Sunday, 30 June 2024

धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की बढ़ती आमद से रोजगार को भी लगे पंख

धार्मिक स्थलों पर सैलानियों की बढ़ती आमद से रोजगार को भी लगे पंख

काशी में जीबीसी - 4.0 में हुए एमयूओ से अब तक 449 करोड़ निवेश कर चार नए होटल प्रारंभ हो गए है। 838 करोड़ की लागत से शीघ्र शुरू होंगे 11 नए हाईटेक होटल. प्रयागराज महाकुंभ -2025  में उमड़ने वाले लाखों विदेशी सैलानियों भारतीय श्रद्धालुओं के अवसर को भुनाने के लिए होटल कारोबारी तैयार. बता दें, किसी भी देश, प्रदेश या जनपद की बढ़ती अर्थव्यवस्था में पर्यटन की अहम भूमिका होती है। आंकड़ों की माने तो भारत के पर्यटन उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 9.2 फीसदी का योगदान देता है। यह उद्योग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अर्थव्यवस्था रोजगार को लाभ पहुंचा सकता है

सुरेश गांधी

धार्मिक पर्यटन ने यूपी में सैलानियों को विभिन्न विकल्प उपलब्ध कराएं है। सरकार के प्रयासों से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या, श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा और काशी प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रुप में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। आने वाले दिनों में प्रयागराज का महाकुंभ - 2025 पर्यटकों की संख्या में चार चांद लगायेगा। मतलब साफ है विश्व पटल पर चमक बिखेर रहे काशी, अयोध्या, मथुरा प्रयागराज सूबे की अर्थव्यवस्था मजबूत तो होगी ही, रोजगार के भी अवसर बढेंगे। पर्यटकों से होने वाली आमदनी या रोजगार का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा, अकेले काशी में मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) में से चार नए अत्याधुनिक होटल, रिसॉर्ट और वेलनेस सेंटर प्रारंभ हो चुके हैं। जबकि 838 करोड़ की लागत से 11 और हाइटेक होटल निर्माण की तैयारी है। 

बता दें, किसी भी देश, प्रदेश या जनपद की बढ़ती अर्थव्यवस्था में पर्यटन की अहम भूमिका होती है। आंकड़ों की माने तो भारत के पर्यटन उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 9.2 फीसदी का योगदान देता है। यह उद्योग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचा सकता है। जहां तक पर्यटकों की संख्या का सवाल है तो काशी, अयोध्या मथुरा में पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। 13 दिसंबर 2021 को श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण से अब तक 16.46 करोड़ भक्तों ने बाबा के दर्शन किए। वहीं 2023 में 8.54 करोड़ से अधिक पर्यटक काशी पहुंचे। 2024 के छह महीने में भी यह संख्या लाखों में रही। कुछ ऐसा ही अयोध्या में भी रहा, यहां 25 जनवरी 2023 से अब तक पर्यटकों की संख्या 6.2 करोड़ पहुंच गयी है। स्वाभाविक है श्रद्धालु या यूं कहे पर्यटक पहुंचेंगे तो उनके ठहरने से लेकर खाने-पीने तक के कारोबारी भी लाभान्वित होंगे ही। ऐसे में इस अवसर को होटल कारोबारी भुनाने में भला कैसे पीछे रह सकते है। 

खास तौर से तब जब प्रयागराज 2025 का महाकुंभ में भारत ही नहीं सात समुंदर पार से भी लाखों की संख्या में विदेशी सैलानी पहुंचने वाले हैं। इन्हीं अवसरों के मद्देनजर काफी संख्या में होटल इंवेस्टर भी बनारस, अयोध्या मथुरा में आधुनिक होटल खोलने की योजना बना रहे है। इनमें से एमओयू के 4 होटल, रिसॉर्ट और वेलनेस सेंटर का तो शुभारंभ भी हो चुका हैं। जानकारी के मुताबिक ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 में हुए एमओयू से करीब 449 करोड़ के निवेश से 4 होटल मेहमान नवाजी के लिए शुरू हो चुके हैं। इसमें रिसोर्ट और वेलनेस सेंटर भी हैं, जिससे लगभग एक हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। वहीं 838 करोड़ की लागत से 11 होटल जल्द शुरू होंगे। इनमें कई बड़े और नामचीन होटल भी हैं। इनके खुलने से रोजगार के हजारों अवसर सृजित होने की संभावना है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में बहुत तेजी से विकास कर रहा है. पर्यटन स्थलों के साथ-साथ पर्यटक सुवविधाओं का विकास किया जा रहा है. अयोध्या का विश्व की सुंदरतम नगरी के रूप में विकास हो रहा है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश को इससे ज्यादा फायदा होगा. वर्ष 2022 में अयोध्या में कुल 2.39 करोड़ पर्यटक आए थे. इसमें 2.39 करोड़ घरेलू और 1,465 विदेशी थे. अयोध्या में वर्ष 2023 में 5.7 करोड़ लोगों ने भ्रमण किया. इसमें 5.7 घरेलू और 8,468 विदेशी पर्यटक थे. पर्यटन मंत्री ने बताया कि भगवान शिव की नगरी के रूप में विश्व विख्यात काशी में वर्ष 2022 में कुल 7.12 12 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे. इसमें 7.11 करोड़ घरेलू और 83,741 विदेश से आने वाले सैलानी थे. यहां वर्ष 2023 में कुल 8.5 करोड़ पर्यटक पहुंचे, जिसमें 8.52 में 8.52 करोड़ घरेलू और 201,904 विदेश से आने वाले पर्यटक थे. खास बात यह है कि घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ विदेश से आने में पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. काशी में वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में .1.18 लाख से ज्यादा विदेशी पर्यटक बढ़े हैं. इसी तरह अयोध्या में वर्ष 2022 में 1,465 जबकि 2023 में 8,468 विदेशी पर्यटक आए थे. इस हिसाब से सात हजार पर्यटक बढ़ गए. मंत्री ने बताया कि 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के बाद यहां श्रद्धालुओं और पर्यटकों का रेला उमड़ रहा है.

काशी विश्वनाथ के नए स्वरूप को देखकर भक्त निहाल होते हैं. यहां श्रद्धालुओं की संख्या में दिनों दिन वृद्धि देखी जा रही है. मंदिर प्रशासन की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार बाबा काशी विश्वनाथ के खजाने में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है. बीते 7 वर्षों के आंकड़ों में बाबा के खजाने में चार गुना की बढ़ोतरी बताई जा रही है. श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का लोकार्पण दिसंबर 2021 में हुआ था. इसके बाद से ही केवल प्रमुख तिथियों पर बल्कि सामान्य दिनों में भी रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं का  पहुंचना जारी है. देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे श्रद्धालुओं का बाबा के प्रति अपार स्नेह देखा जाता है. इसी क्रम में लोग अपनी श्रद्धा अनुसार बाबा को चढ़ावा भी अर्पित करते हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार 2017 से 2024 के बीच में बाबा काशी विश्वनाथ के खजाने में चार गुना की वृद्धि देखी गई है.

प्राचीनतम और नवीनतम व्यवस्थाओं से युक्त मंदिर परिसर को देख भक्त काफी प्रसन्न होते हैं और सुलभ दर्शन प्राप्त करके उन्हें एक अच्छी अनुभूति भी होती है. वहीं दिसंबर 2021 कॉरिडोर निर्माण के बाद से लेकर जून 2024 तक बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की कुल संख्या 16.22 करोड़ तक पहुंच गई है. मंदिर प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार बीते 7 वर्ष में बाबा काशी विश्वनाथ के खजाने में चार गुना की वृद्धि हुई है.  2017 की बात कर ले तो 20.43 करोड़ का चढ़ावा बाबा को अर्पित किया था, जिस समय पुराना मंदिर परिसर था. जबकि 2018 में 26.32 करोड़ 2019 में 26 करोड़, 2020 के कोरोना काल में 10.09 करोड़, 2021 में 20.03 करोड़ , 2022 में, 58.33 करोड़ और 2023 -24 में शिव भक्तों द्वारा 86 करोड़  चढ़ावा चढ़ाया गया है. विशेष तौर पर 2021 दिसंबर के बाद से मंदिर प्रशासन के चढ़ावे में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है.

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