Monday, 28 July 2025

तीसरी सोमवारी पर उमड़ी रिकॉर्ड तोड़ भीड़, ‘हर हर महादेव’ से गूंजा हर कोना

अर्धनारीश्वर स्वरूप में काशी विश्वनाथ....भक्त हुए निहाल!

तीसरी सोमवारी पर उमड़ी रिकॉर्ड तोड़ भीड़, ‘हर हर महादेवसे गूंजा हर कोना 

काशी विश्वनाथ धाम में लाखों शिवभक्तों ने किया जलार्पण, पुष्पवर्षा से स्वागत

मंगला आरती से शुरू हुई बाबा दरबार की भक्ति-यात्रा, डीएम ने पुष्पवर्षा कर किया श्रद्धालुओं का स्वागत

सुरेश गांधी

वाराणसी. श्रावण मास की तीसरी सोमवारी पर काशी में आस्था की बाढ़ उमड़ पड़ी। बाबा विश्वनाथ के धाम में श्रद्धा का सागर लहराया। सोमवार तड़के सुबह 406 बजे जब बाबा का पट आम भक्तों के लिए खुला, तभी से हजारों कांवरिए और शिवभक्तहर हर महादेवऔरबोल बमके जयघोष के साथ लंबी कतारों में जलार्पण के लिए आगे बढ़ने लगे। बाबा के दरबार में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।

गोदौलिया, मैदागिन, चौक और लक्सा से लेकर विश्वनाथ धाम तक पूरा मार्ग शिवभक्तों की भीड़ से अटा रहा। पूरा क्षेत्र भक्ति, भजन और बोल बम के नारों से गूंज उठा। प्रातः आरती के उपरांत जब श्रद्धालुओं की कतारें मंदिर के दोनों ओर पंक्तिबद्ध होकर बढ़ीं, तब जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार, मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने धाम के बाहर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। यह दृश्य शिवभक्ति और सेवा भाव का अद्वितीय संगम बन गया।

इस दौरान बाबा विश्वनाथ के अर्धनारीश्वर स्वरूप में दर्शन दिए. अर्धनारीश्वर स्वरूप का अर्थ यह है कि आधा पुरुष और आधी स्त्री. महादेव का अर्धनारीश्वर स्वरूप पुरुष और स्त्री की समानता को दर्शाता है. अर्धनारीश्वर स्वरूप में बाबा के अद्भुत श्रृंगार की झांकी देख भक्त भी निहाल हो गए. मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया किश्रावण के हर सोमवार को दर्शनार्थियों की भीड़ स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी को असुविधा हो और दर्शन व्यवस्था पूरी तरह सुचारु बनी रहे।बाबा दरबार में दिनभर जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, बेलपत्र अर्पण और अन्य शिवपूजन की रस्में श्रद्धा भाव से संपन्न होती रहीं। 

काशी में आए दूर-दराज़ के श्रद्धालु दर्शन पाकर भावविभोर नजर आए। श्रद्धालुओं का कहना है किहर साल श्रावण में बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार व्यवस्था और सेवा देखकर मन प्रसन्न हो गया.“ काशी की पावन धरती पर आस्था, प्रशासन और व्यवस्था का यह त्रिवेणी संगम श्रद्धालुओं के मन में बाबा विश्वनाथ के प्रति और भी गहन श्रद्धा भर गया।

अर्धनारीश्वर स्वरूप में श्रृंगार के बाद हुआ आरती

अर्धनारीश्वर स्वरूप से यह संकेत मिलते हैं कि पुरुष और स्त्री दोनों ही एक ही सिक्के के दो पहलु हैं. यह दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं. सावन के तीसरे सोमवार को बाबा विश्वनाथ का अर्धनारीश्वर रूप में श्रृंगार के बाद उनकी आरती उतारी गई. इस दौरान पूरा मंदिर घंटा, डमरू और शंख की आवाज से गूंजता रहा. इसके साथ ही हर-हर महादेव के जयघोष भी सुनाई दिए.

हर सोमवार को होता है अलग श्रृंगार

बता दें कि सावन के इस महीने में पांच सोमवार हैं. पांचों सोमवार को बाबा विश्वनाथ का अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार हो रहा है. इसी क्रम में तीसरे सोमवार को बाबा विश्वनाथ भक्तों को अर्धनारीश्वर रूप में दर्शन दिया.

श्रद्धालु बोले, बाबा के दर्शन मिल जाएं, यही सबसे बड़ी कृपा

सामान्य कतारों से बाबा के जलार्पण के लिए पहुंचे श्रद्धालु भावविभोर दिखे। किसी ने परिवार के मंगल की कामना की तो कोई अपने रोगों से मुक्ति की प्रार्थना करता दिखा। श्रद्धालुओं ने बताया कि व्यवस्था बेहद अनुशासित रही और प्रशासन की ओर से हर स्तर पर सहयोग मिला।

पुलिस-प्रशासन मुस्तैद, ड्रोन से मॉनिटरिंग

श्रद्धालुओं की रिकॉर्डतोड़ भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखा। कांवड़ियों और अन्य श्रद्धालुओं के लिए लाइन मैनेजमेंट, पेयजल, चिकित्सा, साफ-सफाई, छाया और सुरक्षा जैसे सभी बिंदुओं पर प्रशासन की टीम लगातार निगरानी कर रही है। मुख्य मार्गों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। हर रूट पर लाउडस्पीकर से माइकिंग, सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, और सेवा शिविरों के माध्यम से लगातार श्रद्धालुओं की सहायता की जा रही है।

संयम और धैर्य बनाए रखें श्रद्धालु

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से शांतिपूर्वक कतारबद्ध होकर बाबा के दर्शन करने की अपील की है। साथ ही अनुरोध किया गया है कि कोई भी श्रद्धालु धक्का-मुक्की करें और शिवभक्ति में विनम्रता बनाए रखें।

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