Wednesday, 13 August 2025

वाराणसी के हर थाने में होगा साइबर हेल्प डेस्क : एडीसीपी

अब ठग नहीं कर पाएंगे ऑनलाइन वार : बच्चों को मिली डिजिटल ढाल : सिखाए डिजिटल सुरक्षा के गुर

वाराणसी के हर थाने में होगा साइबर हेल्प डेस्क : एडीसीपी 

साइबर ठगों से बचना है तो बनोस्मार्ट यूजर

छात्रों को मिला साइबर सुरक्षा का कवच

बैंक फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग और ठगी के खिलाफ एडीसीपी नीतू ने दिए फिशिंग दिए सुरक्षित रहने के मूल मंत्र

बैंक सहयोग पर उठी शिकायत

पुलिस के इस कदम से ठगी रोकने में मिलेगी बड़ी मदद : अजीत सिंह बग्गा 

कैंट थाना की पहल पर वाराणसी व्यापार मंडल के पदाधिकारियों की जागरूकता बैठक

सुरेश गांधी

वाराणसी. डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों से बचाव के लिए कैंट थाना की ओर से बुधवार को साइबर क्राइम से बचाव और जागरूकता को लेकर सूर्या होटल, कैंटोनमेंट में विशेष बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता एडीसीपी नीतू ने की, जबकि एसीपी विपुल, एसीपी नितीन तनेजा, कैंट इंस्पेक्टर शिवाकांत और उनकी टीम मौजूद रही। इसके अलावा गोमती ज़ोन पुलिस ने बुधवार को वृहद जागरूकता अभियान चलाया। पुलिस उपायुक्त गोमती ज़ोन, अपर पुलिस उपायुक्त और सहायक पुलिस आयुक्त ने अलग-अलग विद्यालयों में जाकर विद्यार्थियों को साइबर अपराध के तरीके, बचाव और सतर्क रहने के गुर सिखाए।

बैठक में एडीसीपी नीतू ने कहा कि साइबर ठगी से बचने का पहला उपाय है कि किसी भी अनजान कॉल, लिंक या बैंक से जुड़े संदेश पर तुरंत भरोसा करें। ओटीपी, पासवर्ड या पिन किसी के साथ साझा करें और केवल सुरक्षित ऐप वेबसाइट से ही ऑनलाइन भुगतान करें। उन्होंने कहा, फ्रॉड होते ही 1930 हेल्पलाइन या नजदीकी थाने के साइबर अधिकारी को तुरंत सूचना दें। अब सभी थानों में साइबर क्राइम अधिकारी तैनात हैं और जल्द ही हर थाने में साइबर हेल्प डेस्क शुरू होगा।

बैठक में बताया गया कि पहले साइबर फ्रॉड मामलों में 5 लाख रुपये की लिमिट थी, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। इससे अधिक राशि के मामलों पर भी तुरंत कार्रवाई संभव होगी। व्यापारी प्रतिनिधियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम नियमित होने चाहिए, ताकि कोई भी व्यापारी साइबर ठगी का शिकार बने। वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने कहा, व्यापारियों के लिए यह जानकारी बेहद जरूरी है, ठग अब बेहद चालाक हो गए हैं। हालांकि बैंकों का सहयोग मिलना सबसे बड़ी परेशानी है, इस पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है, ऐसे कार्यक्रम नियमित होने चाहिए।

बैठक में वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, महामंत्री कवीन्द्र जायसवाल, संयुक्त महामंत्री मनीष गुप्ता, महिला मंडल अध्यक्ष प्रिया अग्रवाल श्वेता कटिहार, कोषाध्यक्ष शिव प्रकाश, उपभोक्ता मंच महामंत्री अरविंद जायसवाल, जिला अध्यक्ष नन्हे जायसवाल, चौरसिया व्यापार मंडल अध्यक्ष सुनील चौरसिया, जिला युवा अध्यक्ष सरोज गुप्ता, कबीर रोड अध्यक्ष अनुभव, सारनाथ अध्यक्ष संगीता चौबे, पहाड़िया महामंत्री अरविंद लाल, तेलियाबाग अध्यक्ष महेश, आईटी सेल अध्यक्ष संतोष सिंह, अल्पसंख्यक अध्यक्ष शाहिद कुरैशी, पूर्वांचल महामंत्री जितेश जायसवाल समेत बड़ी संख्या में व्यापारी और पदाधिकारी मौजूद रहे।

पुलिस उपायुक्त गोमती ज़ोन ने त्रिपदा पब्लिक स्कूल बड़ागाँव, अपर पुलिस उपायुक्त ने चन्द्रप्रभा पब्लिक स्कूल कपसेठी और सहायक पुलिस आयुक्त राजातालाब ने वाराणसी पब्लिक स्कूल राजातालाब में विद्यार्थियों से संवाद किया। इस दौरान फिशिंग, ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया हैकिंग, साइबर बुलिंग, ऑनलाइन गेमिंग ठगी और रैनसमवेयर अटैक जैसे मामलों की जानकारी दी गई। 

छात्रों कोस्मार्ट यूजर, सेफ यूजरबनने के लिए मजबूत पासवर्ड, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, पब्लिक वाई-फाई का सतर्क उपयोग, सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग्स और व्यक्तिगत जानकारी को गोपनीय रखने जैसे मूल मंत्र सिखाए गए। पुलिस उपायुक्त ने कहा, "विद्यार्थी खुद भी सुरक्षित रहें और परिवार समाज को भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करें।" शिक्षकों ने इस पहल को समय की आवश्यकता बताते हुए कहा कि डिजिटल साक्षरता ही आने वाले समय की असली ढाल है।                                                                                             

साइबर ठगी से बचाव के 5 आसान उपाय

1. ओटीपी या पासवर्ड कभी किसी को बताएं, चाहे वह बैंक या पुलिस अधिकारी होने का दावा करे। 

2. अनजान लिंक या ऐप डाउनलोड करें, इनमें वायरस या हैकिंग सॉफ़्टवेयर हो सकते हैं। 

3. ऑनलाइन पेमेंट सिर्फ भरोसेमंद ऐप/वेबसाइट से करें, पब्लिक वाई-फाई से लेन-देन करें। 

4. फ्रॉड होते ही राष्ट्रीय साइबर 1930 हेल्पलाइन या साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर तुरंत शिकायत दर्ज करें। 

5. बैंक और क्रेडिट कार्ड के अलर्ट चालू रखें, ताकि हर ट्रांजैक्शन की तुरंत जानकारी मिले।

6. क्लिक करने से पहले सोचो, शेयर करने से पहले जांचो

7. सबूत (स्क्रीनशॉट, ईमेल, बैंक डिटेल) सुरक्षित रखें

8. नजदीकी थाना या साइबर सेल से संपर्क करें

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