Sunday, 4 December 2022

अन्य मुद्राओं के मुकाबले बेहतर है रुपया : निर्मला सीतारमण

अन्य मुद्राओं के मुकाबले बेहतर है रुपया : निर्मला सीतारमण

सरकार की मंशा है विकास का लाभ हर किसी को मिले         

नए स्टार्टअप आइडियाज़ को प्रोत्साहित व मदद करना ग्रामीण रोजगार चुनौतियों के समाधान में अहम

सकारात्मक बदलाव लाने नए अवसर सृजित करने को प्रतिबद्ध है बीएचयू : कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन

उत्तर दक्षिण के बीच की दूरियां संगमम से मिटेगी

वित्त मंत्री ने छात्रों के साथ तस्वीर खिंचवायी

सुरेश गांधी

वाराणसी। वित्त मंत्री निर्मला एवं और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉलर के मुकाबले रुपये में हुई गिरावट पर कहा कि डॉलर के मुकाबले अगर आप दूसरी मुद्राओं की तुलना करेंगे, तो रुपये की स्थिति काफी बेहतर है। दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति कम है और मौजूदा स्तर पर इससे निपटा जा सकता है। वे रविवार को बीएचयू में चल रहे काशी तमिल संगमम के सांस्कृतिक कार्यक्रम शिरकत करने के बाद बीएचयू अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजितभारत को एक आर्थिक वैश्विक शक्ति बनाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य और रणनीतिविषय पर छात्रों से संवाद कर रही थीं।

कार्यक्रम में छात्रों ने डॉलर के मुकाबले रुपया क्यों गिर रहा है सहित कई सवाल केन्द्रीय वित्त मंत्री से पूछे। केन्द्रीय मंत्री ने छात्रों के सभी सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रूपया गिर नहीं रहा है, ऐसी कोई बात नहीं है। हम केवल डॉलर से रुपए की तुलना कर रहे हैं। विश्व की दूसरी मुद्राओं से तुलना करने पर आपको पता चलेगा कि रुपया गिर नहीं रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति अच्छी है। मुद्रास्फीति भी इस स्तर पर है जहां उससे निपटना संभव है। भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और डालर की मजबूती के बावजूद रुपये में स्थिरता बनी हुई है। सरकार चाहती हैं कि मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे जाए और इसके लिए प्रयास जारी हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कि अगर वह दुनिया में किसी भी एक मुद्रा की बात करें, जो अपने दम पर खड़ा हुआ है और उसमें अन्य मुद्राओं की तरह ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिल रहा है, तो वह है भारतीय रुपया। हमने इसकी स्थिति को काफी अच्छे से संभाल रखा है।

ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के सवाल पर कहा कि यह हमारे लिए चुनौती है। लेकिन आत्मनिर्भर भारत के सपने के माध्यम से इसको भी पूरा कर लेंगे। यह हमारे लिए बड़ी चुनौती है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में इसको भी पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा है कि भारत सरकार अपनी नीतियों और योजनाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित कर रही है कि सबके विकास का लक्ष्य हासिल किया जा सके। एक अन्य छात्रा के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रीडिएंट का उदाहरण देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में भारत अत्यंत मज़बूत स्थिति में था, वहां भी देश पिछड़ रहा था। उन्होंने बताया, “सरकार अब सही दृष्टिकोण और नीतियों के साथ इस क्षेत्र में तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

       श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कई अन्य विषयों जैसे डिजिटल मुद्रा, स्टार्ट-अप पहल, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय रुपये के उतार-चढ़ाव, योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन और सामाजिक क्षेत्र में सरकारी खर्च पर भी बात की, जिन पर विद्यार्थियों ने कई प्रश्न पूछे। उन्होंने कहा कि उपलब्ध तथ्य और आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि जब सामाजिक क्षेत्र पर खर्च करने की बात आती है, तो भारत सरकार वह सब कर रही है जो आवश्यक है। स्वागत भाषण कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने दी। अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. भूपेंद्र विक्रम सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच पर सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन प्रो. बिंदा परांजपे भी मौजूद थीं। वित्त मंत्री ने अर्थशास्त्र विभाग के न्यूज़लेटर का भी विमोचन किया। डॉ. ज्योति रोहिल्ला, एसोसिएट प्रोफेसर, कला संकाय, ने सत्र का संचालन किया। मंच कला संकाय की छात्राओं कुमारी अर्चना, कुमारी अलका और निवेदिता श्याम द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलगीत गायन किया गया।

इसके पूर्व बीएचयूएम्फी थिएटर मैदान में आयोजितमंदिर वास्तुकला और ज्ञान के अन्य विरासत रूपविषयक शैक्षणिक सत्र के दौरान केन्द्रीय वित्त मंत्री ने बीएचयू के संस्थापक महामना पं. मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया। संगमम में तमिल प्रतिनिधियों से केन्द्रीय मंत्री ने तमिल भाषा में संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर दक्षिण के बीच की दूरियां संगमम से मिटेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं। काशी और तमिलनाडु के बीच बहुत पुराना संबंध है।काशी-तमिल संगमम्के आयोजन के माध्यम से उन संबंधों को साकार किया जा रहा है। जो काशी में होता है, वो कांची में भी होता है। उसे देखकर महसूस किया जा सकता है कि काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराना संबंध है। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव ने केन्द्रीय मंत्री को तमिल भाषा में अनुवादित यथार्थ गीता भेंट की।

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