माटीकला मेला का समापन, खुश नजर आएं कुम्हार व शिल्पकार
पारम्परिक कला
से
जुड़े
लोगों
को
इस
तरह
के
मंच
प्रदान
करने
के
लिए
सरकार
संकल्पित
शिल्पकारों द्वारा
प्रदर्शनी
में
अपने
उत्कृष्ट
उत्पादों
का
प्रदर्शन
एवं
बिक्री
की
गयी
: यूपी
सिंह
सुरेश गांधी
वाराणसी। शहर के चौकाघाट
सांस्कृतिक संकुल प्रांगण के अर्बन हॉट
में आयोजित सात दिवसीय माटी
कला मेले का बुधवार
को भव्यता से समापन हुआ।
इस दौरान माटी कला से
जुड़े शिल्पकारों व कुम्हारों को
स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया
गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
दिलीप सोनकर ने ग्रामोद्योग व
माटी कला से जुड़े
शिल्पकारों का हौसलाफजाई करते
हुए कहा कि पारम्परिक
कला से जुड़े लोगों
को इस तरह के
मंच प्रदान करने के लिए
सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे
हैं।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्यमियों
को समय-समय पर
सम्मानित भी किया जायेगा।
ऊप्र खादी तथा ग्रामोद्योग
बोर्ड के जिला ग्रामोद्योग
अधिकारी यूपी सिंह ने
बताया कि सात दिवसीय
मेले में कुल 13.28 लाख
की बिक्री हुई है। यूपी
सिंह ने बताया कि
शिल्पकारों द्वारा प्रदर्शनी में अपने उत्कृष्ट
उत्पादों का प्रदर्शन एवं
बिक्री की गयी। दीपावली
के शुभ अवसर पर
उन्होंने सभी को बधाई
देते हुए कहा कि
सरकार स्वदेशी अपनाने और लोगों को
स्वरोजगार प्रदान करने की दिशा
में प्रयासरत है। इस तरह
के आयोजनों का उद्देश्य पारम्परिक
कला से जुड़े कुशल
कारीगरों एवं शिल्पकारों को
मंच प्रदान करना है। इससे
न सिर्फ उनकी कला को
प्रोत्साहन मिलता है बल्कि उनकी
आमदनी के साथ ही
उनका उत्साहवर्धन भी होता है।
भविष्य में इस तरह
के आयोजन कराये जाने के प्रयास
किये जायेंगे। इस मौके पर
संजय, रघुनाथ चौधरी, अमन जायसवाल, रामाश्रय
प्रजापति, अमन दीप शर्मा
एवं अन्य कर्मचारी व्यापारी
गण उपस्थित रहे। मिट्टी कला
मेले की विक्रेताओं ने
बताया इसे लोगों ने
इस कदर पसंद किया
है कि उनके मिट्टी
के सामान हाथों हाथ बिक गए।
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