नए साल पर बाबा विश्वनाथ धाम सहित अन्य
मंदिरों में मत्था टेकेंगे 20 लाख श्रद्धालु
30 दिसंबर से आएंगे श्रद्धालु
31 दिसंबर
व
1 जनवरी
के
लिए
होटल
व
धर्मशालाएं
हो
रही
बुक
सुरेश गांधी
वाराणसी। पूरी दुनिया उत्सव और जश्न मनाकर नए साल का स्वागत करती है। अब ये उत्सव का हिस्सा बन चुका है। हर किसी की ख्वाहिश होती है नई सुबह में स्वर्णिम उम्मींदों का सूर्य हमारे जीवन में आशा, आस्था, अध्यात्म, अवसर, अपनेपन के अमृत का संचार हो, जीवन में आलोक फैलाएं। इन्हीं उज्जवल भविष्य की उम्मींदों के साथ अपने आराध्य के दर्शनों के साथ नए साल की शुरुआत करने वाले भक्तों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पूर्व के सालों को देखते हुए कहा जा सकता है इस बार भी नए साल पर बाबा विश्वनाथ धाम में तकरीबन 6 से 7 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन-पूजन करेंगे। जबकि पिछले साल यह संख्या 4 लाख के आसपास थी। स्वर्वेद मंदिर में भी 6 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे।
गंगा आरती में पहुंचे तीन लाख से ज्यादा भक्त
वैसे तो विश्वप्रसिद्ध
गंगा आरती में पूरे
साल भारी भीड़ होती
है लेकिन इन दिनों हाल
कुछ ज्यादा अलग है। साल
का आखिरी रविवार था और दशाश्वमेध
घाट पर आस्था का
समंदर उमड़ा दिखाई दिया। तीन लाख से
ज्यादा भीड़ घाट पर
पहुंची और गंगा आरती
देखी। अनुमान है कि भीड़
अभी और भी बढ़ेगी
और प्रशासन इसके लिए तैयारी
भी कर चुका है।
बाबा धाम में 3 जनवरी तक स्पर्श दर्शन पर रोक
नए साल के
मौके पर भारी भीड़
को देखते हुए काशी विश्वनाथ
मंदिर प्रशासन ने दर्शन पूजन
के लिए गाइडलाइन जारी
की है. नए गाइडलाइन
के मुताबिक 31 दिसंबर से 3 जनवरी तक
स्पर्श दर्शन पर प्रतिबंध रहेगा।
इस दौरान सभी श्रद्धालु बाबा
का झांकी दर्शन कर सकेंगे. बता
दें, इस बार काशी
विश्वनाथ मंदिर में नव वर्ष
पर रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के
आने की संभावना जताई
जा रही है, ऐसे
में मंदिर प्रशासन की तरफ से
श्रद्धालुओं के सुलभ दर्शन
और भीड़ को नियंत्रित
करने के लिए निर्धारित
समय अवधि तक बाबा
के स्पर्श दर्शन पर रोक लगाई
गई है. काशी विश्वनाथ
मंदिर के मुख्य कार्यपालक
अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा का
कहना है कि नव
वर्ष 2025 शुरुआती दिनों में बड़ी संख्या
में श्रद्धालुओं के बाबा काशी
विश्वनाथ के दर्शन के
लिए पहुंचने वाले हैं. इस
मौके पर मंदिर प्रशासन
प्रत्येक श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत
करने के साथ-साथ
यह भी आश्वस्त करना
चाहता है, सभी श्रद्धालुओं
के सुगम दर्शन के
लिए मंदिर प्रशासन पूरी तरह तत्पर
रहेगा.
3 साल में 19,12,83,057 श्रद्धालु किए दर्शन
काशी विश्वनाथ मंदिर
के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने
बताया कि 13 दिसंबर 2021 से लेकर इस
वर्ष 13 दिसंबर 2024 पूर्ण होने पर कुल
19 करोड़ 12.लाख 83 हजार 57 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं.
प्रमुख तिथि त्योहार पर
बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर
में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं
की संख्या रोजाना 3 लाख से ऊपर
होती है, ऐसे में
नव वर्ष के शुरुआती
दिनों में संभावना जताई
जा रही है कि
बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा
काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने
के लिए पहुंच सकते
हैं.
मंदिर में रहेगी विशेष सुरक्षात्मक व्यवस्था
काशी विश्वनाथ मंदिर
में नए साल पर
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
को देखते हुए प्रशासन ने
विशेष व्यवस्था की है। मंदिर
में दर्शन और पूजा के
लिए आने वाले भक्तों
के लिए प्रवेश और
निकासी के लिए अलग-अलग रास्ते निर्धारित
किए गए हैं। इस
नई व्यवस्था का उद्देश्य मंदिर
परिसर में भीड़ प्रबंधन
को सरल बनाना और
दर्शन प्रक्रिया को सुगम बनाना
है।
प्रवेश और निकासी के लिए बनेंगे नए मार्ग
आम
दिनों में मंदिर में
ढुंढिराज द्वार और सरस्वती फाटक
से प्रवेश और निकास दोनों
होता है। लेकिन पहली
जनवरी से इन गेटों
से केवल प्रवेश की
अनुमति होगी। श्रद्धालु जो ढुंढिराज द्वार
से प्रवेश करेंगे, वे नंदू फारिया
गली से बाहर निकलेंगे।
वहीं, सरस्वती फाटक से प्रवेश
करने वाले दर्शनार्थी कालिका
गली से बाहर जाएंगे।
गंगा द्वार की ओर जिक-जैक बैरिकेडिंग भी
बढ़ाई जाएगी ताकि भीड़ को
नियंत्रित किया जा सके।
ट्रैफिक प्रबंधन
भीड़ प्रबंधन और
सुरक्षा के लिए प्रशासन
ने काशी विश्वनाथ मंदिर,
काल भैरव मंदिर, संकट
मोचन मंदिर और बीएचयू के
काशी विश्वनाथ मंदिर सहित अन्य प्रमुख
स्थलों पर 45 सुरक्षा पॉइंट बनाए हैं। इन
पॉइंट्स पर पुलिस बल
तैनात रहेगा और ट्रैफिक प्रबंधन
सुनिश्चित किया जाएगा। काल
भैरव मंदिर क्षेत्र में 11 और संकट मोचन
मंदिर के लिए 8 सुरक्षा
पॉइंट बनाए गए हैं।
बीएचयू परिसर में स्थित काशी
विश्वनाथ मंदिर के लिए 6 सुरक्षा
पॉइंट्स तय किए गए
हैं। यहां अतिरिक्त पुलिस
बल और फोर्स की
व्यवस्था की गई है।
दुर्गाकुंड क्षेत्र में भी सुरक्षा
बल बढ़ाया गया है।
बैरिकेडिंग और डायवर्जन
शहर में भीड़
को नियंत्रित करने के लिए
मैदागिन चौराहा, गोदौलिया, दशाश्वमेध, सोनारपुरा, अस्सी चौराहा, लहुराबीर और अन्य प्रमुख
स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाई
गई है। सारनाथ और
चौबेपुर क्षेत्रों में भी ट्रैफिक
डायवर्जन लागू किया गया
है। सारनाथ में म्यूजियम और
बौद्ध मंदिर मार्ग पर वाहनों की
आवाजाही रोक दी जाएगी।
पांच सेक्टरों में बंटा शहर
काशी विश्वनाथ धाम
और आसपास के क्षेत्र को
पांच सेक्टरों में बांटकर निगरानी
की जाएगी। यहां 47 सुरक्षा पॉइंट बनाए गए हैं।
सुरक्षा में क्यूआरटी, पीएसी
और एनडीआरएफ की टीमें शामिल
रहेंगी। अस्सी घाट और अन्य
प्रमुख स्थानों पर महिला और
पुरुष पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस
में तैनात किया गया है।
यह नई व्यवस्था काशी
विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं
को नए साल पर
सुगम और सुरक्षित दर्शन
का अनुभव प्रदान करने के लिए
बनाई गई है। इसके
अलावा सावन महीने के
सोमवार की तरह ही
मैदागिन से गोदौलिया मार्ग
को भी नो व्हीकल
जोन में बदला जाएगा,
ताकि देशभर से आने वाले
श्रद्धालुओं को बाबा के
दर्शन पूजन में कोई
परेशानी न हो.
मंदिर में मिलेंगी सुविधाएं
धाम क्षेत्र में
श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध
पेय जल की व्यवस्था
जगह जगह होगी. इसके
अलावा मेडिकल कैंप 24 घंटे डॉक्टर की
टीम भी उपलब्ध रहेगी,
जो किसी भी इमरजेंसी
में यहां आने वाले
श्रद्धालुओं को प्राथमिक चिकित्सा
मुहैया कराएगी.
आरती और दर्शन की बुकिंग फुल
श्री काशी विश्वनाथ
धाम में आरती, दर्शन
और रुद्राभिषेक की बुकिंग 27 जनवरी
तक पूरी तरह से
फुल हो चुकी है.
31 दिसंबर से 2 जनवरी तक
सभी टिकटों की बुकिंग पर
रोक लगा दी गई
है. यह पहला मौका
है जब धाम बनने
के बाद चारों प्रहर
की आरती, सुगम दर्शन और
रुद्राभिषेक की बुकिंग महीने
भर के लिए फुल
हो गई है. बता
दें, मंदिर में श्रद्धालुओं की
भीड़ दिसंबर के आखिरी सप्ताह
में अचानक बढ़ गई है.
21 दिसंबर को 1.80 लाख, 22 दिसंबर को दो लाख,
23 दिसंबर को डेढ़ लाख,
24 दिसंबर को 1.75 लाख और 25 दिसंबर
को 1.90 लाख श्रद्धालुओं ने
दर्शन किए. 27 दिसंबर को यह संख्या
2.70 लाख से भी अधिक
हो गई. वर्ष के
अंतिम दिन और नए
साल के अवसर पर
श्रद्धालुओं की संख्या 6 से
7 लाख तक पहुंचने का
अनुमान है.
महाकुंभ के दौरान काशी में 10
करोड़ भक्तों के पहुंचने का अनुमान
प्रयागराज में महाकुंभ के
दौरान काशी आने वाले
श्रद्धालुओं के लिए गंगा
स्नान के दौरान सुरक्षा
के खास इंतजाम रहेंगे।
इसके मद्देनजर कमिश्नरेट की जल पुलिस
के पास जल्द ही
अपना फ्लोटिंग डिवाइडर होगा। इस क्रम में
3000 मीटर लंबी वाटर बैरिकेडिंग
और 3000 मीटर लंबा सेफ्टी
नेट खरीदा जाएगा। काशी में देव
दीपावली जैसे बड़े आयोजन
पर गंगा में लेन
बनाने के लिए अब
तक प्रयागराज से फ्लोटिंग डिवाइडर
मंगवाए जाते थे। प्रयागराज
के महाकुंभ के दौरान प्रशासन
का अनुमान है कि तकरीबन
10 करोड़ श्रद्धालु काशी आएंगे। इसके
अलावा मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि,
छठ, पूर्णिमा-अमावस्या, सूर्य-चंद्र ग्रहण जैसे अवसरों पर
काशी में गंगा स्नान
के लिए लाखों श्रद्धालुओं
का हुजूम उमड़ता है। इसे देखते
हुए शासन स्तर से
कमिश्नरेट की जल पुलिस
के लिए स्थायी रूप
से फ्लोटिंग डिवाइडर खरीदने का निर्णय लिया
गया है। इस क्रम
में शासन स्तर से
तीन करोड़ 63 लाख 75 हजार रुपये की
धनराशि स्वीकृत की गई है।
दिसंबर में बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या
पौष के महीने
में शिव की नगरी
में सावन की तरह
ही श्रद्धालुओं की भीड़ है।
दिसंबर के 27 दिन में ही
43.91 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ
के दर्शन किए हैं। दिसंबर
के अंतिम सप्ताह में औसतन रोजाना
1.75 लाख से ज्यादा श्रद्धालु
बाबा विश्वनाथ के दर्शन के
लिए पहुंच रहे हैं। पिछले
चार साल के आंकड़ों
से तुलना करें तो श्री
काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं
की संख्या में बढ़ोतरी हुई
है। इस दिसंबर में
बनेगा श्रद्धालुओं के आने का
नया रिकॉर्ड : दिसंबर 2021 में 48.42 लाख, दिसंबर 2022 में
37.57 लाख और दिसंबर 2023 में
49.15 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए
हैं। दिसंबर 2024 के 27 दिन में ही
श्रद्धालुओं की संख्या 43.91 लाख
पहुंच गई है। यह
संख्या चार दिन में
50 लाख से ज्यादा हो
सकती है।
नयी व्यवस्था लागू
दिसंबर के अंतिम सप्ताह
में श्रद्धालुओं की भीड़ को
देखते हुए ही विश्वनाथ
मंदिर प्रशासन ने पांच दिन
पहले ही सावन के
प्रोटोकॉल लागू कर दिए
हैं। स्पर्श दर्शन बंद है। दैनिक
पास निरस्त कर दिए गए
हैं। इसलिए श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ
के झांकी दर्शन करके गर्भगृह के
बाहर से ही जल
अर्पित किए। श्रद्धालुओं के
लिए प्रवेश द्वार से मंदिर चौक
तक जिगजैग बैरिकेडिंग लगाई गई है।
ऐसी ही बैरिकेडिंग सावन
में लगाई गई थी।
स्टील
और
जिग-जैग
बैरिकेडिंग
की
व्यवस्था।
बैग,
मोबाइल
फोन,
एक्सेसरीज,
पेन,
कंघी
पर
पूरी
तरह
से
प्रतिबंध
माला,
फूल,
प्रसाद,
गंगाजल
और
दूध
के
अलावा
कोई
भी
सामान
ले
जाने
पर
प्रतिबंध
धाम
में
नहीं
मिलेगी
लॉकर
की
सुविधा
प्रवेश
और
निकास
के
रास्तों
पर
बोर्ड
लगाए
जाएंगे
मैदागिन
से
गोदौलिया
चौराहे
तक
नो
व्हीकल
जोन
श्रद्धालुओं
के
लिए
मंदिर
परिसर
में
इमरजेंसी
इलाज
खोया-पाया
केंद्र,
पुलिस
सहायता
केंद्र
बना
पर्याप्त लाउड हेलर और लाउडस्पीकर की व्यवस्था
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