Sunday, 3 August 2025

ऑक्सीजन क्लब के पंचक्रोशी यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब

ऑक्सीजन क्लब के पंचक्रोशी यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब 

एक पौधा एक मंदिरबना हरित संकल्प

ऑक्सीजन क्लब की पहल में धर्म, सेवा और पर्यावरण का त्रिवेणी संगम

सुरेश गांधी

वाराणसी। ऑक्सीजन क्लब की पंचक्रोशी यात्रा इस बार केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था, सामाजिक समरसता और पर्यावरण चेतना का जीता-जागता उदाहरण बन गई। ऑक्सीजन क्लब द्वारा आयोजित 85 किमी लंबी इस परिक्रमा यात्रा का समापन रविवार शाम मणिकर्णिका घाट पर भक्तों की गगनभेदी हर-हर महादेव की गूंज के साथ हुआ।

क्लब के सदस्यों के अलावा पूरे मार्ग पर आस्था का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त, विशेष रूप से काशी और आसपास के ग्रामीण अंचलों के लोगों ने यात्रा में शामिल लोगों का स्वागत किया. खास यह है कि यात्रा में महिला-पुरुष, बच्चों और युवाओं ने पूरे जोश और श्रद्धा के साथ पंचक्रोशी परिक्रमा में भाग लिया। यात्रा इस मायने में ऐतिहासिक बन गई कि इसमें धर्म के साथ-साथ प्रकृति के संरक्षण का स्पष्ट संदेश भी दिया गया।

काशी की पंचकोशी परिक्रमा को जब धर्म के साथ पर्यावरण संरक्षण का आधार मिल जाए, तो वह केवल परंपरा नहीं, परिवर्तन बन जाती है। इस बार की यात्रा में उमड़े आस्था के सैलाब ने यह स्पष्ट कर दिया कि जनसहभागिता, सेवा भाव और हरित संकल्पों से भारत की सनातन परंपराएं अब नए युग की ओर बढ़ रहीं हैं?, जहाँ शिव आराधना के साथ धरती माता की सेवा भी अनिवार्य बन चुकी है। काशी की गलियों से निकलती यह हरित परिक्रमा हमें बताती है कि अगर धार्मिक परंपराओं को सामाजिक सरोकार से जोड़ा जाए, तो वे विकास, पर्यावरण और मानवता के नए अध्याय रच सकती हैं। ऑक्सीजन क्लब का यह प्रयास केवल अनुकरणीय है, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत भी।

मंदिर-मंदिर पौधरोपण : हर पड़ाव पर

धर्म के साथ धरती मां की आराधना

कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे विक्रांत दुबे ने बताया कि पंचकोशी यात्रा के दौरान मंदिरों में दर्शन-पूजन के साथ-साथ हर पड़ाव पर पौधरोपण करएक पौधा, एक मंदिरका संकल्प पूरा किया गया। श्रद्धालुओं ने 56 देवालयों, 108 शिवलिंगों और 11 विनायक स्थलों पर केवल मत्था टेका, बल्कि हर स्थल पर हरियाली के बीज भी बोए।

रामेश्वर धाम में वरुणा किनारे हुआ सामूहिक वृक्षारोपण

तीसरे पड़ाव रामेश्वर धाम में हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में महादेव मंदिर के आसपास बृहद पौधरोपण किया गया।

विद्यालयों में बंटेंगे पौधे, बच्चों को संस्कार देने की अनोखी पहल

क्लब ने सावन मास में पंचक्रोशी मार्ग के सभी विद्यालयों में छात्रों को फलदार पौधे वितरित करने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य भावी पीढ़ी में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के संस्कार विकसित करना है।

दूसरे पड़ाव पर अल्पाहार, हर मोड़ पर स्वागत ने बढ़ाया उत्साह

दूसरे पड़ाव पर समाजसेवी नीलकांत गुप्ता द्वारा आयोजित अल्पाहार सेवा ने यात्रियों को आत्मीयता से जोड़ा। पूरे मार्ग में स्थानीय निवासियों द्वारा स्वागत, जल सेवा और भजन-कीर्तन ने पंचक्रोशी यात्रा को उत्सव का रूप दे दिया। भक्तों की आस्था, सेवा भाव और आत्मीय सहभागिता ने इसे जनजन की यात्रा बना दिया।

हर उम्र, हर वर्ग की भागीदारी

यात्रा की विशेषता रही कि इसमें किसी वर्ग विशेष की नहीं, बल्कि हर उम्र और हर तबके के श्रद्धालुओं की भागीदारी रही। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, महिलाओं से लेकर युवाओं तक, सभी ने इस यात्रा को आत्मसात किया। श्रद्धालु जहां एक ओर भोलेनाथ के जयकारे लगाते चले, वहीं दूसरी ओर वे हर मंदिर पर वृक्षारोपण में भी हाथ बंटाते नजर आए। इस विशाल आयोजन में शैलेन्द्र त्रिपाठी, अरविन्द मिश्रा, वाराणसी पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर नीलकांत गुप्ता, सतीश चंद्र मिश्रा, अजय सिंह, गिरीश दुबे, हिमांशु शर्मा, भावना देवी, श्रीमती रितिका उपाध्याय, डॉ. संजय सोनकर, राकेश श्रीवास्तव, महेश गुप्ता, बब्बू चतुर्वेदी, देवेश श्रीवास्तव, अरविंद सिंह, संजय सिंह, पंकज चौबे, चन्द्रकान्त सिंह, शशिकांत, आलोक मालवीय, सुरेश गांधी श्याम सहित सैकड़ों ऑक्सीजन क्लब के सदस्य सम्मिलित रहे.

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