14 साल से कैद डॉन ब्रजेश सिंह वाराणसी सेंट्रल जेल से रिहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानतबाहुबली मुख्तार
अंसारी
पर
हुए
जानलेवा
हमले
व
हत्या
षड्यंत्र
के
आरोप
में
बंद
रहे
माफिया
ब्रजेश
सिंह
उर्फ
अरूण
कुमार
सिंह
सुरेश गांधी
वाराणसी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार
अंसारी पर हुए जानलेवा
हमले व हत्या षड्यंत्र
के आरोपी माफिया ब्रजेश सिंह उर्फ अरूण कुमार सिंह की जमानत मंजूर
कर ली है। यह
आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने दिया है।
गुरुवार शाम को वाराणसी केंद्रीय
जेल से रिहा हो
गए। करीब 14 साल से जेल में
रहने के बाद यह
रिहाई हुई है। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद क्षेत्र
के उसरी चट्टी हत्याकांड में हाईकोर्ट ने बुधवार को
सशर्त जमानत दी थी। कई
आपराधिक मामले के आरोप में
सेंट्रल जेल में बंद पूर्व एमएलसी ब्रजेश सिंह को आज माननीय
न्यायालय के आदेश पर
रिहा कर दिया गया।
बता दें, इसके पूर्व कई मामलों में
अदालत ने बृजेश सिंह
को बरी कर दिया था
वह एकमात्र मामला बचा था जिसमें हाई
कोर्ट ने जमानत दे
दी। सेंट्रल जेल के जेलर सूबेदार
यादव ने बताया कि
एमपी एमएलए कोर्ट गाजीपुर के एडीजे फर्स्ट
के रिहाई आदेश मिलने के पश्चात जेल
में बंद पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह को गुरुवार शाम
6.59 पर रिहा कर दिया गया।
जेलर ने बताया कि
इसके पूर्व कंट्रोल रूम को रेडियोग्राम प्राप्त
हुआ, तत्पश्चात कंफर्मेशन लेटर मिलने के बाद पूर्व
एमएलसी को रिहा कर
दिया गया। वही रिहाई के समय कई
गाड़ियों के काफिले सेंट्रल
जेल के बाहर खड़े
नजर आए।
ब्रजेश सिंह वर्ष 2009 से जेल में बंद रहे
ब्रजेश सिंह पिछले 14 वर्ष (2009) से जेल में
बंद रहे। ब्रजेश सिंह व अन्य लोगों
के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने
में जानलेवा हमला व हत्या सहित
आईपीसी की कई धाराओं
में मुकदमा दर्ज कराया गया था। ब्रजेश पर अपने साथियों
के साथ मिलकर मुख्तार अंसारी के काफिले पर
जानलेवा हमला करने का आरोप है।
हमले में मुख्तार के गनर की
मौत हो गई थी
तथा कई अन्य लोग
घायल हो गए थे।
जमानत के समर्थन में
याची की ओर से
कहा गया कि वह इस
मामले में 2009 से जेल में
बंद है। इससे पूर्व उसकी पहली जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर
दी थी। साथ ही कोर्ट ने
विचारण न्यायाधीश को निर्देश दिया
था कि मुकदमे का
विचारण में एक वर्ष के
अंदर सभी गवाहों की गवाही पूरी
कर ली जाए और
ट्रायल पूरा किया जाए। इसकी अवधि बीतने के बाद भी
सिर्फ एक ही गवाह
का बयान दर्ज कराया जा सका है।
41 आपराधिक मामलों का इतिहास
याची के खिलाफ 41 आपराधिक
मामलों का इतिहास है।
इनमें से 15 में वह बरी या
डिस्चार्ज हो चुका है।
सिर्फ तीन मुकदमों में विचारण चल रहा है।
इनमें से दो मुकदमों
में वह जमानत पर
है। सिर्फ इस एक मामले
में उसे जमानत नहीं मिली है। मुकदमे का ट्रायल जल्द
पूरा होने की उम्मीद नहीं
है। राज्य सरकार और मुख्तार अंसारी
की ओर से अधिवक्ता
उपेन्द्र उपाध्याय ने जमानत अर्जी
का विरोध किया गया। कहा गया कि याची के
खिलाफ 41 आपराधिक मुकदमे हैं। उसे जेल से रिहा करना
उचित नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट
ने सौदान सिंह केस के निर्देश, तथ्यों
और परिस्थितियों के मद्देनजर ब्रजेश
सिंह को सशर्त जमानत
पर रिहा करने का आदेश दिया।
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