कारोबारी को दस्तावेज़ों के बोझ से मुक्त किया जाए : मोदी
एक काशी, रूप अनेक कार्यक्रम में सम्मानित किए गए बुनकर
सुरेश गांधी
वाराणसी।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला
संकुल में रविवार
को आयोजित ‘एक
काशी, रूप अनेक
कार्यक्रम‘ को संबोधित
करते हुए पीएम
मोदी ने कहा
कि काशी में
ये मेरा तीसरा
कार्यक्रम है। सबसे
पहले मैं अध्यात्म
के कुंभ में
था। फिर मैं
आधुनिकता के कुंभ
में गया। बनारस के लिए
सैकड़ों करोड़ रुपये
की योजनाओं का
लोकार्पण और शिलान्यास
किया। अब मैं
एक प्रकार से
स्वरोजगार के कुंभ
में पहुंच गया
हूं। यहां भांति-भांति के कलाकार,
शिल्पकार एक ही
छत के नीचे
हैं। एक-एक
धागे को जोड़कर,
मिट्टी के एक-एक कण
को घटकर, बेहतरीन
निर्माण करने वालों
के साथ, दुनिया
की सबसे बड़ी
कंपनियों को चलाने
वाले, एक ही
छत के नीचे
बैठे हैं। सच
में, काशी एक
है, लेकिन उसके
रूप अनेक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
काशी एक रूप
अनेक प्रदर्शनी का
उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने कहा
कि भारत में
बने सामान को
सम्मान देना हमारा
लक्ष्य है। उन्होंने
कहा कि वे
लालकिले से ही
बोले थे कि
स्वदेशी खरीदेंगे और आसपास
के लोगों को
भी इस बात
के लिए प्रेरित
करेंगे। पीएम ने
कहा कि भारत
में वैश्विक स्तर
के उत्पाद बन
रहे हैं. हमें
’इंपोर्टेड ही श्रेष्ठ
है’ इस सोच
को बदलना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा
कि इम्पोर्टेड ही
सर्वश्रेष्ठ है इस
धारणा को हमें
छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने
कहा कि आज
भारत में सर्वोच्च
क्वालिटी के प्रोडक्ट
बन रहे हैं।
मोदी ने
स्वेदशी अपनाने पर जोर
देते हुए कहा
कि देश में
बना सामान, हमारे
बुनकरों और हस्तशिल्पियों
के बनाए सामान
का इस्तेमाल करें।
सभी से आग्रह
है कि आप
स्थानीय स्तर पर
बनी वस्तुएं खरीदें।
हमारे देश में
विश्वस्तरीय उत्पादन हो रहा
है, हमें यह
मानसिकता बदलनी होगी कि
विदेशी में बनी
वस्तुएं श्रेष्ठ गुणवत्ता की
होती हैं। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने
कहा कि योगी
आदित्यनाथ और टीम
की प्रशंसा करता
हूं। यूपी के
उत्पाद देश विदेश
और दुनिया के
आनलाइन बाजार पहुंचाने से
देश को लाभ
मिलेगा। बुनकर हस्तशिल्पियों को
जो मशीन मिल
रही है जो
लोन मिल रहा
है उनके जीवन
को आसान करने
के लिए सुविधा
दी जा रही
है वह सराहनीय
है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
कहा कि भारत
की शक्ति रही
है कि हर
क्षेत्र और जिले
में कोई विशेष
कला और उत्पाद
जुडा रहा है।
सदियों से परंपरा
रही है और
कारोबारियों ने इसका
प्रचार दुनिया में किया
है। मसाले शिल्प
से भंडार भरा
है। हर प्रोडक्ट
की अपनी विशेषता
और कहानी है।
आदिवासी अंचलों में आर्टिस्टिक
प्रोडक्ट बनाए जा
रहे हैं। उद्योग
हैं जो पीढी
दर पीढी बढ
रहे हैं और
यह ओडीओपी की
प्रेरणा हैं। भारत
को पांच ट्रिलियन
अर्थ व्यवस्था में
यही सामर्थ्य है।
संसाधन और कौशल
की कमी नहीं
रही है। व्यापक
सोच से काम
करने की जरूरत
है। इसके दुनिया
तक पहुंचने की
जरूरत है। बताया
गया कि यूपी
आइडी द्वारा दो
वर्षों में तीस
जिलों में 3500 से
अधिक को डिजाइन
में सहायता दी
गई। सुधार के
लिए 1000 कलाकारों को सुविधा
दी गई। टूल
किट देकर वर्कशॉप
करके यूपीआइडी ने
हजारों कलाकारों को कारोबार
में नयापन और
बढाने में मदद
की है। दुनिया
में क्राफ्ट शिल्प
में जो चल
रहा है उसमें
यूपी आइडी प्लेटफार्म
बन रहा है।
ओडीओपी से बनी
एक प्रदर्शनी को
देखकर आया हूं।
इसको आप भी
बारीकी से देखिए।
पीएम मोदी
ने कहा कि
पारंपरिक उद्योगों को मार्केट
और तकनीक देने
की जरूरत है।
यही प्रयास कर
रहे हैं। सोलर
चरखा, लूम, चाक
उदाहरण हैं। इस
संकुल में भी
सरकार के प्रयास
का परिणाम है। 2014 से
पहले बनारस का
सामान्य बुनकर और निर्यातक
ऑनलाइन संवाद नहीं कर
सकता था, क्योंकि
मंच नहीं था।
सरकारों के पास
पैसा या समझ
नहीं थी नहीं
कह सकता। हर
व्यक्ति को सशक्त
और स्वावलंबी बनाने
की जरूरत है।
पूरे देश में
अनेक केंद्र बनाए
गए हैं जहां
सामान्य हस्तशिल्पी उत्पाद प्रदर्शित
कर सकें। यूपी
में ओडीओपी में
केंद्र को यूपी
विजन दे रही
है।
आटोमोबाइल, डिफेंस के
साथ ही इन
सेक्टर में टेक्सटाइल
की डिमांड बढी
है। कलपना कर
सकते हैं कि
भारत करोडों से
अधिक का टेक्निकल
टेक्सटाइल इंपोर्ट करते हैं।
इस बजट में
पालीमर पर टैक्स
में छूट दी
गई है। मांग
थी मगर सरकार
ने अब पूरा
कर दिया है।
नेशनल टेक्निकल टेक्स्टाइल
मिशन शुरू किया
है। इस वर्ष
के बजट में
डिफेंस कारीडोर के लिए
3700 करोड का प्रावधान
है। लखनऊ में
डिफेंस कंपनियां आई थीं
और समझौते हुए
इसका लाभ छोटे
उद्योगों को मिलेगा।
न्यू इंडिया की
पहचान और सम्मान
भी है। कोशिश
की जा रही
है कि सामान्य
कारोबारी को कागजों
से मुक्त किया
जाए। योजना रास्ता
दिखाने वाली हो।
एमएसएमई के साथियों
को शिकायत रहती
है कि एक
करोड टर्न ओवर
पर कागजों में
उलझना पड़ता था।
कितना अनावश्यक खर्च
और समय की
बर्बादी थी। अब
बजट में मुक्ति
मिली है। अब
आडिट पांच करोड़
से अधिक वालों
के लिए रखा
गया है। अलग
विभागों में लंबी
प्रक्रिया से छोटे
लोगों को कैश
की दिक्कत आई
है। अब आपके
सामान के बिल
इन्वाइस के आधार
पर लोन मिलेगा।
सुविधा आसान करने
के लिए मोबाइल
आधारित लोन की
तैयारी है। कार्यक्रम
को मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने भी
सम्बोधित किया। शैव समुदाय
के कार्यक्रम के
दौरान कर्नाटक के
मुख्यमंत्री बी एस
येदियुरप्पा भी मौजूद
थे। मोदी ने
कहा कि बदलती
दुनिया, बदलते समय, बदलती
मांग के अनुसार
इन उत्पादों में
भी ज़रूरी बदलाव
करें। उन्होंने कहा
कि इसके लिए
इन पारंपरिक उद्योगों
से जुड़े साथियों
को ट्रेनिंग, आर्थिक
मदद, नई तकनीक
और मार्केटिंग की
सुविधा देनी बहुत
ज़रूरी है।
सपाईयों ने दिखाया काला झंडा
पीएम मोदी
को काला झंडा
दिखायावाराणसी में पीएम
मोदी को सपा
कार्यकर्ता ने काला
झंडा दिखाया है।
पीएम मोदी जब
जंगमबाड़ी मठ से
निकलकर बीएचयू हेलीपैड जा
रहे थे उस
वक्त समाजवादी पार्टी
के एक कार्यकर्ता
ने उन्हें काला
झंडा दिखाया। जहां
उन्हें काला झंडा
दिखाया गया है
वो लंका के
रविदास के गेट
के पास पड़ता
है. झंडा दिखाने
वाले शख्स को
पुलिस ने हिरासत
में ले लिया
है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का लोकार्पण
वाराणसी। प्रधानमंत्री मोदी ने
वाराणसी-चंदौली की सीमा
पर स्थित पड़ाव
में एकात्मवाद के
प्रणेता माने जाने
वाले पंडित दीनदयाल
उपाध्याय स्मृति स्थल संग्रहालय
का भी लोकार्पण
किया। यहां स्थापित
पंडित जी की
63 फुट ऊंची प्रतिमा
का अनावरण किया।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय
की प्रतिमा के
ठीक सामने कुंड
का निर्माण किया
गया है, जिसमें
दो फुट जल
हमेशा रहेगा, जिसे
प्रतिमा की सुंदरता
के लिए बनाया
गया है। कुंड
की खासियत यह
है कि कुंड
में जैसे ही
दो फुट से
ज्यादा पानी होगा,
पानी फिल्टर होकर
एसटीपी के जरिए
पुनः फाउंटेन से
होकर कुंड में
झरने के रूप
में गिरेगा। देश
में दीनदयाल उपाध्याय
की यह सबसे
बड़ी प्रतिमा है।
इस स्मारक केंद्र
में पंडित दीनदयाल
उपाध्याय के जीवन
और काल से
संबंधित जानकारियां होंगी। उत्तर
प्रदेश किसान गन्ना संस्थान
में पंडित दीनदयाल
उपाध्याय स्मृति स्थल का
निर्माण कराया गया है।
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