हर ‘हिन्दुस्तानी’ का ‘सीना’ दिखा ‘56 इंच’ का
शहीदों की तेरहवीं
के दिन जैश
के सरगना मौलाना
मसूद अज़हर से
वायु सेना ने
लिया बदला। मंगलवार
तड़के सुबह भारतीय
वायुसेना के लड़ाकू
जेट विमानों ने
सीमापार पाकिस्तान के बालाकोट
में कई आतंकी
शिविरों पर बम
गिराए। इस हमले
में आतंकी गुट
जैश-ए-मोहम्मद
के 300 से ज्यादा
आतंकियों के मारे
जाने की संभावना
है। भारतीय वायु
सेना की कार्रवाई
में आतंकवादी, प्रशिक्षक,
शीर्ष कमांडर और
जिहादी मारे गए
है। लेकिन इकी
खबर जैसे ही
टीवी स्क्रीन पर
दिखी हर हिन्दुस्तान
का दिल बाग-बाग हो
गया। फेसबुक, ट्वीट्र,
वाअ्सप पर तो
मानों सबकी बाझें
खिल गयी, हर
कोई ‘हाउ इज
द जोश’, ‘हाउ इज
द जैश्’ा, ‘वाह
मोदी’,
‘वाह सेना’ जैसे जोशिले
पोस्ट व कमेंट
डाले, तो किसी
ने लगे हाथ
धारा 370 को खत्म
करने व देश
में बैठे गद्दारों
को निपटाने की
बात कहीं। एकबारगी
लगा हर किसी
की अंतर्रात्मा जाग
उठी है। गजब
की देश भक्ति
दिखी, हर मुख
से यही निकला,
ये वीर है
देश जवानों का...
सुरेश गांधी
फिरहाल, 14 फरवरी को
पुलवामा आतंकी हमले के
13 दिन बाद भारत
ने पाकिस्तान को
करारा जवाब दिया
है। ऐअर सेना
के जाबांज जवानों
ने पुलवामा हमले
के शहीदों के
सहादत का बदला
लेने के लिए
पाकिस्तान में घुसकर
बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी
में आतंकी ठिकानों
पर हमले को
अंजाम दिया। दावा
के मुताबिक, हमले
में भारतीय जेट
विमानों ने पाकिस्तान
में आतंकी शिविरों
पर हमला कर
करीब 300 से 400 आतंकियों को
मौत की नींद
सुला दी है।
उनके आतंकी शिविरों
को तहस नहस
कर दिया है।
इस हमले के
बाद पूरे भारत
में जोश की
लहर है। कुछ
जगहों पर लोगों
ने जश्न मनाकर
सरकार के इस
कदम का स्वागत
किया है। वहीं
पुलवामा के शहीदों
के परिवार समेत
कई लोगों ने
इससे बड़ी कार्रवाई
करने की बात
कही। भला हो
भी क्यों नहीं,
जिस दिन 40 जवानों
की सहादत हुई
थी पूरा देश
रोया था। हर
तरफ आंखों में
आंसू और दिल
में पाकिस्तान से
बदला लेने की
चाहत देखी गयी
थ। पूरा देश
बहुत गुस्से में
था, लेकिन मंगलवार
की सुबह देश
के लिए काफी
मंगलकारी हुई। लोगों
के दिलों को
ठंडक मिली जब
ये पता चला
कि भारतीय वायु
सेना के लड़ाकू
विमानों ने पाकिस्तान
में चल रहे
कई आतंकी कैंपों
पर भारी बमबारी
कर दी है।
खास बात
यह रही कि
इसकी जानकारी खुद
पाकिस्तानी प्रवक्ता मेजर जनरल
आसिफ गफूर ने
सवा पांच बजे
खुद ट्वीट कर
भारतीय पराक्रम को कंफर्म
किया। इसके बाद
तो भारत में
टीवी से लेकर
सोशल मीडिया पर
मानों खुशी एक्सप्रेस
चल पड़ी हो।
यह अलग बात
है कि भारतीय
वायुसेना की कार्रवाई
के बाद पाकिस्तान
बौखलाया हुआ है।
सुबह से ही
रहक रह कर
एलओसी पर सीजफायर
का उल्लंघन कर
रहा है। हालांकि
पाकिस्तान की इस
हरकत का भारतीय
जवान मुंहतोड़ जवाब
दे रहे हैं।
सेना पाकिस्तान के
हर उस हमले
का जवाब देने
के लिए तैयार
है, जिसके जरिए
वो भारत में
तबाही मचाने का
ख्वाब देख रहा
है। यही
वजह है कि
इस स्ट्राइक के
बाद बॉर्डर पर
चौकसी बढ़ा दी
गई है। सरकार
की तरफ से
भारत पाकिस्तान की
सीमा पर अलर्ट
रहने को कहा
गया है। इसके
अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा
पर भी बीएसएफ
तैनात है। वहीं
दिल्ली-एनसीआर समेत देश
के कई बड़े
शहरों में अलर्ट
है। मोदी का
कहना है कि
जैश-ए-मोहम्मद
अभी उनके टारगेट
पर है। एयर
स्ट्राइक में भारत
के निशाने पर
मुख्य रूप से
पांच मोस्ट वांटेड
आतंकी थे। इस
हमले में जैश-ए-मोहम्मद
का सबसे बड़ा
आतंकी ठिकान तबाह
हो गया है।
मौलाना अम्मार, जो जैश
के आका मसूद
अजहर का भाई
है मारा गया
है। मौलाना तल्हा
सैफ, मुफ्ती अजहर
खान कश्मीरी, इब्राहीम
अजहर, यूसुफ अजहर
सहित कई मसूद
अजहर के सगे
मारे गए है।
पाकिस्तान के बालाकोट
में आतंकी संगठन
जैश-ए-मोहम्मद
का ट्रेनिंग कैंप
था। जिसका संचालन
मसूद अजहर का
निगरानी में मौलाना
यूसुफ अजहर कर
रहा था। उसका
दूसरा नाम उस्ताद
गौरी भी है।
वो रिश्ते में
जैश-ए-मोहम्मद
के सरगना मसूद
अजहर का साला
है। 1999 में कंधार
विमान अपहरण में
यूसुफ अजहर शामिल
था। वो अपहरणकर्ताओं
की टीम को
लीड कर रहा
थ। मसूद को
छुड़ाने के बाद
वो जैश में
भर्ती का काम
देख रहा था।
बाद में मसूद
अजहर ने उसे
संगठन में अहम
जिम्मेदारी दी। उसे
बालाकोट में मौजूद
आतंकी ट्रेनिंग कैंप
की जिम्मेदारी दी
गई थी।
भारत की
खुफिया एजेंसियों को आतंकियों
की ऐसी सूची
हाथ लगी जिससे
साफ होता है
कि 42 आत्मघाती हमलावरों
को ट्रेनिंग दी
जा रही थी।
खुफिया एजेंसियों को ये
सूची पाकिस्तान के
बालाकोट में सक्रिय
अपने सूत्रों के
जरिये मिली। इसके
बाद कैबिनेट बैठक
में राष्ट्रीय सुरक्षा
सलाहकार अजीत डोभाल
ने एयर स्ट्राइक
की प्लानिंग कर
हमले को अंजाम
दिया। एयर स्ट्राइक
में जो आतंकी
ठिकाने तबाह किए
गए हैं वे
कोई आम आतंकी
ठिकाने नहीं थे।
एयर फोर्स ने
आतंकियों के स्वीमिंग
पूल और ट्रेनिंग
के ढांचे को
नष्ट कर दिए
हैं। आतंकियों के
लिए ट्रेनिंग ढांचे
को पाकिस्तान आर्मी
और वहां की
खुफिया एजेंसी आएसआई ने
तैयार किया था।
यहां तक कि
पुलवामा में भारतीय
सुरक्षा बलों पर
हमले की साजिश
पाकिस्तान के बालाकोट
में ही रची
गयी थी। यह
पाकिस्तान के खैबर
पख्तूनख्वा में स्थित
बालाकोट एबटाबाद से सिर्फ
60 किलोमीटर दूर है।
एबटाबाद वही जगह
है जहां पर
अमेरिकी सेना ने
अलकायदा के खूंखार
आतंकी ओसामा बिन
लादेन को मार
गिराया था। 8 सालों बाद
वही हौसला भारतीय
सेना ने दिखाते
हुए एयर स्ट्राइक
कर पाकिस्तान को
हैरान कर दिया।
हमले की
भनक पाकिस्तान को
उस वक्त लगी
जब भारतीय जवान
ऑपरेशन को अंजाम
देकर लौटने लगे।
पाकिस्तान भारत के
मिराज-2000 पर कोई
जवाबी कार्रवाई नहीं
कर सका। जबकि
पाकिस्तान के पास
लड़ाकू विमान हैं
लेकिन उसके पास
तबाही का मंजर
देखने के अलावा
कोई और विकल्प
नहीं था। ऑपरेशन
ओसामा की तरह
ही भारत का
ऑपरेशन भी टारगेटेड
था। भारतीय वायुसेना
की स्ट्राइक में
केवल आतंकियों को
निशाना बनाया गया, आम
लोगों की सुरक्षा
का पूरा ध्यान
रखा गया। खास
यह रहा कि
अमेरिकी ने ओसामा
को सिर्फ 41 मिनट
के अभियान में
ढेर कर दिया
था, भारतीय सेना
ने भी सिर्फ
21 मिनट के भीतर
जैश-ए-मोहम्मद
के आतंकी ठिकाने
तबाह कर दिए।
इस 21 मिनट में
भारतीय 12 मिराज फाइटर ने
पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों
में हमला किया।
9/11 को हुए हमले
के बाद अमेरिका
ने चैन की
सांस नहीं ली।
अमेरिका ने ओसामा
को जिंदा या
मुर्दा पकड़ने का ऐलान
किया था। तब
से अमेरिकी सेना
अफगानिस्तान और पाकिस्तान
में उसके संभावित
ठिकानों पर लगातार
धावा बोल रही
थी। अमेरिका ने
पाकिस्तान में घुसकर
ओसामा को मार
गिराया और 9/11 हमले का
बदला लिया। भारत
ने भी पुलवामा
में सीआरपीएफ जवानों
की शहादत के
13वें दिन ही
पाकिस्तान से प्रतिशोध
ले लिया।
जैश भारत
के कई हिस्सों
में आतंकी वारदातों
को अंजाम देने
की फिराक में
था और इसके
लिए फिदायीन आतंकियों
को ट्रेनिंग दी
जा रही थी।
इस खतरे से
निपटने के लिए
भारत के लिए
एक स्ट्राइक करना
बेहद जरूरी हो
गया था। बालाकोट
कैंप में कमांडर
समेत 300 आतंकी किसी भी
समय मौजूद रहते
थे। इस कैंप
में ट्रेनिंग देने
वाले पाकिस्तानी सेना
के पूर्व अधिकारी
और अफगानिस्तानी लड़ाके
होते थे। मसूद
अजहर के बेटे
अब्दुल्ला ने बालाकोट
में जैश-ए-मोहम्मद के कैंप
में दिसंबर 2017 में
एडवांस ट्रेनिंग ली थी।
पुलवामा हमले की
साजिश भी बालाकोट
कैंप में ही
हुई थी। पिछले
3 महीनों में जैश
ने 60 जेहादियों को
ट्रेनिंग दी गई
और पुलवामा हमले
का मास्टरमाइंड अब्दुल
रशीद गाजी ने
भी बालाकोट में
ही ट्रेनिंग ली
थी। बता दें
कि पुलवामा हमले
के 100 दिन बाद
हुई सैन्य कार्रवाई
में गाजी ढेर
हो गया था।
जैश कमांडर अब्दुल
रशीद गाजी दिसंबर
2018 में कश्मीर में दाखिल
हुआ था और
वहां के नौजवानों
को फिदायीन हमले
के लिए तैयार
कर रहा था।
भारत की तरफ
से हमले की
आशंका देखते हुए
एक हफ्ते में
आतंकियों के लॉन्च
पैड खाली करा
दिए गए थे।
जबकि जैश के
टॉप कमांडर आमतौर
पर सुरक्षित बालाकोट
कैंप में चले
गए थे। लिहाजा
यह समझा जा
सकता है कि
इस बार गोपनीय
सूत्रों की जानकारी
सटीक थी और
उन्हें आभास था
कि नियंत्रण रेखा
से हटाए गए
जैश कमांडर सुरक्षित
स्थान बालाकोट पहुंच
गए थे। लेकिन
वायुसेना के एक
प्रहार ने उनके
घर में घुसकर
उन्हें तबाह कर
दिया।
हालांकि, पाकिस्तान ने
किसी तरह के
बड़ा नुकसान होने
से इनकार किया
है। जबकि भारत
की इस कार्रवाई
से पाकिस्तान घबरा
गया है। बालाकोट
इलाके को पाकिस्तानी
सेना ने पूरी
तरह से घेर
कर एयर स्ट्राइक
के सबूतों को
खत्म कर दिया
है। पूर्व विदेश
मंत्री एवं पाकिस्तानी
सांसद हिना रब्बानी
ने तो इमरान
पर तीखे हमले
बोलते हुए कहा
इमरजेंसी जैसे हालात
हो गए है।
उन्होंने कहा कि
भारत ने जो
स्ट्राइक की है
उससे पाकिस्तान में
इमरजेंसी के हालात
हैं। इधर, हर
भारतीय इस हमले
के लिए एयरफोर्स
की स्ट्राइक पर
बधाई दी है।
इस एक्शन का
श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी को दिया
जा रह है।
आज की कार्रवाई
ने यह पुनः
साबित किया है
कि मोदी के
मजबूत और निर्णायक
नेतृत्व में भारत
सुरक्षित है। जहां
तक सैन्य ताकत
का सवाल है
तो भारत पाकिस्तान
की तुलना में
काफी मजबूत है।
पाकिस्तान, भारतीय वायु सेना
की शक्ति आगे
कहीं नहीं टिकता
है। दोनों देशों
में एयर क्राफ्ट
की तुलाना करें
तो पाकिस्तान के
पास 1281 एयरक्राफ्ट हैं, इसके
मुकाबले भारत के
पास 2158 एयरक्राफ्ट है। भारतीय
वायु सेना के
इस अदम्य साहस
का परिचय नया
नहीं है। भारत
को जब भी
जरूरत पड़ी है
भारतीय वायु सेना
ने अपने दम
खम से दुश्मनों
के दांत खट्टे
कर दिए हैं।
भारतीय सेना ने
आजादी के ठीक
बाद ही 1948 में
पाकिस्तान से युद्ध
लड़ा था। इसके
बाद 1965, 1971, सियाचिन और फिर
कारगिल में पाकिस्तान
को जंग के
मैदान में धूल
चटाई थी। यह
अलग बात है
कि इसके बाद
भी पाकिस्तान अपनी
हरकतों से बाज
नहीं आता।
आतंकवाद को शह
देने की बात
हो या फिर
चोरी छुपे परमाणु
हथियार जुटने की रणनीति,
पाकिस्तान अब भी
हमारे लिए खतरा
है। लेकिन आज
भारतीय सेना की
ताकत ऐसी है
कि वो किसी
वक्त पाकिस्तान को
मुंहतोड़ जबाव दे
सकता है। भारतीय
सेना की तैयारी
ऐसी है कि
दुश्मन को संभलने
का मौका भी
नहीं देगी। भारतीय
सेना में सैनिकों
की संख्या करीब
13 लाख है जबकि
पाकिस्तानी सेना उससे
करीब आधी यानि
साढ़े छह लाख
है। भारतीय सेना
की ताकत उसके
सैनिक तो हैं
ही साथ ही
उसके पास है
एक बड़ी आर्मर्ड-ब्रिगेड और मैकेनाइजाईड
इंफेंट्री। पाकिस्तान के पास
120 की संख्या में परमाणु
हथियार हैं, वहीं
इसके मुकाबले भारत
के पास 130 परमाणु
क्षमता से लैस
हथियार हैं। भारत
2018-19 का रक्षा बजट 3.05 लाख
करोड़ था वहीं
इस तुलना में
पाकिस्कान का रक्षा
बजट मजर 68,410 करोड़
का था। पाकिस्तान
के पास तीन
हजार टैंक हैं।
जबकि भारतीय सेना
के पास करीब
छह हजार टैंक
हैं जिसमें चार
हजार आर्मड कैरियर
और बीएमपी मशीन
हैं। दुश्मन की
सीमा में अगर
ये टैंक घुस
जाएं तो इनकी
गर्जना से ही
दुश्मन भाग खड़े
होते हैं। 1965 के
युद्ध में भारतीय
सेना के टैंक
पाकिस्तान के लाहौर
तक पहुंच गए
थे। जिस-जिस
इलाके में टैंक
जाते थे पाकिस्तानी
फौज भाग खड़ी
होती थी। भारतीय
सेना के पास
सात हजार तोप
हैं.। इन
तोपों में वे
बोफोर्स तोप भी
शामिल हैं जिन्होंने
1999 के कारगिल युद्ध में
पाकिस्तानी घुसपैठिए और सैनिकों
पर इतने गोले
बरसाए कि दुश्मन
को मैदान छोड़कर
भागना पड़ा। पाकिस्तान
के पास बत्तीस
सौ तोप हैं।
भारतीय सेना की
कमांड और कोर
जम्मू-कश्मीर से
लेकर कन्याकुमारी तक
और जोधपुर से
लेकर नागालैंड के
दीमापुर तक फैली
हुईं हैं। भारतीय
सेना में 13 कोर
हैं जिनमें से
दो स्ट्राइक कोर
हैं। ये स्ट्राईक
कोर हीं युद्ध
के वक्त दुश्मन
से लड़ने के
लिए सरहदों पर
पहुंच जायेंगी। इन
दोनों स्ट्राइक कोर
मे करीब-करीब
80 हजार सैनिक हैं जो
दुश्मन को मुंहतोड़
जबाव देने लिए
हर वक्त तैयार
रहते हैं। भारतीय
वायुसेना के सामने
पाकिस्तान का कोई
मुकाबला नहीं है।
भारतीय वायुसेना विश्व की
चौथी सबसे बड़ी
वायुसेना है। चीन
से भी बेहतर
मानी जाने वाली
भारतीय वायुसेना के पास
एक लाख बीस
हजार वायुसैनिक हैं
जबकि पाकिस्तान की
क्षमता सिर्फ 45 हजार है।
भारतीय वायुसेना की शान
हैं लड़ाकू विमान।
वायुसेना के लड़ाकू
विमान में सबसे
खतरनाक है 4.5 जेनरेशन विमान
सुखोई। सुखोई विमान भारत
ने रूस से
खरीदा है। भारतीय
वायुसेना के पास
ऐसे करीब 200 सुखोई
विमान हैं। इसके
अलावा भारतीय वायुसेना
की जंगी बेड़े
में है मिराज,
जगुआर, मिग-29 और मिग-27
बाईसन फाइटर एयरक्राफ्ट।
इसके अलावा भारत
फ्रांस से लड़ाकू
विमान रफाल का
सौदा भी करनेवाला
है। भारत के
पास दुनिया का
सबसे बड़ा मिलेट्री
विमान 17 ग्लोबमास्टर भी भारतीय
वायुसेना का हिस्सा
है। भारत ने
17 ग्लोबमास्टर अमेरिका से खरीदा
है। भारतीय वायुसेना
के पास 130 सुपर-हरक्युलिस, आईएल-76 और
एएन-32 मालवाहक विमानों का
बेड़ा भी है।
ये मालवाहक विमान
दुनिया की सबसे
उंची हवाई पट्टी
दौलतबेग ओल्डी पर भी
पहुंच सकते हैं।
जो कि लद्धाख
में चीनी सीमा
पर है।
वायुसेना में हेलिकॉप्टर
की भूमिका बेहद
अहम मानी जाती
है। पाकिस्तानी वायुसेना
के पास साढे
तीन सौ (328) हेलिकॉप्टर
हैं। जबकि भारतीय
वायुसेना के पास
करीब 720 ऐसे हेलिकॉप्टर
हैं जो जंग
के मैदान में
हथियार, रसद और
सैनिकों को ठिकाने
तक पहुंचाने में
मदद करते हैं।
1965 युद्ध के बाद
भारत ने अपनी
वायुसेना को मजबूत
करना शुरु कर
दिया था। ये
कोशिश रंग लाई
है. और आज
भारतीय वायुसेना किसी भी
वक्त दुश्मन पर
हमले के लिए
तैयार है। समंदर
में दुश्मन से
लोहा लेना हो
या उनपर नजर
रखनी हो, भारत
की नौ सेना
हर चुनौती का
सामना करने में
सक्षम है। पाकिस्तान
ने 70 युद्दपोत समंदर
में उतारे हैं।
जबकि उसके मुकाबले
भारत के पास
करीब दो सौयुद्धपोत
हैं जो समंदर
में दुश्मन पर
कहर बरपा सकते
हैं। आईएनएस चक्र
के अलावा एक
और परमाणु पनडुब्बी
आइएनएस अरहिंत का ट्रायल
चल रहा है।
साथ ही देश
के अलग-अलग
डॉकयार्ड में करीब
200 और घातक युद्धपोत
और 15 पनडुब्बियां तैयार
हो रही हैं।
इसके अलावा एक
एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत
अगले दो साल
में बनकर तैयार
हो जाएगा। इसके
मुकाबले में पाकिस्तान
की नौसेना कहीं
नहीं टिकती। भारतीय
सेना के पास
ब्रह्मोस, अग्नि, पृथ्वी, आकाश
और नाग जैसी
आधुनिक मिसाइलें हैं, वहीं
पाकिस्तान के पास
गौरी, शाहीन, गजनवी,
हत्फ और बाबर
जैसी मिसाइलें हैं।
अग्नि 5 भारत की
सबसे आधुनिक और
घातक मिसाइल है
इस इंटर कॉन्टिनेटल
बैलेस्टिक मिसाइल की मारक
क्षमता 5,000 किलोमीटर है, जबकि
बाबर की मारक
क्षमता केवल 1,000 किलोमीटर है।
No comments:
Post a Comment