डालरनगरी में बुनकरों के लिए बनेगा ईएसआई हास्पिटल : गिरिराज सिंह
कहा, 2030 तक
350 बिलियन
डालर
का
होगा
टेक्सटाइल
इंडस्ट्री
सुरेश गांधी
भदोही। भाजपा के फायरब्रांड नेता
एवं केंद्रीय टेक्सटाइल मिनीस्टर गिरिराज सिंह ने कहा
कि डालरनगरी भदोही में जल्द ही
बुनकर मजदूरों के लिए ईएसआई
हास्प्टिल बनेगा। इसके लिए जिला
प्रशासन को जमीन खोजने
का निर्देश दिया गया है।
यह बाते मंगलवार को
कालीन निर्यातक संवर्धन परिषद (सीईपीसी) की ओर से
भदोही मार्ट में आयोजित चार
दिवसीय इंडिया कार्पेट एक्सपो-2024 का उद्घाटन फीता
काटने व दीप प्रज्जवलन
के बाद निर्यातकों को
संबोधन के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि इस
मेले से कालीन उद्योग
को नद सिर्फ नयी
ऊंचाइयां मिलेगी, बल्कि 2030 तक कपड़ा उद्योग
350 बिलियन डालर की इंडस्ट्री
भी बन जायेगी। हालांकि
इस टारगेट को पूरा करने
में उद्यमियों की बड़ी भूमिका
होगी और सरकार से
उनकी जो अपेक्षाएं है,
उसे पूरा किया जायेगा।
इस दौरान गिरीराज सिंह ने मेला
ग्रांउड पर लगे आकर्षक
कालीनों के स्टॉलों का
विजिट कर निर्यातकों से
कालीनों के बनावट, लागत
व वेराइटी पर विस्तार से
चर्चा भी की।
निर्यातकों की मांग पर
गिरीराज सिंह ने भदोही
में स्पिनिंग मिल की स्थापना
की बात करते हुए
कहा कि कारपेट उद्योग
कुटीरपरक इंडस्ट्री है। इससे लाखों
लोगो को रोजगार मिलता
है, इसलिए इस उद्योग के
विकास के लिए सरकार
हर स्तर पर सुविधाएं
मुहैया करायेगी। उन्होंने कारपेट इंडस्ट्री के प्रतिस्पर्धा वाले
देशों की चर्चा करते
हुए कहा कि हमारे
पारंगत डिजाइनों के आगे तुर्की
उर्की कहीं नहीं टिकता,
बस हमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी
का उपयोग करते हुए बाजार
को कालीनों की नएं डिजाइनों
रेंज देनी होगी।
भदोही में स्पिनिंग मिल की स्थापना होगी
गिरीराज सिंह ने कहा
शीघ्र ही भदोही में
स्पिनिंग मिल की स्थापना
भी होगी। बता दें, फेयर
में भदोही, मिर्जापुर, आगरा समेत देश
के अलग-अलग जगहों
से आकर करीब 265 कालीन
निर्यातक कम्पनियों ने अपने उत्पाद
की प्रदर्शनी लगाई है। वहीं
दुनियाभर के 67 देशों के करीब 350 आयातक
(बॉयर्स) शिकरत कर रहे हैं।
बायर्स भदोही और भारत के
अनेक स्थानों पर बुनी गई
मखमली कालीन की गुणवत्ता व
खूबसूरती को निहारेंगें और
परखेंगे। इस एक्सपो फेयर
को आयोजित कराने वाली सीईपीसी को
करीब एक हजार करोड़
के कार्पेट एक्सपोर्ट व्यवसाय की उम्मीद है।
देश में सबसे बड़ा रोजगार देने वाला कालीन उद्योग
कपड़ा मंत्री ने
कहा कृषि के बाद
कपड़ा मंत्रालय ही देश में
सबसे बड़ा रोजगार देने
वाला उद्योग है। हमारा लक्ष्य
2030 तक 6 करोड लोगों की रोजगार
देने का है। वर्तमान
में यह उद्योग 170 मिलियन
डॉलर का है जिसे
2030 तक 300 बिलियन डॉलर तक लाया
जाएगा, उन्होंने कहा कि कपड़ा
उद्योग में इस बढ़ोतरी
से 20 लाख मिलियन टन
यार्न की भी आवश्यकता
होगी। अन्तराष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिस्पर्धा के
लिए हमें नई तकनिकी
पर कार्य करना होगा और
मंत्रालय जल्द ही जुट
और बम्बो के संयोग द्वारा एक
नए फाईबर को विकसित करने
पर कार्य कर रहा है।
लागत को कम करने पर ध्यान देना चाहिए
उन्होंने कहा कि उद्योग को अन्तराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में रहने के लिए अपनी ट्रांजिसन लागत को कम करने पर ध्यान देना चाहिए, जिसके लिए उन्हें अपने क्षेत्र में ही स्पिनिंग मिल्स लगाने की योजना पर कार्य करना चाहिए, इससे वे अपनी लागत का 15 फीसदी बचा सकते है और साथ ही क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे. कपड़ा और विदेश राज्य मंत्री श्री पवित्रा मर्गेटा ने कहा कि यह मेला शानदार उत्पादों का प्रदर्शन है। इस मेले से भारत की बेहतरीन कला संस्कृति का प्रदर्शन हो रहा है।
कालीन पुरे देश को जोड़ने का कार्य कर रहा है। प्रदेश के लघु एवं माध्यम उद्योग मंत्री राकेश सचान ने कहा कि कारपेट एक अलग प्रकृति का उद्योग है, जिसके लिए उन धागे इत्यादि कृषि उत्पाद है और इसकी बुनाई ज्यादातर किसान करते है।
इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर एक अलग पालिसी बनाये जाने की आवश्यकता है। सरकार इस उद्योग के लिए हर संभव सहयोग के लिए तत्पर है। इस दौरान राकेश सचान प्रदेश सरकार द्वारा अपने विभाग से हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
अंगवस़्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री के अलावा केंद्रीय राज्य टेक्सटाइल मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा, यूपी कैबिनेट के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, सीईपीसी चेयरमैन कुलदीप राज वॉटल, भदोही सांसद डॉ. विनोद बिन्द, पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, औराई विधायक दीनानाथ भास्कर, ज्ञानपुर विधायक विपुल दुबे, भदोही के पूर्व विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी, आशीश सिंह बघेल आदि मौजूद थे। इसके पहले सीईपीसी के पूर्व सीनियर कोआ मेम्बर उमेश गुप्ता मुन्ना व राजेन्द्र मिश्रा सहित
प्रशासनिक समिति
के सदस्य सूर्यमणि तिवारी, मो. वासिफ अंसारी,
रवि पाटौदिया, अनिल कुमार सिंह,
असलम महबूब, संजय गुप्ता, महाबीर
प्रताप शर्मा, बोधराज मेहरोत्रा, हुसैनी जफ़र हुसैनी, मेहराज यासीन जान, रोहित
गुप्ता, दीपक खन्ना, पियुष
बरनवाल, श्रीराम मौर्य एवं एकमाध्यक्ष रजा
खां, ओंकारनाथ मिश्रा, शिवसागर तिवारी दीपक मिश्रा, फिरोज वजीरी, ओंकारनाथ मिश्रा, जगमोहन अग्रवाल, कार्यकारी
निदेशक सह-सचिव आदि ने
बारी-बारी से अतिथियो
का अंगवस़्त्रम एवं स्मृति चिन्ह
भेंट कर स्वागत किया।
गिरीराज ने योगी के खानपान शुद्धता के अध्यादेश का किया स्वागत
पत्रकारों से बातचीत के दौरान गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर न सिर्फ जमकर हमला किया, बल्कि योगी सरकार द्वारा लायी जा रही खानपान शुद्धता के अध्यादेश का स्वागत भी किया। गिरिराज ने कहा कि देश की सभी राज्यों की सरकार को खाने पीने की शुद्धता को लेकर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने बहराइच की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि बहराइच हिंसा के पीछे समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और टुकड़े-टुकड़े गैंग की साजिश होने से इनकार नहीं किया जा सकता। इस घटना को लेकर अखिलेश यादव से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जी, आपके पिता ने हिंदुओं और कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थीं, लेकिन क्या देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था. क्या यदि बहराइच में बांग्लादेश जैसी कोई घटना होती, तो अखिलेश यादव चुप रहते.
गिरिराज सिंह ने कहा कि, देश का बंटवारा ही धर्म के आधार पर हुआ था, अखिलेश यादव का डीएनए हिंदू विरोधी है। आज अखिलेश यादव कहते हैं रूट तय था कि नहीं, आज तक हिंदुओं ने कभी प्रहार नहीं किया कभी दंगा नहीं किया देश में जब भी दंगा हुआ चाहे बहराइच हो मुसलमान ने दंगा शुरू किया.
राहुल गांधी और अखिलेश यादव के समर्थन में किया. यहां दुर्गा का विसर्जन नहीं करेंगे तो क्या पाकिस्तान व बांग्लादेश में करेंगे।
जातिगत जनगणना के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि वह जातिगत जनगणना के विरोधी नहीं हैं लेकिन जो राहुल गांधी इसके पीछे पड़े हैं, पहले वह अपनी जाति तो बताएं कि वह किस जाति के हैं, उनके दादा किस जाति के हैं। जनसंख्या नियंत्रण कानून को उन्होंने आवश्यक बताया। बता दें कि बीते दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में खान-पान में मिलावट के मामले सामने आए थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने 24 सितंबर को खान-पान की वस्तुओं कि शुद्धता-पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में संशोधन करने के निर्देश दिए थे। योगी सरकार जल्द ही उत्तर प्रदेश छद्म एवं सौहार्द विरोधी क्रियाकलाप निवारण एवं थूकना प्रतिषेध अध्यादेश-2024 लाने जा रही है.
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