Wednesday, 10 December 2025

डिजिटल युग में सुरक्षा का संकल्प : डीजीपी ने दी चेतावनी, वाराणसी पुलिस ने बढ़ाया साइबर जागरूकता अभियान

डिजिटल युग में सुरक्षा का संकल्प : डीजीपी ने दी चेतावनी, वाराणसी पुलिस ने बढ़ाया साइबर जागरूकता अभियान 

लोभ, लापरवाही और डिजिटल लत से बढ़ रहा साइबर खतरा; 1930 कीगोल्डन आवररिपोर्टिंग ही सबसे बड़ा हथियार

सुरेश गांधी

वाराणसी. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने बुधवार को वर्चुअल संबोधन के दौरान साइबर सुरक्षा पर बढ़ते खतरों को लेकर सावधान किया। उन्होंने बताया कि कोविड के बाद से लोगों की डिजिटल निर्भरता, फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन, सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग और इंटरनेट उपयोग, अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है। भारत में डेटा सस्ता होने के कारण उसका उपयोग विकसित देशों की तुलना में 70 गुना अधिक है, लेकिन यही सुविधा साइबर अपराधियों के लिए बड़ा अवसर बन चुकी है।

डीजीपी ने स्पष्ट कहा कि लोभ, लापरवाही, डिजिटल लत और मनोवैज्ञानिक भय (डिजिटल अरेस्ट) साइबर अपराध का शिकार बनने के चार प्रमुख कारण हैं। उन्होंनेडिजिटल अरेस्टजैसे नए साइबर फ्रॉड से सावधान करते हुए बताया कि किसी भी भारतीय कानून में ऐसी कोई प्रक्रिया ही नहीं है। ऐसे कॉल, वीडियो कॉल या संदेश पूरी तरह धोखाधड़ी हैं। उन्होंने साइबर हेल्पलाइन 1930 के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि साइबर अपराध होने परगोल्डन आवरके अंदर सटीक सूचना देना बहुत जरूरी है। इसी तेज प्रतिक्रिया के कारण पिछले तीन महीनों में 130 करोड़ रुपये की रकम पीड़ितों को लौटाई जा सकी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में साइबर थाने तथा 1576 थानों पर साइबर हेल्प डेस्क सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। डीजीपी ने अपील की किआज का सहभागी आगे 100 लोगों को जागरूक करे, क्योंकि जागरूकता ही साइबर अपराध के खिलाफ सबसे प्रभावी हथियार है।

वाराणसी कमिश्नरेट की बड़ी कार्रवाई : 75 साइबर

अपराधी गिरफ्तार, 1400 मोबाइल नंबर ब्लॉक

कार्यशाला में पुलिस आयुक्त वाराणसी मोहित अग्रवाल ने बताया कि कमिश्नरेट ने साइबर अपराध के खिलाफ लगातार अभियान चलाया है। इसके तहत :

5 फर्जी कॉल सेंटरों पर कार्रवाई, 75 साइबर अपराधी गिरफ्तार

1400 संदिग्ध मोबाइल नंबर ब्लॉक

पीड़ितों के 7.5 करोड़ रुपये वापस कराए गए

फर्जी सिम बेचने वाले 8 लोगों को जेल भेजा गया

600 से अधिक साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

आसान भाषा में तैयारसाइबर ज्ञान पुस्तिकाकी 50,000 प्रतियां जनता में वितरित

पुलिस आयुक्त ने कहा कि साइबर अपराध रोकने में जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है, और वाराणसी पुलिस इस दिशा में व्यापक अभियान चला रही है।

डिजिटल सुरक्षा की पाठशाला : विशेषज्ञ डॉ. रक्षित

टंडन का प्रैक्टिकल प्रशिक्षण

कार्यक्रम में साइबर विशेषज्ञ डॉ. रक्षित टंडन ने बेहद सरल तरीके से डिजिटल सुरक्षा की तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने बताया : डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन फ्रॉड और डेटा चोरी से बचाव के तरीके, हैकरों से बचने के लिए मजबूत पासवर्ड और मल्टीफैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य, हैकरों से बचने के लिए मजबूत पासवर्ड और मल्टीफैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य संदिग्ध लिंक/फाइल की जांच virustotal.com पर अवश्य करें APK फाइलें कभी डाउनलोड करें, मोबाइल सॉफ्टवेयर अपडेट रखें व्हाट्सऐप, सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग बच्चों को सलाह—“अपना प्राइवेट डेटा कहीं शेयर करें, डिजिटल फुटप्रिंट कभी डिलीट नहीं होता।कार्यक्रम में एडीसीपी कानून-व्यवस्था एवं मुख्यालय शिवहरी मीणा, डीसीपी क्राइम श्री सरवणन टी, एडीसीपी साइबर क्राइम श्रीमती नीतू, एसीपी साइबर क्राइम श्री विदुष सक्सेना, मीडिया प्रतिनिधि, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। कार्यशाला का संदेश स्पष्ट रहाडिजिटल दुनिया सुरक्षित तभी है, जब आप सतर्क हैं।

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