एक्सपो में
‘बुलडोजर
बाबा’
कालीन
पर
ठिठकी
मुख्यमंत्री
की
मुस्कान
कालीनों में उकेरे पीएम और सीएम के चित्र, मेले में रही कौशल की गूंज
धागों में
राजनीति
नहीं,
प्रेरणा
की
कला,
एक्सपो
में
मोदी-योगी
कालीनों
की
गूंज
सेवापुरी की
ज्ञान
देवी
ने
बुनाई
पर
उकेरी
प्रधानमंत्री
मोदी
की
छवि,
वहीं
‘बुलडोजर
बाबा’
कालीन
बना
आकर्षण
का
केंद्र
सुरेश गांधी
भदोही. इंडिया कार्पेट एक्सपो में इस बार
कला और राजनीति का
संगम देखने को मिला। या
यूं कहे भदोही की
चमकते धागों वाली दुनिया में
इस बार कला ने
सत्ता और प्रेरणा दोनों
को बुन डाला।
अंतर्राष्ट्रीय कालीन मेला 2025 में जहां एक ओर सेवापुरी, वाराणसी की महिला बुनकर ज्ञान देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को ऊन के महीन ताने-बाने में उकेर कर सबका ध्यान खींचा, वहीं दूसरी ओर ‘बुलडोजर बाबा’ की आकृति वाली कालीन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया।
“प्रेरणा मुझे प्रधानमंत्री से मिली” : ज्ञान देवी
कमलहा बर्की, सेवापुरी की रहने वाली ज्ञान देवी पत्नी जोखन बिंद पिछले 20 वर्षों से कालीन बुनाई में अपनी पहचान बना चुकी हैं। उन्होंने इस बार जो कृति बुनी है, वह महज एक कालीन नहीं बल्कि शिल्प में श्रद्धा का प्रतीक है, 18 बाई 24 इंच की ऊनी कालीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सजीव छवि।
ज्ञान देवी ने बताया, “मुझे प्रधानमंत्री जी से गुजरात में मिलने का अवसर मिला था।
उनकी सादगी और राष्ट्र के लिए समर्पण ने मुझे इतना प्रभावित किया कि मैंने ठान लिया कि एक दिन उन्हें अपनी कला के धागों में उतारूँगी।”
धीरे-धीरे महीनों की मेहनत से उन्होंने ऊन के रेशों में वह भावनात्मक चित्र बुना, जिसमें मोदी जी की आंखों की दृढ़ता और चेहरे की विनम्र मुस्कान एक साथ झलकती है।
मेले में इस कालीन
के सामने विदेशी बायर्स और स्थानीय आगंतुक
देर तक ठहरते रहे,
मानो बुनाई बोल रही हो,
“यह कला नहीं, प्रेरणा
की प्रतिमा है।”
बुलडोजर बाबा’ कालीन पर ठिठकी मुख्यमंत्री की मुस्कान
वहीं, एक्सपो के एक अन्य
स्टॉल पर प्रस्तुत ‘बुलडोजर
बाबा’ थीम वाली कालीन
ने सभी का ध्यान
खींच लिया। भदोही के सुप्रसिद्ध कालीन
निर्यातक प्रहलाददास गुप्ता और बृजेश गुप्ता
द्वारा निर्मित कराई गई इस
कालीन में मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ की छवि को
बुलडोजर के साथ उकेरा
गया था, शक्ति, न्याय
और विकास के प्रतीक रूप
में। जब मुख्यमंत्री ने
यह कालीन देखी तो उनके
चेहरे पर मुस्कुराहट फैल
गई। उन्होंने कलाकारों की प्रशंसा करते
हुए कहा, “कला का यह
रूप जनता के विश्वास
और शासन की निष्ठा
दोनों को अभिव्यक्त करता
है।” गुप्ता बंधुओं ने यह विशेष
कालीन मुख्यमंत्री को भेंट की,
जिसे देखकर योगी आदित्यनाथ ने
कहा कि “यह केवल
चित्र नहीं, जनता के भावों
की बुनावट है।”
उद्योग की नई राह पर संवाद
पूर्व सीनियर प्रशासनिक सदस्य उमेश गुप्ता के स्टॉल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष रूप से ठहरे।
यहाँ उन्होंने कालीन उद्योग की वर्तमान चुनौतियों, बाजार विस्तार, एमएसएमई नीति और निर्यात प्रोत्साहन पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने
कहा कि प्रदेश सरकार
निर्यातकों और उद्यमियों के
साथ हर स्तर पर
खड़ी है और भदोही
का हुनर अब विश्व
ब्रांड बन चुका है।
बुनाई में बुना भावनाओं का संसार
ज्ञान देवी
की कला ने यह
बताया कि भारत की
महिला शक्ति अपनी सुई और
करघे से भी इतिहास
लिख सकती है, जबकि
‘बुलडोजर बाबा’ की कालीन ने
शासन और शिल्प के
संगम को साकार किया।
योगी बोले, पाटोदिया ने ‘मेक इन इंडिया को दिया नया अर्थ’
विश्व की सबसे बड़ी हैंड टफ्टेड कालीन, जो आज कजाखस्तान की ग्रैंड मस्जिद में बिछी है, का निर्माण यहीं के पाटोदिया एक्सपोर्ट कंपनी ने किया है। इस अद्भुत रचना को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने “विश्व की सबसे बड़ी हैंड टफ्टेड कालीन” के रूप में दर्ज किया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के प्रतीकस्वरूप कंपनी के प्रमुख रवि पाटोदिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस कालीन की एक प्रतिकृति भेंट की। मुख्यमंत्री ने इसे देखकर न केवल गर्व व्यक्त किया, बल्कि कहा — “भदोही के बुनकरों ने ‘मेक इन इंडिया’ को नया अर्थ दिया है।
यह केवल आर्थिक उपलब्धि
नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।”
यह कालीन 12,464.28 वर्ग मीटर क्षेत्र
में फैली है और
इसे तैयार करने में एक
हजार से अधिक बुनकरों
ने लगातार छह महीने तक
दिन-रात मेहनत की।
रंगों, डिजाइन और बुनावट की
ऐसी अनूठी संगति विश्व स्तर पर भारतीय
शिल्प कौशल की पहचान
बन चुकी है। मुख्यमंत्री ने
इस उपलब्धि को “भदोही की
धरती की साधना और
श्रम का वैश्विक सम्मान”
बताते हुए कहा कि
यह सफलता पूरे प्रदेश और
देश के लिए प्रेरणा
है — जहां हर तंतु
में परिश्रम, परंपरा और प्रगति की
कहानी बुनी हुई है।







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