काबिलियत, ईमानदारी व काम का जज्बा बनी कौशलराज शर्मा की पहचान
उनके
लगन,
ईमानदारी
व
कार्यशीलता
के
कायल
बन
चुके
है
मोदी-योगी।
कर्मठता
ऐसी
की
प्रोन्नति
के
बाद
भी
आधी
रात
को
रद्द
हो
गया
ट्रांसफर।
ज्ञानवापी
सर्वे
विवाद
को
उन्होंने
आपसी
सौहार्द
को
कायम
रखते
हुए
बड़े
ही
शालीनता
से
मामने
को
सुलझाया।
खास
बात
यह
है
कि
देश
और
प्रदेश
का
काशी
को
मॉडल
के
रुप
में
बनाने
में
दिन-रात
जुटे
है।
देव
दीपावली,
गंगा
महोत्सव
के
साथ-साथ
अयोध्या
राम
जन्मभूमि
पर
सर्वोच्च
न्यायालय
के
आदेश
के
दौरान
भी
सांप्रदायिक
सद्भाव
बनाने
में
कामयाब
रहे।
विपक्षी
नेताओं
के
तमाम
कोशिशों
के
बावजूद
बेनियाबाग
को
शाहिनबाग
नहीं
बनने
दिया।
कोरोना
काल
में
सादे
कपड़ों
में
ग्राहक
बनकर
राशन
की
दुकान
पर
पहुंचे
और
कालाबाजारी
करने
वालों
को
रंगे
हाथ
पकड़ा।
ये
घटना
देशभर
के
मीडिया
की
सुर्खियां
बनीं।
हरदम
अपनी
मासूम
मुस्कुराहट
के
साथ
नजर
आने
वाले
जिलाधिकारी
कौशल
राज
शर्मा
ने
धैयपूर्वक
सभी
चुनौतियों
का
ना
सिर्फ
सामना
किया
बल्कि
काशी
की
जनता
के
लिये
वे
सदैव
खड़े
रहे।
इन
सब
के
बीच
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
के
संसदीय
क्षेत्र
में
विकास
कार्यों
की
लंबी
फेहरिस्त
को
गति
देने
के
साथ
ही
तमाम
महत्वपूर्ण
प्रोजेक्ट्स
को
समय
पर
पूरा
कराने
की
जिम्मेदारी
बखूबी
अंजाम
देने
की
कोशिश
में
जुटे
है।
आम
नागरिकों
की
समस्याओं
के
प्रति
उनकी
गहरी
दृष्टि
ने
भी
उन्हें
काशी
का
अबतक
का
सबसे
लोकप्रिय
प्रशासक
बना
दिया
है
सुरेश गांधी
जनता की समस्या को
अपनी समस्या समझने वाले अधिकारी बिरले ही होते हैं।
उन्हीं बिरले में से एक है
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा। उनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों,
ईमानदारी, कर्मठता, काम के प्रति लगनशीलता
व वफादारी उन्हें और अधिकारियों से
अलग करती है। उनकी कार्यशैली व स्वभाव ऐसी
पहचान बन चुकी है,
जो आम जनमानस ही
नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री भी
उनके कायल हो चुके है।
उनकी कार्यक्षमता का ही तकाजा
है कि प्रदेश में
दर्जन भर आइएएस अधिकारियों
के तबादले की सूची में
कौशलराज शर्मा का भी नाम
जुड़ गया। उन्हें प्रोन्नति देकर प्रयागराज का कमिश्नर बना
दिया गया। लेकिन जैसे ही उनके तबादलें
की सूचना सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट
व इलेक्ट्रानिक मीडिया की सुर्खिया बनी,
देर रात तक नियुक्त अनुभाग
के विशेष सचिव धनन्जय शुक्ला की ओर से
आदेश जारी हुआ कि जनहित में
निर्णय लिया गया है कि कमिश्नर
प्रयागराज के लिए स्थानांतरित
कौशल राज शर्मा वाराणसी के डीएम बने
रहेंगे। जारी आदेश निरस्त किया जाता है। सूचना के मुताबिक डीएम
वाराणसी कौशलराज शर्मा अब वाराणसी में
ही उसी पद पर अगली
सूचना तक बने रहेंगे।
बता दें, हाल के दिनों में
योगी सरकार ने कई अफसरों
की क्लास लगाई, लेकिन हर पखवारे काशी
पहुंचने वाले योगी जी ने उनकी
कौशलराज की एक भी
खामियां नहीं ढूढ़ पाएं। सूत्रों की मानें तो
कौशलराज शर्मा को जो टारगेट
मिलता, समयसीमा के भीतर उसे
पूरा कर चुके होते
है। काम के प्रति यही
जिम्मेदारी, ईमानदारी, कर्मठता, लगनशीलता, उत्साह व अपनी कार्यशैली
के बल पर आज
उस मुकाम पर पहुंच चुके
है उनके कार्यकाल की उपलब्धियां हर
किसी को अपना मुरीद
बना दी है। इनकी
कार्यशैली, ईमानदारी व जुनून के
परिणामस्वरुप ही एक-दो
नहीं बल्कि कई बार प्रधानमंत्री
व मुख्यमंत्री स्तर पर प्रशस्ति पत्र
से सम्मानित किया जा चुका है।
कौशलराज शर्मा हरियाणा में भिवानी जिले के मूल निवासी
हैं और उन्होंने वर्ष
2006 में आईएएस की परीक्षा पास
कर यूपी कैडर में शामिल हुए थे। वाराणसी के जिलाधिकारी के
तौर पर नवम्बर, 2019 में
उन्होंने कार्यभार संभाला था। इसके बाद कोरोना काल में उन्होंने वाराणसी में कोरोना संक्रमण रोकथाम के अलावा जीवन
और मृत्यु के बीच चले
संघर्ष में उनका प्रयास काफी चर्चा में रहा। इस दौरान उन्होंने
पीएम के महत्वाकांक्षी परियोजनाओं
को लेकर भी सक्रियता दिखाई
और प्रदेश व राज्य सरकार
से कई बार सराहना
भी प्राप्त की।
इसके अतिरिक्त पीएम स्वनिधि योजना में देश भर में वाराणसी
के नंबर एक होने पर
पीएम द्वारा वह सम्मानित भी
हो चुके हैं। बेहद शांत स्वभाव के कौशल राज
शर्मा काम में काफी तेज-तर्रार माने जाते हैं। बनारस से पहले वह
प्रयागराज, कानपुर जैसे बड़े जिलों में डीएम रह चुके हैं।
वाराणसी जिलाधिकारी के रूप में
लोकसभा चुनाव में कामकाज और पीएम स्वनिधि
योजना के क्रियान्वयन में
उन्हें सम्मान भी मिला। नेशनल
रजिस्टर फॉर सिटीजन के लागू होने
से शहर में सांप्रदायिक सौहार्द के बिगड़ने का
खतरा था। मगर, बेहद सूझबूझ के साथ ही
कानून व्यवस्था के मोर्चे पर
पहली सफलता पाई और शहर में
अमन चैन कायम रहा। इसके अलावा लोकसभा, विधानसभा, विधान परिषद व पंचायत के
चुनाव को भी कुशलता
के साथ निपटाया। स्मार्ट सिटी के विकास के
स्वर्णिम कार्यों में अपना शत प्रतिशत योगदान
दिया। कौशलराज शर्मा ने कानून व्यवस्था
के अनुपालन में कभी सख्ती तो कभी नरमी
से अभी का दिल जीत
लिया। कमिश्नरेट घोषित होने के बाद भी
शहर के कानून व्यवस्था
पर स्वयं मुस्तेदी के साथ खड़े
रहे। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा भी मानते हैं
कि कोविड बचाव के लिए बेहतर
प्रबंधन, मरीजों के इलाज के
सदैव तत्परता, लाकडाउन की निगरानी के
साथ ही हर जरूरतमंद
तक भोजन से लेकर दवा
तक पहुंचाने के साथ काशीवासियों
की सेवा ही सबसे परमसंतोष
का काम था।
ज्ञानवापी सर्वे विवाद को उन्होंने आपसी
सौहार्द को कायम रखते
हुए बड़े ही शालीनता से
मामने को सुलझाया। खास
बात यह है कि
देश और प्रदेश का
काशी को मॉडल के
रुप में बनाने में दिन-रात जुटे है। देव दीपावली, गंगा महोत्सव के साथ-साथ
अयोध्या राम जन्मभूमि पर सर्वोच्च न्यायालय
के आदेश के दौरान भी
सांप्रदायिक सद्भाव बनाने में कामयाब रहे। विपक्षी नेताओं के तमाम कोशिशों
के बावजूद बेनियाबाग को शाहिनबाग नहीं
बनने दिया। कोरोना काल में सादे कपड़ों में ग्राहक बनकर राशन की दुकान पर
पहुंचे और कालाबाजारी करने
वालों को रंगे हाथ
पकड़ा। ये घटना देशभर
के मीडिया की सुर्खियां बनीं।
लोगों ने भी डीएम
के इस कदम का
खुले दिन से स्वागत किया।
इसके अलावा प्रवासी मजदूरों तथा सड़क किनारे रहने वाले गरीबों की भूख का
इंतजाम कराने के लिये डीएम
ने समाजसेवी संस्थाओं का आह्वान कर
लोगों की मदद के
लिये दिन-रात जुटे रहे। कोई भी भूखा ना
सोने पाये इसके लिये लगातार प्रयास किया गया। विधानसभा चुनाव के मतदान के
बाद 8 मार्च 2022 को पहड़िया मंडी
में हुए बवाल को सयंमित तरीके
से उन्होंने हैंडिल किया। आक्रोशित भीड़ उन्हें लगातार निशाना बनाते रही, अपशब्द कहती रही लेकिन वो पूरी तरह
से संयमित बने रहे। पूरी रात जगकर उन्होंने ना सिर्फ ईवीएम
मशीनों को चेक कराया
बल्कि आक्रोशित नेताओं को भी समझाते
बुझाते रहे। उनका वह संयम हमेशा
वाराणसी की जनता याद
रखेगी। हरदम अपनी मासूम मुस्कुराहट के साथ नजर
आने वाले जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने धैयपूर्वक सभी
चुनौतियों का ना सिर्फ
सामना किया बल्कि काशी की जनता के
लिये वे सदैव खड़े
रहे। इन सब के
बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र
में विकास कार्यों की लंबी फेहरिस्त
को गति देने के साथ ही
तमाम महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को समय पर
पूरा कराने की जिम्मेदारी बखूबी
अंजाम देने की कोशिश में
जुटे है। आम नागरिकों की
समस्याओं के प्रति उनकी
गहरी दृष्टि ने भी उन्हें
काशी का अबतक का
सबसे लोकप्रिय प्रशासक बना दिया है।
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