पूर्वांचल में लगेंगे 27.3 लाख बिजली स्मार्ट मीटर, मोबाइल जैसा होगा रिचार्ज
स्मार्ट मीटर
की
स्थापना
में
नहीं
देना
होगा
कोई
अतिरिक्त
शुल्क
बिजली बिल
सम्बन्धित
नहीं
होगी
कोई
समस्या
उपभोक्ता अपने
बिजली
के
खपत
को
कर
सकेंगे
मॉनिटरिंग
स्मार्ट मीटर
से
बेहतर
होंगी
उपभोक्ता
सेवाएं
वाराणसी, गाजीपुर,
चन्दौली,
जौनपुर,
आजमगढ़,
बलिया
एवं
मऊ
में
कुल
27.3 लाख
उपभोक्ताओं,
वितरण
परिवर्तकों
एवं
फीडरों
पर
स्मार्ट
मीटर
स्थापित
जायेंगे
सुरेश गांधी
वाराणसी। बिजली चोरी रोकने के
लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय
क्षेत्र वाराणसी में अब स्मार्ट
मीटर लगेंगे। बिजली विभाग की तरफ से
इसे लेकर तैयारी चल
रही है। उम्मीद है
कि जुलाई के पहले सप्ताह
में इसकी शुरुआत हो
जाएगी। स्मार्ट मीटर लगने के
बाद उपभोक्ताओं को इसे रिचार्ज
करवाना होगा। उसके बाद ही
घरों में बिजली की
आपूर्ति होगी। सबसे पहले इसकी
शुरुआत वहां से होगी,
जहां से बिजली चोरी
की शिकायतें अधिक आती हैं।
इस
बाबत मंगलवार को मंडल आयुक्त
कौशल राज शर्मा की
अध्यक्षता में कमिश्नरी ऑडीटोरियम
हाल में बिजली विभाग
के अधिकारियों संग मीटिंग की
गयी। इस दौरान स्मार्ट
मीटिरिंग प्रोजेक्ट के सर्विस प्रोवाइडर
मेसर्स जीएमआर काशी स्मार्ट मीटर्स
लिमिटेड द्वारा वाराणसी क्लस्टर के प्रोजेक्ट के
सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया
गया।
बैठक में जिलाधिकारी
एस राजलिंगम, ज्वांइट सीपी के. एजिलरासेन,
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के
प्रबंध निदेशक शम्भु कुमार, सीडीओं हिंमाशु नागपाल, तकनीकी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के
निदेशक जितेन्द्र नलवाया, वित पूर्वांचल विद्युत
वितरण निगम लिमिटेड के
निदेशक संतोष कुमार जाडिया, मुख्य अभियन्ता अरविन्द कुमार सिंघल सहित वाराणसी - प्रथम,
समस्त अधीक्षण एवं अधिशासी अभियन्ता
एवं जीएमआर से मुख्य कार्यपालक
अधिकारी देवतोष चतुर्वेदी एवं अन्य अधिकारियों
द्वारा प्रतिभाग किया गया। मेसर्स
जीएमआर लिमिटेड द्वारा स्मार्ट मीटिरिंग प्रोजेक्ट एवं तकनीक, प्रोजेक्ट
के अन्तर्गत अब तक किये
गये कार्य, स्मार्ट मीटर के लाभ,
स्मार्ट मीटर के बारे
में भ्रांतियां इत्यादि के बारे में
विस्तार से चर्चा की
गई। बताया गया कि स्मार्ट
मीटिरिंग प्रोजेक्ट के वाराणसी क्लस्टर
के अन्तर्गत वाराणसी, गाजीपुर, चन्दौली, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया एवं मऊ जनपद
में कुल 27.3 लाख उपभोक्ताओं, वितरण
परिवर्तकों एवं फीडरों पर
स्मार्ट मीटर स्थापित जायेंगे।
डिस्कॉम द्वारा उपभोक्ताओं से स्मार्ट मीटर
लगाने का कोई शुल्क
नहीं लिया जाएगा। स्मार्ट
मीटर वाराणसी एवं उसके पड़ोसी
जनपदों में चरणबद्ध तरीके
से लगाए जाएंगे। इसके
लिए कंपनी ने इलाके चिह्नित
कर लिए हैं। बिजली
चोरी रोकने के लिए इसके
पहले वाराणसी में अंडरग्राउंड केबलिंग
शुरू की गई थी।
बिजली बिल बकाया का झंझट खत्म हो जाएगा
अधिकारियों का कहना है
कि स्मार्ट मीटर लगने के
बाद बिजली बकाया का झंझट खत्म
हो जाएगा। रिचार्ज करने के बाद
ही लोगों को बिजली की
सुविधा मिलेगी। इसमें रिचार्ज खत्म होने के
बाद बिजली ऑटोमैटिक रूप से कट
हो जाएगा। रिचार्ज करने के बाद
ही बिजली यूज कर सकते
हैं। साथ ही बिजली
की चोरी भी रुकेगी।
ये है खासियत
स्मार्ट मीटर की कई
खासियत है। इसमें उपभोक्ता
ने लास्ट कब इसे रिचार्ज
किया और कब इसका
लास्ट डेट है। साथ
ही अब कितना बैलेंस
बचा है यह भी
डिस्प्ले होगा। हम बिजली का
इस्तेमाल कितना कर रहे हैं,
इसका भी पता चलेगा।
स्मार्ट मीटर विद्युत उपयोग
को रिकॉर्ड करने मीटर सम्बन्धित
सूचना दूरस्थ स्थान तक पहुंचाने एवं
दूरस्थ स्थान से विद्युत आपूर्ति
को नियंत्रण करने की सुविधा
प्रदान करता है। स्मार्ट
मीटर बिजली खपत को सटीकता
से मापने में सक्षम है
जिससे उपभोक्ताओं को उनके वास्तविक
खपत के आधार पर
बिल प्राप्त होंगे। स्मार्ट मीटर में रियल
टाइम डेटा उपलब्ध कराने
की सुविधा होने के कारण
उपभोक्ता अपने बिजली के
खपत को मॉनिटर कर
सकते हैं एवं अनावश्यक
खर्च को कम कर
सकते हैं जिससे उपभोक्ताओं
के बिजली बिल में कमी
आ सकती है। स्मार्ट
मीटर में दूरस्थ स्थान
से सूचना प्राप्त करने की सुविधा
होने के कारण बिजली
कटौती एवं पुनर्स्थापना की
सेवाओं को स्वचलित किया
जायेगा जिससे समय व संसाधन
की बचत होगी एवं
उपभोक्ताओं सेवाएं बेहतर होंगी। स्मार्ट मीटर स्वचलित रूप
से काम करता है
और उपभोक्ता का किसी विशेष
तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं
होती है। स्मार्ट मीटर
को मोबाइल की तरह ही
आसानी से रिचार्ज किया
जा सकता है। स्मार्ट
मीटर से संचारित डेटा
एनकिरेप्टेड होता है एवं
डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित
की जाती है ।
स्मार्ट मीटर में होगा ये सब कुछ
स्मार्ट में डिस्प्ले यूनिट
होगी, लास्ट रिचार्ज की जानकारी मिलेगी।
रिचार्ज की डेट, टाइम,
अमाउंट देखा जा सकता
है। इसके साथ ही
करंट बैलेंस कितना है, यह भी
दिखेगा।
मीटर में एक
ऑप्टिकल पोर्ट होगा। जिससे मीटर के अंदर
डत्प् जैसा स्कैन हो
सकेगा। लेकिन इसका इस्तेमाल उपभोक्ता
नहीं कर सकेंगे।
स्मार्ट मीटर में एक
चाबी होगी, जिससे रिचार्ज कराया जा सकेगा। इसके
बाद ।, ठ, ब्,
कोड जनरेट होंगे। 20 अंकों का यह कोड
कंज्यूमर को एंटर करना
होगा, जिससे मीटर चालू हो
जाएगा।
इसके साथ ही
ब्लू टूथ भी रहेगा।
मोबाइल से जोड़कर न्च्प्
के जरिए रिचार्ज किया
जा सकेगा।
एक मीटर (ैउंतज
डमजमते पद डच्) टर्नेल
रहेगी, जिससे खंभे से आने
वाली सर्विस केबल को जोड़ा
जाएगा।
लगाने की खास वजह
जब बिजली उपभोक्ताओं
तक पहुंचती है, तब ट्रांसमिशन
लॉस होता है। अभी
भी लगभग 3 फीसदी हानि होती है।
कई इलाकों में
हर महीने लाखों रुपए की बिजली
चोरी की जाती है।
जो कि स्मार्ट मीटर
से रुकेगी।
स्मार्ट मीटर लगने से
बकाया होगा ही नहीं।
सर्वे एवं तैयारी पूरी हो चुकी है
र्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट
के वाराणसी क्लस्टर के अन्तर्गत स्मार्ट
मीटर लगाने हेतु अब तक
5,15,122 उपभोक्ताओं,
29,366 वितरण परिवर्तकों एवं 1477 फीडरों का सर्वे पूर्ण
कर लिया गया। सर्वे
हेतु जीएमआर एजेंसी द्वारा प्रत्येक उपभोक्ता का घर-घर
जाकर सर्वे किया जा रहा
है। सर्वे से प्राप्त डेटा
की त्रि-स्तरीय तकनीकी
गुणवत्ता जांच की जा
रही है। जांच के
उपरान्त डेटा सही पाये
जाने पर स्मार्ट मीटर
की स्थापना की जा रही
है। उपभोक्ताओं में स्मार्ट मीटर
से सम्बन्धित जागरूकता बढ़ाने एवं स्मार्ट मीटर
के लाभ से अवगत
कराने हेतु माननीय जनप्रतिनिधियों,
रेसिडेंसियल वेलफेयर एसोसिएशन का भी सहायोग
प्राप्त किया जाएगा। साथ
ही कार्यदायी संस्था एवं विभाग के
द्वारा विभिन्न प्रकार के जागरूता अभियान
जैसे सोशल मीडिया, बेबसाइटों,
एस०एम०एस०, वैनरों एवं 1912 ( कंट्रोल रूम), विद्यालय में कैम्प लगाकर
जागरूकता को बढ़ाकर स्मार्ट
मीटर से सम्बन्धित भ्रांतियों
का दूर किया जायेगा।
कमिश्नर ने योजना की किया सराहना
25 हजार घरों की छतों पर लगेंगे सोलर पैनल
प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से उपभोक्ता जुड़
रहे हैं। पूर्वांचल विद्युत
वितरण निगम यानी डिस्कॉम
में पांच लाख और
वाराणसी में 25 हजार घरों की
छतों पर इसके तहत
सोलर पैनल लगाने का
लक्ष्य रखा गया है।
फिलहाल 10 किलोवाट क्षमता तक के प्लांट
के लिए टेक्निकल फिजिबिलिटी
की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई
है। बिजली निगम का कहना
है कि इससे बिजली
बिल में भी कमी
आएगी। योजना के तहत डिस्कॉम
में 26,884 एवं वाराणसी में
13,008 प्रोजेक्ट की टेक्निकल फिजिबिलिटी
अनुमोदित की जा चुकी
है। अब तक वाराणसी
में कुल 3685 किलोवॉट क्षमता का सोलर रूफटॉप
स्थापित किया जा चुका
है। इससे प्रतिदिन औसत
14.740 युनिट बिजली का उत्पादन हो
रहा है। प्रति किलोवाट
45,000 रुपये सब्सिडी दी जाती है।
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