांचल उपाध्यक्ष इं राम सिंह द्वारा की गई। इस ऐतिहासिक सुधार गोष्ठी में पूर्वांचल के 21 जनपदों के समस्त पदाधिकारी एवं हजारों की संख्या में सदस्य उपस्थित रहे। 

केन्द्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं अवधेश यादव ने बताया कि ऊर्जामंत्री जिस प्रकार से विद्युत के निजीकरण करने को आमादा है, इससे स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की जनता को महंगी बिजली का भुगतान करना पड़ेगा। वह गुजरात से निजीकरण रूपी दिव्य पैकेज लेकर आए हैं, जिसका अमृतपान आम जनता, किसानों, गरीबों, मजदूरों  को महंगी बिजली देकर कराना चाहते हैं। पूर्वांचल वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं अभिषेक मौर्या द्वारा कहा गया कि प्रबंधन द्वारा कार्यक्रम शुरू करने के समय पर ही तानाशाही करते हुए मेन गेट बंद करने के कारण संगठन के सभी सदस्यों मे भारी रोष व्याप्त है। संगठन से समस्त सदस्यों ने इस तानाशाही के खिलाफ एकजुट होकर मेन गेट पर ही इस चिलचिलाती धूप में विद्युत सुधार गोष्ठी करने का निर्णय लिया। 

इं शिवम चौधरी क्षेत्रीय अध्यक्ष गोरखपुर द्वारा प्रबंधन को यह भी अवगत कराया कि प्रबंध निदेशक द्वारा इस प्रकार का कृत्य घोर निंदनीय है एवं मानवता रहित है। विद्युत सुधार गोष्ठी में विशेष आमंत्रित सदस्य केंद्रीय संचालन समिति  इं0 सियाराम यादव ने  बताया कि ऊर्जा विभाग सार्वजनिक क्षेत्र का एक विभाग है, जिसमें रोजगार के अवसर अन्य विभागों की तुलना में बहुत अधिक है। यदि ऊर्जा क्षेत्र का निजीकरण होता है तो रोजगार के अवसर समाप्त हो जायेंगे। वो तमाम विद्यार्थी जो अपनी शिक्षा पूरी कर ऊर्जा क्षेत्र में अपना भविष्य संवारने का सपना देख रहे है, निजीकरण होने से उन लाखों विद्यार्थियों का सरकारी नौकरी करने का सपना टूट जाएगा। अमित सहगल, केंद्रीय उपाध्यक्ष वितक कर्मचारी संघ ने अपने संबोधन में कहा कि इस देश में जहाँ 62 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन करती है। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन तथा अन्य सेवाओं के लिए सरकारी तंत्र पर निर्भर रहती है। इनका निजीकरण करना लोगों के जीवन के अधिकार को समाप्त कर देने जैसा है। अगले क्रम में विशेष आमंत्रित सदस्य केंद्रीय संचालन समिति इं0 उपेंद्र कुमार ने बताया कि वर्तमान में घरेलू वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की औसत बिजली दर 3 रु से 6.5 रु प्रति यूनिट है, निजीकरण के पश्चात् यह दर लगभग 10 रु प्रति यूनिट से भी अधिक हो जायेगी। अनुपात में संविदा कर्मियों की संख्या बढ़ाने की बजाय पूर्वांचल प्रबंधन संख्या को कम कर रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। 

सभी वक्ताओं ने एक स्वर में निजीकरण का सामूहिक विरोध किया एवं इस विशाल विद्युत सुधार गोष्ठी में पूर्वांचल के कोने कोने से आए सभी बहादुर साथियों को अपना अमूल्य योगदान देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस गोष्ठी के माध्यम से बिजलीकर्मियों एवं जन मानस को निजीकरण से होने वाले दुष्परिणामों को विस्तृत रूप में बताया गया। विद्युत सुधार गोष्ठी में मुख्य रूप से श्री जय प्रकाश यादव क्षेत्रीय अध्यक्ष वि. तकनीकी संघ, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के केन्द्रीय उपमहासचिव इं दीपक गुप्ता,  केन्द्रीय उपमहासचिव इं. शशि कपूर, के विशेष आमंत्रित सदस्य इं उपेंद्र कुमार इं सियाराम यादव, पुर्वांचल वरिष्ठ उपाध्यक्ष इं अभिषेक मौर्या, पूर्वांचल उपाध्यक्ष इं रामसिंह, गोरखपुर क्षेत्र प्रथम के अध्यक्ष इं शिवम चौधरी सचिव इं प्रमोद यादव, गोरखपुर क्षेत्र द्वितीय के अध्यक्ष इं अवधेश कुमार सचिव इं शशांक चौबे, प्रयागराज क्षेत्र प्रथम के अध्यक्ष इं इंद्रेश यादव सचिव इं आलोक कुमार, प्रयागराज क्षेत्र द्वितीय के अध्यक्ष इं इन्द्रसेन यादव सचिव इं विजय सिंह, बस्ती क्षेत्र के अध्यक्ष इं एके उपाध्याय सचिव इं आशुतोष लाहिरी, आजमगढ़ क्षेत्र के अध्यक्ष इं रामअवध यादव सचिव  इं देवेन्द्र उपाध्याय, मीरजापुर क्षेत्र के अध्यक्ष इं रामसिंह सचिव इं अभिषेक प्रजापति, वाराणसी क्षेत्र प्रथम के क्षेत्रीय अध्यक्ष इं पंकज जायसवाल सचिव इं रवि चौरसिया, वाराणसी क्षेत्र द्वितीय के सचिव रोहित कुमार अपने क्षेत्र के साथ साथ समस्त सदस्य उपस्थित रहे।  

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