जनजातीय समाज
भारत
की
आत्मा
है,
जातीय
संघर्ष
फैलाने
वालों
से
सख्ती
से
निपटा
जाएगा
कांवड़ियों को आतंकवादी बताना धार्मिक
विद्वेष की साज़िश : सीएम योगी
श्रद्धा पर हमला बर्दाश्त नहीं, कांवड़िये उपद्रवी नहीं
सनातन संस्कृति का अपमान करने वालों को नहीं मिलेगी छूट : मुख्यमंत्री
कांवड़ यात्रा
पर
विषवमन
स्वीकार
नहीं,
आस्था
है
अराजकता
नहीं
जो कांवड़ियों
को
आतंकवादी
कहते
हैं,
वो
भारत
की
आत्मा
को
चोट
पहुंचाते
हैं
बिरसा मुंडा
की
विरासत
आदिवासी
चेतना
का
प्रकाशस्तंभ
राष्ट्रीय आंदोलन
के
नायक
को
समर्पित
सेमिनार
में
शोध
व
संवाद
का
संगम
श्रद्धालुओं को
सुगम
दर्शन,
सुविधाओं
में
न
हो
कमी
फर्जी सोशल
अकाउंट
से
माहौल
बिगाड़ने
वालों
पर
रहे
कड़ी
नजर
दालमंडी चौड़ीकरण
बरसात
के
तुरंत
बाद
हो
प्रारंभ
भारत की
सड़कों
पर
चल
रही
कांवड़
नहीं,
सनातन
की
चेतना
है
जो कांवड़
देख
नहीं
सकते,
वो
भारत
को
जान
नहीं
सकते
श्रद्धा पर
प्रहार,
संस्कृति
पर
चोट,
देश
की
आत्मा
को
ललकार
सुरेश गांधी
वाराणसी। श्रद्धा के पावन माह
में कांवड़ियों को लेकर जो
भाषा सोशल मीडिया या
ज़मीनी स्तर पर प्रयोग
की जा रही है,
वह सिर्फ सनातन ही नहीं, भारत
की लोकतांत्रिक और सहिष्णु संस्कृति
पर भी कुठाराघात है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का
यह दो टूक संदेश
कि “कांवड़ियों को आतंकवादी कहने
वालों को बख्शा नहीं
जाएगा“, उस दृढ़ इच्छाशक्ति
को दर्शाता है, जो आस्था
और राष्ट्र की रक्षा के
लिए आवश्यक है।
श्रावण मास के पावन
अवसर पर कांवड़ यात्रा
को लेकर एक बार
फिर सांप्रदायिक मानसिकता और धार्मिक असहिष्णुता
की दुर्भाग्यपूर्ण झलक सामने आई
है। यह बेहद आपत्तिजनक
है। यह बातें मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को
वाराणसी में आयोजित कार्यक्रमों
के दौरान कांवड़ यात्रा को लेकर तीव्र
शब्दों में प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कांवड़ यात्रा
श्रद्धा का पर्व है,
भक्ति का प्रतीक है।
जो कांवड़ियों को आतंकवादी और
उपद्रवी कहता है, वह
सनातन संस्कृति और भारत की
परंपरा का अपमान करता
है।
बिरसा मुंडा की विचारधारा आज के भारत को एक भारत
श्रेष्ठ भारत’ की दिशा में मार्गदर्शन देती है : सीएम योगी
वसंत महिला महाविद्यालय
में आयोजित ‘बिरसा मुंडा की विरासत : आदिवासी
सशक्तीकरण और राष्ट्रीय आंदोलन
के लिए उत्प्रेरक’ विषय
पर दो दिवसीय राष्ट्रीय
संगोष्ठी का उद्घाटन भी
सीएम योगी ने किया।
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएसएसआर) के सहयोग से
आयोजित इस सेमिनार में
देशभर से आए 100 से
अधिक शोधार्थी आदिवासी विमर्श पर अपने शोधपत्र
प्रस्तुत कर रहे हैं।
यह संगोष्ठी केवल शैक्षिक आयोजन
नहीं, बल्कि भारत की मूल
चेतना को पुनः जागृत
करने का अवसर बनी।
मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश
था कि "जो भारत को
तोड़ने का प्रयास करेगा,
उसे समाज से बाहर
कर देना होगा। और
जो भारत को जोड़ेगा,
उसका स्वागत होगा।" सीएम
योगी ने बिरसा मुंडा
को नमन करते हुए
कहा, उनकी विचारधारा आज
के भारत को एक
भारत श्रेष्ठ भारत’ की दिशा में
मार्गदर्शन देती है। उन्होंने जनजातीय समाज को
भारत की सनातन परंपरा
का मूल आधार बताया।
उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को भारतीय स्वतंत्रता
संग्राम का प्रेरणा स्रोत
मानते हुए समाज को
जातीय विभाजन के खतरे से
आगाह किया और कहा
कि फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट
बनाकर समाज में विष
घोलने वालों को बख्शा नहीं
जाएगा।
कांवड़ियों की सुविधा-सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
काशी विश्वनाथ धाम
में बढ़ती कांवड़ यात्रा
के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने प्रशासन को
निर्देश दिया कि मंदिर
पहुंचने वाले किसी भी
श्रद्धालु को जलाभिषेक या
दर्शन में कोई असुविधा
न हो. श्रद्धालुओं को
लंबी कतारों से बचाने के
लिए समुचित प्रबंधन किया जाए. सुरक्षा,
सफाई और सुविधा को
सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए. उन्होंने
कहा कि श्रावण में
लाखों भक्त काशी पहुंचते
हैं, यह न सिर्फ
धार्मिक अवसर है बल्कि
सांस्कृतिक गौरव का भी
प्रतीक है।
दालमंडी सड़क चौड़ीकरण को मिल सकती है रफ्तार
सीएम योगी ने
वाराणसी की बहुप्रतीक्षित दालमंडी
सड़क चौड़ीकरण परियोजना पर भी अधिकारियों
से प्रगति रिपोर्ट मांगी। प्रोजेक्ट लागत : ₹220.59 करोड़, सड़क लंबाई : 650 मीटर,
चौड़ाईः 17 मीटर, विशेषताएं : दोनों ओर नाली, डक्ट
व सूचना बोर्ड, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया
कि बरसात के बाद कार्य
तत्काल प्रारंभ हो जाए, ताकि
दालमंडी की वर्षों पुरानी
जाम और भीड़ की
समस्या का समाधान हो
सके।
सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट से नफ़रत फैलाने वालों पर नजर
सीएम योगी ने
कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक
में अफसरों से कहा कि
फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स
के जरिए नफरत फैलाने
और साम्प्रदायिक माहौल खराब करने वाले
अराजक तत्वों पर कठोर कार्रवाई
करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जातीय
विद्वेष, धार्मिक तनाव, अफवाहों के जरिए उपद्रव
फैलाने वालों को बख्शा नहीं
जाएगा. साइबर सेल को सक्रिय
किया जाए और ऐसे
तत्वों को चिन्हित कर
कानूनी शिकंजे में लिया जाए.
सनातन परंपरा में जनजातियों की अमिट छाप
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा
कि भारत की सनातन
परंपरा को यदि किसी
समाज ने सबसे अधिक
जीवित रखा है, तो
वह जनजातीय समाज है। उन्होंने
भगवान राम से लेकर
शिवाजी महाराज तक के उदाहरण
देते हुए बताया कि
कैसे हर कालखंड में
वनवासी समाज ने संघर्ष
और सेवा दोनों में
अग्रणी भूमिका निभाई। जब भगवान राम के पास
कोई सेना नहीं थी,
तब वनवासी समाज उनके साथ
रावण के विरुद्ध खड़ा
हुआ। यही समाज महाराणा
प्रताप और शिवाजी जैसे
राष्ट्रनायकों का भी आधार
बना।
बिरसा मुंडा: स्वतंत्रता की अलख जगाने वाला युगपुरुष
योगी ने भगवान
बिरसा मुंडा को केवल एक
जनजातीय नेता नहीं, बल्कि
राष्ट्रीय चेतना का अग्रदूत बताया।
अल्पायु में ही धरती माता
की पुकार पर उन्होंने अंग्रेजी
हुकूमत को चुनौती दी।
उनके संघर्ष ने जनजातीय समाज
में आत्मसम्मान और जागृति का
संचार किया। मुख्यमंत्री ने हाल की
घटनाओं का हवाला देते
हुए बताया कि कैसे कुछ
लोग भगवा वस्त्र पहनकर
"या अल्लाह" चिल्लाते हुए आगजनी करते
हैं ताकि हिंदू समाज
को बदनाम किया जा सके।
जांच में जब सच्चाई सामने
आई, तो साबित हुआ
कि समाज को तोड़ने
और जातीय वैमनस्य फैलाने के पीछे संगठित
साजिशें हैं। यही वर्ग
सोशल मीडिया पर फर्जी नामों
से जहर उगलता है।
जनजातीय समाज को योजनाओं से जोड़ने का संकल्प
सीएम योगी ने
स्वीकार किया कि दशकों
तक जनजातीय समाज शासन की
मुख्यधारा से कटे रहे,
न तो संवाद हुआ,
न सुविधा पहुंची। उन्होंने 2017 के बाद की
नीतियों का उल्लेख करते
हुए कहा कि हमने सोनभद्र,
चंदौली, मिर्जापुर जैसे अंचलों में
राजस्व ग्राम की मान्यता देकर
योजनाओं को जमीन पर
उतारा है। राशन कार्ड
से लेकर पेंशन तक
की सुविधाएं पहली बार उन्हें
मिल सकीं।
वेदों का वास्तविक आचरण जनजातियों के जीवन में
मुख्यमंत्री ने एक रोचक
तुलना करते हुए कहा
कि जो लोग वेदों
की चर्चा करते हैं, वे
केवल बोलते हैं, परंतु जनजातीय
समाज उन्हें जीता है। वे
पेड़ों, नदियों और पहाड़ों के
प्रति आदर का भाव
रखते हैं। यही सनातन
का असली रूप है।
भारत की परंपरा कभी
भी संकीर्ण नहीं रही। मंदिर
जाने वाला भी हिंदू
है और न जाने
वाला भी। यही उदारता
सनातन का सार है।
समरसता बनाए रखने की आवश्यकता
सीएम योगी ने
उदाहरण दिया कि कैसे
जौनपुर में नियम तोड़कर
ऊंचा ताजिया बनाया गया और हादसे
में तीन लोग मारे
गए। इसके बाद आंदोलन
और सड़क जाम किया
गया। ऐसे मामलों में सख्ती जरूरी
है, ताकि कानून का
राज बना रहे और
समरसता न टूटे।
जनजातीय गौरव दिवस : संवाद और कृतज्ञता का दिन
सीएम योगी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 नवंबर
को घोषित जनजातीय गौरव दिवस को
जनजातीय समाज के साथ
संवाद का अवसर बताते
हुए कहा कि हम कोल,
भुइयां, खरवार जैसी जनजातियों तक
शासन की योजनाएं पहुंचाकर
उनका आत्मविश्वास बढ़ा रहे हैं।
यह हमारा दायित्व है। मुख्यमंत्री ने
एनी बेसेंट और कृष्णमूर्ति जैसे
मनीषियों की स्मृति को
संजोते हुए वसंत महिला
महाविद्यालय को भारतीय परंपरा
की संरक्षक संस्था बताया। यह परिसर मुझे प्राचीन गुरुकुलों
की याद दिलाता है।
यहां राष्ट्र और संस्कृति की
चेतना जीवंत है।
पद्मश्री अशोक भगत को नमन
मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज के लिए जीवन समर्पित करने वाले पद्मश्री अशोक भगत की सेवा को स्मरण करते हुए कहा कि "उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मार्गदर्शन में जिन क्षेत्रों में काम किया है, वहां शासन भी नहीं पहुंच पाया था। उनका जीवन प्रेरणा है।" मुख्य वक्ता पद्मश्री अशोक भगत ने कहा बिरसा मुंडा सिर्फ आदिवासी नहीं, स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। उन्होंने साम्राज्यवाद और धर्मांतरण के विरुद्ध जो संघर्ष किया, वो आज भी प्रेरणा दायक है. इस अवसर पर मंत्रीगण, विधायकों, प्राध्यापकों और छात्राओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की। मुख्यमंत्री द्वारा किया गया पौधरोपण प्रकृति के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बना। यह आयोजन एक नई दिशा की ओर संकेत है—जहां जनजातीय चेतना, सनातन संस्कृति और समरस समाज साथ-साथ चलें।
No comments:
Post a Comment