Saturday, 24 August 2024

अब हज इंस्पेक्टर कहे जायेंगे हज सेवक : सरवर सिद्दीकी

अब हज इंस्पेक्टर कहे जायेंगे हज सेवक : सरवर सिद्दीकी


हज कमेटी की तरफ से इस बार 1100 की जगह 2100 रियाल दिएं जायेंगे

एक करोड़ की अनुदान राशि को बढ़ाकर पांच करोड़ करने की मांग

हज पर जाने वाले जायरीनों को आवेदन करने की अंतिम तिथि 9 सितम्बर

सुरेश गांधी

वाराणसी। हज सेवकों का पदनाम अब बदलकर राज्य हज इंस्पेक्टर कर दिया गया है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश हज समिति के सदस्य सरवर सिद्दीकी ने दी है। सरवर सिद्दीकी ने बताया कि अब हज पर जाने वाले खादिमुल हुज्जाज (हज सेवक) को राज्य हज इंस्पेक्टर के नाम से बुलाया जाएगा। इसके लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से नई हज पॉलिसी जारी कर दी गई है। इसके तहत वर्ष 2025 की हज यात्रा के लिए आवेदन भी शुरू हो जाएंगे। हज यात्रा आवेदन की अंतिम तिथि 9 सितम्बर तय की गयी है। इसके अलावा हज यात्रा के लिए 65 वर्ष से अधिक आयु के यात्रियों को अपने साथ सहयोगी ले जाना होगा। सहयोगी की अधिकतम आयु 60 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। 

उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति की मौलाना अली मियां हज हाउस, लखनऊ में हुई बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए सरवर सिद्दीकी ने बताया कि हज सेवक कई साल से हज कमेटी से यह शिकायत कर रहे थे कि उनके पदनाम को लेकर हज यात्रियों में भ्रम रहता है। वह नाम के साथ सेवक शब्द जुड़ा होने के कारण अपने निजी कार्य कराने को भी कहते थे। इसीलिए हज सेवकों का पदनाम अब बदलकर राज्य हज इंस्पेक्टर कर दिया गया है। सरवर सिद्दीकी ने बताया कि पवित्र हज यात्रा-2025 पहले से बेहतर होगी। इस बार हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की कोई दिक्कत अथवा परेशानी होने दी जायेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश है कि हज यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जाएं।

श्री सिद्दीकी ने यह भी बताया कि हज यात्रा 2025 में महिला और पुरुष हाजी अलग-अलग रहेंगे। जिला के अनुसार हज उड़ानें तथा जिले के अनुसार बिल्डिंग की व्यवस्था का निर्णय लिया गया है। पासपोर्ट की अवधि जनवरी फरवरी 2026 होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि हज यात्रियों की सुविधा के लिए हज सुविधा एप बनाया गया है। इस एप पर हज यात्रियों को उनके ठहरने, उड़ान, बैगेज, इमरजेंसी हेल्पलाइन, भाषा को समझने में आसानी जैसी सुविधाएं होंगी। सरवर सिद्दीकी ने बताया कि नई पॉलिसी के तहत जो बिना मेहरम के हज वाली महिलाओं के लिए आयु सीमा 45 से 60 वर्ष के बीच होगी। वहीं, अब एक कवर नंबर पर अधिकतम पांच लोग आवेदन कर सकते हैं। एक कवर नंबर पर दो नवजात शिशु भी शामिल किए जा सकेंगे. 

सरवर सिद्दीकी ने बताया कि अब हज जाने की उड़ानें लखनऊ के अलावा श्रीनगर, गया, गुवाहाटी, इंदौर, भोपाल, औरंगाबाद, जयपुर, नागपुर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि, चेन्नई, अहमदाबाद, कन्नुर, विजयवाड़ा और कालीकट सहित 20 हवाई अड्डों से मिलेंगी। इसके अलावा मक्का में इस बार राज्यवार व्यवस्था होंगी। यात्रा से पहले सभी यात्रियों को प्रशिक्षण दी जायेगी। उन्होंने बताया कि हज कमेटी की तरफ से इस बार 1100 की जगह 2100 रियाल दिएं जायेंगे। इसी के तहत एक करोड़ की अनुदान राशि को बढ़ाकर पांच करोड़ करने के लिए मुख्यमंत्री से निवेदन किया गया है, जिसे जल्द ही मान लेने की उम्मींंद है। आवेदन के साथ पासपोर्ट की दो प्रतियां, बैंक पासबुक या कैंसिल चेक, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ब्लड ग्रूप की रिपोर्ट लगानी होगी।

 

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