तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा करके, दिल के बाज़ार...
मौका था
भदोही
महोत्सव
के
तत्वावधान
में
आयोजित
ऐतिहासिक
मुशायरा
एवं
कवि
सम्मेलन
का
हाफ मैराथनःकछवां
के
श्यामजी
ने
हासिल
किया
प्रथम
स्थान
सुरेश गांधी
भदोही। रात ज्यों-ज्यों सर्द हो
जा रही थी,
भदोही की सरजमी
अभियनपुर मैदान की गर्माहट
बढ़ती जा रही
थी। अपने परफेक्ट
शायर और कवियों
को सामने पाकर
दर्शक देर रात
तक सर्द रात
में भी कुर्सियों
से चिपके रहे
और वाह वाही
करते रहे। रात
के साथ जोश
भी उनका बढ़ता
जा रहा था।
मौका था भदोही
महोत्सव के तत्वावधान
में आयोजित ऐतिहासिक
मुशायरा एवं कवि
सम्मेलन का। अपने
नियत समय से
कवि सम्मेलन और
मुशायरा का शुभारंभ
हुआ तो भव्य
शाम सज गई।
हास्य और व्यंग
के साथ ही
समरसता की रसधारा
बही तो रह-रहकर तालियों
की गड़गड़ाहट से
वातावरण गुंजायमान होता रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ
मां सरस्वती के
चित्र पर दीप
प्रज्वलन से बतौर
अतिथि मुंबई से
आएं राज्यमंत्री अमरजीत
मिश्रा ने किया।
इस मुशायरे
में मशहूर शायर
राहत इंदौरी, कविता
तिवारी, महेश दुबे,
अब्दुल गफ्फार, डा. निधि,
गौरव शर्मा शामिल
हुए। मंच मौजूद
जब देश के
नामचीन शायरों ने अपने
कलाम पढ़े, तो
लोगों के आंखों
की नींद फर्र
हो गयी। इस
दौरान श्रोताओं को
जहां दिल को
छू जाने वाली
गजलें सुनने को
मिल रही थीं,
वहीं सुनने वालों
की दाद और
इन सब के
बीच थे मशहूर
शायर राहत इंदौरी।
राहत इंदौरी को
सुनने के लिए
महफिल उतावली नजर
आ रही थी।
उन्होंने शानदार लहजे में
अपना कलाम सुनाया
:-
तेरी
हर
बात
मोहब्बत
में
गवारा
करके।
दिल
के
बाज़ार
में
बैठे
हैं
ख़सारा
करके।।
मैं
वो
दरिया
हूं
कि
हर
बूंद
भवर
है
जिसके।
तुमने
अच्छा
ही
किया
मुझसे
किनारा
करके।।
एक
चिन्गारी
नज़र
आई
थी
बस्ती
में
उसे।
वो
अलग
हट
गया
आंधी
को
इशारा
करके।।
आते
जाते
है
कई
रंग
मेरे
चेहरे
पर।
लोग
लेते
है
मजा
जिक्र
तुम्हारा
करके।।
मुन्तज़िर
हूँ
कि
सितारों
की
ज़रा
आँख
लगे।
चाँद
को
छत
पे
बुला
लूँगा
इशारा
करके।।
इसके बाद
देश के बड़े
शायरों में एक
कविता तिवारी, महेश
दुबे, अब्दुल गफ्फार,
डा. निधि, गौरव
शर्मा ने अपनी-अपनी शायरी
से लोगों का
दिल जीत लिया।
इन नामचीन कवियों
और शायरों को
अपने बीच पाकर
भदोहीवासी गदगद थे।
इसके इसके पूर्व
कवियों एवं अतिथियों
का स्वागत किया
गया। मंच पर
गंगा-जमुनी तहजीब
मजबूत होती दिखी
तो कवियों ने
श्रोताओं को अपने
सुर, ताल और
रचानाओं से बांधे
रखा। इसके बाद
एक-एक कर
आमंत्रित कवि व
शायरों ने अपनी
रचनाओं से पूरी
रात श्रोताओं को
बैठने पर मजबूर
कर दिया। इसके
पहले योग शिविर
और हाफ मैराथन
के अलावा खेलकूद
प्रतियोगिताएं का आयोजन
किया गया। अभयनपुर
मैदान पर एस
व्यासा विश्वविद्यालय के निदेशक
डॉ. आरएम आचार्य
और उनके सहायक
बृजेश गुप्ता ने
योग कार्यक्रम का
शुभारंभ किया। सुबह सात
बजे मैराथन इंदिरा
मिल से शुरू
हुई तो समापन
गोपीगंज के फूलबाग
में हुआ। इसमें
कछवां के धावक
श्यामजी ने पहला
स्थान प्राप्त किया।
जबकि गाजीपुर के
राजाराम द्वितीय और मिर्जापुर
के गणेश कुमार
तृतीय स्थान रहे।
आयोजन समिति ने
तीनों विजेता खिलाड़ियों
को प्रशस्ति पत्र,
मेडल और शील्ड
देकर पुरस्कृत किया।
प्रतियोगिता में डेढ़
सौ लोगों ने
प्रतिभाग किया। श्यामजी ने
1 घंटे 13 मिनट में
दूरी तय की।
राजाराम ने 1 घंटा
14 मिनट और गणेश
कुमार ने 1 घंटा
14 मिनट 16 सेकेंड में मैराथन
पूरी की। समापन
के मौके पर
उपस्थित अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी मुरलीधर बिंद
ने कहा कि
प्रतियोगिताओं में हार-जीत का
क्रम चलता रहता
है। इससे खिलाड़ियों
को निराश न
होकर लक्ष्य प्राप्ति
के लिए कड़ी
मेहनत करना जरूरी
है। इस मौके
पर आयोजक कृष्णा
मिश्रा, केपी दुबे,
आरसी त्रिपाठी, मुरलीधर
बिंद, मनोज कुमार,
सूर्यकांत मौर्य, समरजीत, डॉ.
अजय दुबे, दिलीप
सिंह, कैलाशनाथ पाल,
बृजेश गुप्ता, जितेंद्र
तिवारी, अंकुर त्रिपाठी, दिनेश
पाल आदि उपस्थित
रहे। अंत में
कार्यक्रम के आयोजक
जीवन दीप हॉपिटल
के सर्जन डा
एके गुप्ता ने
अतिथियों का धन्यवाद
ज्ञापित किया।
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