महामना पं. मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र
के निर्माण में रतन टाटा का बड़ा योगदान
हास्पिटल परिसर
में
डॉक्टर
से
लेकर
कर्मचारियों
तक
ने
उन्हें
दी
भावभीनी
श्रद्धांजलि
सुरेश गांधी
वाराणसी। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय
कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा
कैंसर अस्पताल (एम.पी.एम.एम.सी.सी.
एवं एच.बी.सी.एच.) वाराणसी में
पद्म विभूषण रतन नवल टाटा
का बड़ा योगदान है।
होमी भाभा कैंसर अस्पताल
एवं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय
कैंसर केंद्र के निर्माण में
टाटा ट्रस्ट द्वारा सी.एस.आर.
के तहत की गई
मदद के लिए अस्पताल
प्रशासन ही नहीं काशी
सहित पूरा पूर्वांचल उन्हें
सदैव याद करेगा।
टाटा रतन के
निधन पर अस्पताल के
निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान
ने कहा कि रतन
टाटा जी के निधन
की खबर सुनकर हम
सब स्तब्ध हैं। वो न
केवल एक कुशल उद्योगपति
थे, बल्कि मानवता की सेवा के
लिए हमेशा तैयार रहने वाले जनहितैषी
व्यक्ति भी थे। रतन
टाटा जी का जाना
वाराणसी ही नहीं पूरे
भारत की क्षति है।
इस मौके पर अस्पताल
परिसर में रतन नवल
टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि
अर्पित की गई। इस
दौरान दोनों ही अस्पतालों में
कर्मचारियों द्वारा दो मिनट का
मौन धारण कर दिवंगत
आत्मा की शांति के
लिए प्रार्थना की गई।
बता दें, 1 मई
2018 को 179 बिस्तरों वाले इस अस्पताल
शुभारंभ किया गया था,
जबकि 352 बिस्तरों वाले महामना पंडित
मदन मोहन मालवीय कैंसर
केंद्र को 19 फरवरी, 2019 को चालू किया
गया था। दोनों का
औपचारिक उद्घाटन 19 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री श्री
नरेंद्र मोदी द्वारा किया
गया था। इस अस्पताल
में कैंसर से पीड़ित मरीजों
का इलाज किया जाता
है। इस अस्पताल से
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़
आदि राज्यों के पीड़ित मरीज
इलाज पाते है। इस
क्षेत्र में न केवल
कैंसर के मामलों का
बोझ सबसे अधिक है,
बल्कि कैंसर के प्रबंधन से
निपटने के लिए प्रशिक्षित
जनशक्ति की भी भारी
कमी है। इन क्षेत्रों
में तेजी से शहरीकरण
के कारण अगले कुछ
दशकों में स्थिति और
खराब होने वाली है।
अपने जुड़वां अस्पतालों के माध्यम से
अस्पताल वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल
के जिलों और आसपास के
राज्यों के रोगियों के
दरवाजे तक सस्ती कीमत
पर व्यापक और बहुत उच्च
गुणवत्ता वाली कैंसर देखभाल
किया जाता हैं।
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