सीएम योगी ने की ’संस्कृत छात्रवृत्ति योजना’ की शुरुआत, जारी किए 5.86 करोड़, कई बच्चों को सौंपा चेक
संस्कृत भाषा और उसका साहित्य हमारा सबसे बड़ा ऊर्जा का स्वर : योगी
गुरुकुल की
परंपरा
को
पुनर्जीवित
करने
वाली
संस्थाओं
को
खोलने
के
लिए
लोगों
को
आह्वान
संस्कृत केवल
देववाणी
ही
नहीं
बल्कि
भौतिक
समाज
की
तमाम
समस्याओं
के
समाधान
करने
का
भी
माध्यम
बने
दिवाली से
पहले
मिली
छात्रवृत्ति
से
बच्चों
का
उत्साह
दुगुना
दिखा
सुरेश गांधी
वाराणसी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने दिवाली से
पहले उत्तर प्रदेश संस्कृत परिषद के छात्रों को
बड़ा गिफ्ट दिया है. रविवार
को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में ’संस्कृत छात्रवृत्ति
योजना’ की शुरुआत की.
प्रदेश के संस्कृत के
विद्यार्थियों को पहली बार
एकसाथ छात्रवत्ति योजना का लाभ मिल
रहा है. इस मौके
पर मुख्यमंत्री ने 69,195 विद्यार्थियों को 586 लाख रुपये की
छात्रवृत्ति का वितरण का
ऐलान किया. जबकि विश्वविद्यालय में
12 बच्चों को प्रतीकात्मक चेक
प्रदान की। उन्होंने कहा
कि कल तक 69,195 छात्रों
के बैंक अकाउंट में
छात्रवृत्ति की धनराशि पहुंच
जाएगी.
मुख्यमंत्री ने नमः पार्वती
पतये, हर-हर महादेव’
के जयघोष के साथ अपने
भाषण की शुरुआत की.
सीएम योगी ने कहा
मैं आश्वस्त करता हूं, जो
भी संस्कृत में विशिष्ट शोध
की थीसिस लिखेंगे, कुछ अच्छा कार्य
करेंगे, उन सभी आचार्यों
और छात्रों को हम स्कॉलरशिप
देने की घोषणा करने
जा रहे हैं. गुरुकुल
की परंपरा को पुनर्जीवित करने
वाली संस्थाओं को खोलने के
लिए लोगों का आह्वान करते
हुए सीएम योगी ने
कहा कि ऐसे विद्यालयों
को प्रदेश की उनकी सरकार
तत्काल मान्यता देगी और ऐसी
संस्थाओं को स्वतंत्रता भी
रहेगी। संस्कृत केवल देववाणी ही
नहीं बल्कि भौतिक समाज की तमाम
समस्याओं के समाधान करने
का भी माध्यम बने।
अच्छा थीसिस लिखने वाले छात्रों के
लिए भी प्रदेश सरकार
स्कॉलरशिप की व्यवस्था करने
जा रही है।
सीएम योगी ने
कहा सनातन धर्म की ऊर्जा
का एक स्वर यहां
आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत होकर
गुंजायमान हो रहा था.
संस्कृत को समझना है
तो इस स्वर के
अंतःकरण में स्वयं को
समाहित करना पड़ेगा. उन्होंने
कहा कि यह समारोह
संस्कृत के लिए, भारतीय
संस्कृति के लिए और
उसकी आत्मा की दृष्टि से
महत्वपूर्ण समारोह है. मुझे आश्चर्य
होता है गरीब छात्रों
के लिए छात्रवृत्ति होनी
चाहिए. लेकिन, संस्कृत को उससे क्यों
उपेक्षित किया गया मुझे
नहीं समझ आया. अभी
तक केवल 25 करोड़ की आबादी
में केवल 300 बच्चों के लिए स्कॉलरशिप
की व्यवस्था थी. वह भी
छात्रों को पता नहीं
होता था और कोई
आवेदन नहीं कर पाता
था. उन्होंने कहा कि महर्षि
अरविन्द ने कहा था
संस्कृत भाषा और उसका
साहित्य हमारा सबसे बड़ा खजाना
है. भारतीय संस्कृति के संरक्षण का
दायित्व केवल संस्कृत उठा
सकती है, संस्कृत के
प्रति अनुराग रखने वाले लोग
उठा सकते हैं, संस्कृत
के प्रति श्रद्धा का भाव रखने
वाला, आज का युवा
उठा सकता है.
योगी ने कहा
कि उत्तर प्रदेश संस्कृत परिषद को मान्यता तब
मिल पाई जब हम
लोगों की सरकार वर्ष
2017 में आई. सीएम योगी
ने कहा उत्तर प्रदेश
में जितने भी संस्कृत के
बच्चे हैं, प्रथमः से
लेकर आचार्य तक, इन सबके
फॉर्म भरवाने हैं, सबको स्कॉलरशिप
उपलब्ध करवानी है, इसके लिए
हर संस्थान को अपने स्तर
पर प्रयास करना पड़ेगा. सीएम
योगी ने कहा कि
जहां पर भी कोई
व्यक्ति, कोई आश्रम, कोई
अच्छा छात्रावास बनाकर देगा, विद्यालय देगा, बच्चों के रहने व
खाने की निःशुल्क व्यवस्था
करेगा, हम अनुदान देकर
के उस संस्थान को
संस्कृत की मान्यता के
लिए, अच्छे आचार्यों की नियुक्ति करने
के लिए एक स्वतंत्रता
भी देंगे. आज के परिपेक्ष
में संस्कृत का उपयोग किस
रूप में आगे बढ़ा
सकते हैं, इसको भारतीय
संस्कृति के दृष्टि से,
वैज्ञानिक भाषा है इस
दृष्टि से भी. इस
पर लगकर के युद्धस्तर
पर कार्य करने की आवश्यकता
है.
मुख्यमंत्री कहा कि संपूर्णानंद
संस्कृत विश्वविद्यालय के पुरातन संस्कृति
का संवर्धन किया जाएगा। उन्होंने
कहा कि प्रधानमंत्री के
नेतृत्व में भारत की
सभ्यता, संस्कृति उठ खड़ी हुई
है जिसको संस्कृत द्वारा उचित समय दिया
जाएगा। संस्कृत केवल देववाणी ही
नहीं है बल्कि भौतिक
जगत की सभी समस्याओं
की वैज्ञानिक विधि भी है।
संस्कृत को बढ़ाने के
लिए शोध के कार्यों
को आगे बढ़ाया जाए
जिसके लिए सरकार शोध
छात्रवृत्ति भी लेकर आएगी।
कार्यक्रम के मंच पर
उनके साथ कुलपति प्रो.
बिहारी लाल शर्मा, श्रम
एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, उच्च
शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र
’दयालु’ के अलावा महापौर
अशोक तिवारी, विधायक नीलकण्ठ तिवारी, डॉ. सुनील पटेल,
सौरभ श्रीवास्तव, नील रतन सिंह,
त्रिभुवन राम, डॉ. अवधेश
सिंह आदि मौजूद थे.
छात्रवृत्ति पाते ही चहके बच्चे
संपूर्णानंद
संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर के दीक्षा प्रांगण
में आयोजित भव्य कार्यक्रम में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
कंप्यूटर के माउस को
क्लिक कर प्रदेश के
69195 संस्कृत विद्यार्थियों के बैंक खाते
में एक साथ 586 लाख
रूपये की धनराशि छात्रवृत्ति
के रूप में स्थानांतरित
किया। बैंक खातों में
छात्रवृत्ति की धनराशि डिजिटली
ट्रांसफर होने पर मौके
पर मौजूद छात्रों के चेहरे खुशी
से खिल उठे। इसमें
विश्वविद्यालय के 36 विद्यार्थी शामिल हैं। इस अवसर
पर मुख्यमंत्री ने मंच से
प्रतीकात्मक रूप से सुहानी,
पूजा शुक्ला, रंजना, कृष्णा, आर्यन, अभिनव मिश्रा, स्मिता, अमन, योगेश दुबे,
प्रिंस पाण्डेय, हर्ष मिश्रा सहित
12 बच्चों को छात्रवृत्ति उपलब्ध
करायी।
बाबा काशी विश्वनाथ एवं काशी के
कोतवाल कालभैरव का दर्शन पूजन
’संस्कृत छात्रवृत्ति योजना’ की शुरुआत करने
के बाद मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ काशी विश्वनाथ धाम
पहुंचे। वहां योगी ने
बाबा काशी विश्वनाथ के
विधि-विधान से दर्शन-पूजन
के बाद दुग्धाभिषेक कर
यूपी सहित देश के
कल्याण की कामना की।
इसके बाद काशी के
कोतवाल कालभैरव मिंइदर पहुंचे। यहां भी योगी
ने बाबा का विधिवत
दर्शन पूजन कर आशीर्वाद
लिया।
विशाल हनुमान प्रतिमा का लोकार्पण
दर्शन-पूजन के बाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
बाबतपुर मार्ग पर काजीसराय के
पास स्थापित विशाल हनुमान प्रतिमा का लोकापर्ण किया।
इस दौरान विधि विधान से
पूजन अर्चन एवं परिक्रमा भी
की।
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