दुनिया में मोदी जैसा कोई नेता नहीं, जिसकी सीधे जनता से कनेक्टिविटी हो : श्री श्री रविशंकर जी
कहा, वाराणसी
में
विकास
दिखता
है
श्रीश्री रविशंकर
ने
बीएचयू
में
छात्रों
से
किया
संवाद
’विकास और विरासत’ के
लिए
पीएम
मोदी
के
दृष्टिकोण
की
सराहना
की
आर्ट ऑफ
लिविंग
के
संस्थापक
ने
जीवन
में
परिवर्तन
लाने
के
सिखाए
गुर
सुरेश गांधी
वाराणसी। आर्ट ऑफ लिविंग
के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर शुक्रवार दोपहर बाद दो दिवसीय
दौरे पर वाराणसी पहुंचे।
बीएचयू के स्वतंत्रता भवन
में अभिनेता विक्रांत मैसी के साथ
युवा छात्र-छात्राओं से संवाद किया।
इसके पूर्व उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप
प्रज्वलित कर किया। संवाद
के दौरान पूछे गए सवालों
के जवाब में उन्होंने
पीएम मोदी के नेतृत्व
की सराहना करते हुए कहा
कि ’दुनिया में मोदी जैसा
कोई नेता नहीं है,
जिसकी कनेक्टिविटी सीधे विशाल जनसंख्या
वाले देश की जनता
से हो। यह मोदी
की करिश्मा ही है, चाहे
मन की बात हो
अन्य सरकारी गैर सरकारी कल्याणकारी
योजनाओं के जरिए वह
सीधे अपनी जनता से
संवाद करते है।
रविशंकर ने डायरेक्ट बेनिफिट
ट्रांसफर जैसी अभूतपूर्व पहल
और स्टार्ट-अप के तेजी
से बढ़ने के लिए
एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए नरेंद्र
मोदी सरकार की प्रशंसा की।
आज लोगों के खातों में
सीधे पैसा ट्रांसफर किया
जा रहा है। इसके
अलावा, इतने सारे स्टार्ट-अप की वृद्धि
को देखना आश्चर्यजनक है, दुनिया भारत
को बड़ी आशा और
उत्साह के साथ देख
रही है। उन्होंने कहा
कि अगर तत्कालीन सरकार
ने पर्याप्त सहायता नहीं दी होती
तो लाखों उद्यमियों को अपने सपने
साकार नहीं होते। उन्होंने
कहा कि बनारस में
विकास दिखता है। चाहे वह
टूरिज्म का क्षेत्र हो
अन्य बनारस में तेजी से
विकास कार्य हुए है। उन्होंने
कहा कि पिछले कुछ
वर्षों में आर्थिक मोर्चे
और आध्यात्मिकता के मोर्चे पर
देश की प्रगति की
विश्व शक्तियां सराहना कर रही हैं।
यह भारत के लिए
गर्व की बात है
कि मोदी के नेतृत्व
में न सिर्फ भारत
का कद बढ़ा है,
बल्कि भारत को अब
दुनिया भर में उचित
सम्मान मिलता है।
उन्होंने कहा कि सनातन
धर्म सभी धर्मों को
समाहित करने वाला है
क्योंकि यह कभी भी
दूसरों के प्रति दुर्भावना
नहीं रखता है। हमें
अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व होना
चाहिए और गुलामी की
मानसिकता जो लंबे समय
तक हम पर हावी
रही, उसे खत्म करना
होगा। उन्होंने काशी विश्वनाथ की
तुलना वेटिकन सिटी और मक्का
जैसे अन्य धर्मों के
सर्वोच्च पूजा स्थलों से
करते हुए कहा कि
आज का विशाल मंदिर
परिसर हमारी मान्यताओं के लिए एक
सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा,
“भव्य विश्वनाथ धाम का निर्माण
विस्कित भारत की दृष्टि
और महत्वाकांक्षा की दिशा में
एक कदम है।” उन्होंने
कहा कि यह तभी
संभव हो पायेगा जब
व्यक्ति के साथ धर्म
का भी विकास भी
हो। जिस नेता ने
इस गुण को समझ
लिया वह सहज ही
विकास पुरुष हो जाता है।
इस देश का सौभाग्य
है कि उसके पास
मोदी जैसा नेता है।
उन्होंने कहा मोदी ने
सामाजिकता व मानवता राष्ट्रप्रेम
की जो लकीर खींची
है, उससे पता चलता
है कि आने वाले
नेता को भी दीवाली
घर में नहीं शरहद
पर जवानों के साथ मनानी
पड़ेगी। उन्होंने कहा कि देश
सकारात्मक बदलाव की ओर बढ़
रहा है और लोगों
के व्यवहार में ’अपने धर्म
और जड़ों पर गर्व
महसूस करने’ में उल्लेखनीय बदलाव
के बारे में भी
बात की। उन्होंने कहा
कि पहले, लोग अपने सिर
पर तिलक लगाने से
डरते थे, अपनी पहचान
बताने में झिझकते थे।
ऑफिस जाने से पहले
वे अपना तिलक मिटा
देते थे, लेकिन अब
ऐसा नहीं है। और,
अपनी धार्मिक मान्यताओं पर टिके रहने
और इसे सबके सामने
स्वीकार करने में कुछ
भी गलत नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा
कि हमें अपनी धार्मिक
पृष्ठभूमि और सांस्कृतिक विरासत
पर गर्व होना चाहिए.
पहले लोग विदेश जाते
समय अपना नाम बदल
लेते थे लेकिन अब
ऐसा नहीं है। हमारे
पास हर किसी को
गले लगाने का प्राकृतिक गुण
है, हमारे पास हर किसी
के साथ जुड़ने की
क्षमता और गुणवत्ता है,
हमारे पास सही जगह
पर दिल हैं।
रविशंकर ने कहा कि तनाव मिटे, तभी आप विकसित व्यक्तित्व, विकसित भारत के बारे में सोच सकते हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत राजदूत प्रत्येक नागरिक को विकसित भारत 2047 के सपने में भागीदार बनाना चाहता है, जहां वह बदलाव का ’राजदूत’ बनकर योगदान दे सके। देश में परिवर्तन और विकसित भारत पर युवाओं से सवाल पूछे तो वर्तमान में समाज में उनकी भूमिका भी जानी। सवाल पूछने की भूमिका में अभिनेता विक्रांत मैसी थे। रविशंकर ने कहा कि तनाव मिटे, तभी आप विकसित व्यक्तित्व, विकसित भारत के बारे में सोच सकते हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत राजदूत प्रत्येक नागरिक को विकसित भारत 2047 के सपने में भागीदार बनाना चाहता है, जहां वह बदलाव का ’राजदूत’ बनकर योगदान दे सके। देश में परिवर्तन और विकसित भारत पर युवाओं से सवाल पूछे तो वर्तमान में समाज में उनकी भूमिका भी जानी। सवाल पूछने की भूमिका में अभिनेता विक्रांत मैसी थे। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों ने दुनिया को दिखाया है कि जन-शक्ति द्वारा किया गया विकास क्या होता है। हममें से हर कोई अपना योगदान देकर गौरवान्वित विकसित भारत का एंबेसडर बन सकता हैं। राष्ट्र-निर्माण, विकास और प्रगति की इस भावना को औपचारिक रूप देने के लिए, प्रधानमंत्री ने औपचारिक रूप से ’विकसित भारत एंबेसडर कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया है। ये आंदोलन मोदी का एक स्पष्ट आह्वान है सभी को इस जन-संचालित आंदोलन में शामिल होना चाहिए और 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने में सहायता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विकसित भारत एंबेसडर के सम्मानित बैनर तले यह 34वां सफल आयोजन है।
वरिष्ठ वकील और टीम
विकसित भारत एंबेसडर के
मुख्य सदस्य हितेश जैन ने सभा
में विकसित भारत एंबेसडर पहल
की शुरुआत की और सभी
से इस परिवर्तनकारी यात्रा
में सहयोग करने का आग्रह
किया। उपस्थित लोगों को आर्ट ऑफ़
लिविंग गायकों द्वारा भाव-विभोर करने
वाले भजन सुनाए गए
और विकसित भारत के दृष्टिकोण
को साकार करने के लिए
युवा, आध्यात्मिकता और सामूहिकता
पर केंद्रित चर्चाएं की गईं। जैसे
ही कार्यक्रम समाप्त हुआ, उपस्थित लोग
अपने-अपने क्षेत्रों में
विकसित भारत की दृष्टि
को आगे बढ़ाने और
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास
कार्य सूची के साथ
जुड़ने के लिए प्रेरित
और तैयार होकर चले गए।
इस दौरान आयुश मंत्री दयाशंकर
दयालू, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, महामंत्री
विद्यासागर राय, एमएलसी धर्मेंद्र
सिंह राय, जगदीश त्रिपाठी,
वैभव कपूर, राजेश त्रिवेदी, रोहित कपूर, अमित कुमार अग्रवाल,
डॉ मनोज कुमार शाह
आदि सहित बड़ी संख्या
में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
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