Friday, 7 February 2025

महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या 40.5 करोड़ के पार, 50 करोड़ डूबकी लगाने का अनुमान

महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या 40.5 करोड़ के पार, 50 करोड़ डूबकी लगाने का अनुमान  

आम और खास, अमीर और गरीब, उच्च और निम्न सभी वर्ग एक साथ कर रहे स्नान 

बसंत पंचमी के बाद भी नहीं कम हो रही जन आस्था, स्नान को देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु

तीनों अमृत स्नान के बाद भी कम नहीं हुआ उत्साह, साधु-संत, श्रद्धालु, कल्पवासी और गृहस्थ कर रहे संगम स्नान

सुरेश गांधी 

महाकुम्भ नगर। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है। इसी क्रम में शुक्रवार तक महाकुम्भ में स्नानार्थियों की संख्या ने 40.5 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। शुक्रवार को सुबह 10 बजे तक 42.07 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगायी, जबकि सयायंकाल यह आंकड़ा 77.60 लाख तक पहुंच गयी। इसके साथ ही महाकुम्भ में स्नानार्थियों की कुल संख्या 40.5 करोड़ पार हो गई। स्नानार्थियों में 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश-विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे। अभी महाकुम्भ को 19 दिन शेष है और पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की संख्या 50 करोड़ के पार जा सकती है।

प्रयागराज में तीनों अमृत स्नान (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी) के बाद भी श्रद्धालुओं स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। पूरे देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन लाखों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। बसंत पंचमी के अंतिम अमृत स्नान पर्व के बाद भी करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान को पहुंच रहे हैं। यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई, इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी।

ये लोग अब तक लगा चुके हैं डुबकी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ (मंत्रिमंडल समेत) संगम में डुबकी लगा चुके हैं। इसके अलावा प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल, हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, श्रीपद नाइक, बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी, राज्य सभा सांसद सुधा मूर्ति, असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे, गोरखपुर के सांसद रवि किशन, हेमा मालिनी, पूर्व सांसद दिनेश लाल यादवनिरहुआ’, बॉलीवुड एक्ट्रेस भाग्यश्री, अनुपम खेर, मिलिंद सोमण, ओलम्पिक मेडलिस्ट साइना नेहवाल, एक्ट्रेस से किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी, प्रख्यात कवि कुमार विश्वास, क्रिकेटर सुरेश रैना, अन्तरराष्ट्रीय रेसलर खली, कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा, बॉलीवुड एक्ट्रेस ईशा गुप्ता के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद भी संगम में स्नान कर चुके हैं। आगामी 10 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी संगम में पावन डुबकी लगाने आएंगी।

शॉर्ट सर्किट से शिविर में लगी

आग, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू

इस्कॉन क्षेत्र में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी, जिससे 20 से 22 टेंट जल गए। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। दमकलकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई कर आग को फैलने से रोक लिया। घटना की जानकारी मिलते ही उत्तरी झूसी के जोनल पुलिस ऑफिसर, एडिशनल एसपी सर्वेश कुमार मिश्रा, स्थानीय पुलिस और मेला मजिस्ट्रेट भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।

महानिदेशक प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने सूचना एवं

प्रसारण मंत्रालय की  प्रदर्शनी का किया अवलोकन

आकाशवाणी की महानिदेशक प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने शुक्रवार को महाकुंभ मेले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का अवलोकन किया।जनभागीदारी से जनकल्याणथीम पर आधारित इस प्रदर्शनी में पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार की उपलब्धियों, योजनाओं और कार्यक्रमों को डिजिटल माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। महानिदेशक ने इस प्रदर्शनी को पौराणिकता और

आधुनिकता का अद्भुत संयोजन बताते हुए कहा कि श्रद्धालुओं को केंद्र सरकार की जनहितकारी योजनाओं के बारे में रोचक तरीके से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने पीएम इंटर्नशिप, प्रकाशन विभाग और एनडीआरएफ के स्टालों का भी निरीक्षण किया। इससे पूर्व, सेक्टर 4 स्थित आकाशवाणी और दूरदर्शन के अस्थायी केंद्र का दौरा कर उन्होंने महाकुंभ से जुड़े रेडियो और टीवी प्रसारण की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महाकुंभ की कवरेज व्यापक और प्रभावी होनी चाहिए, जिससे देशभर के श्रोता और दर्शक इससे जुड़े रह सकें। उन्होंने आकाशवाणी के विशेष एफएम चैनलकुंभवाणी’ (103.5 मेगाहर्ट्ज) की सराहना करते हुए कहा कि यह श्रद्धालुओं तक महाकुंभ की हर जानकारी पहुंचाने का प्रभावी माध्यम बना है। महानिदेशक ने बताया कि अमृत स्नान के दौरान कुंभवाणी पर विशेष कमेंट्री प्रसारित की गई, जिससे श्रद्धालु महाकुंभ की गतिविधियों से जुड़े रहे। उन्होंने यह भी कहा कि एफएम रेडियो के प्रसारण को महाकुंभ के पब्लिक एड्रेस सिस्टम से जोड़ा गया है, जिससे मेले में उपस्थित श्रद्धालुओं को तत्काल जानकारी मिल रही है। इसके बाद, उन्होंने महाकुंभ मेला क्षेत्र स्थित मीडिया सेंटर का भी दौरा कर पत्रकारों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया।

सांस्कृतिक संध्या में भक्तिरस की बही

सरिता, कलाग्राम में झूमे श्रद्धालु

महाकुंभनगर के सेक्टर 7 स्थित कलाग्राम में भक्ति और लोक संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। प्रख्यात गायिका डॉ. सुष्मिता झा की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी। उनके भजनोंअच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरं राम...”, “हे जग पालक हे लक्ष्मी पतिऔरशिव हो उतरब पर कओन विधिने आध्यात्मिक वातावरण में भक्ति की बयार बहा दी। कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ के दुष्यंत द्विवेदी द्वारा पंडवानी गायन से हुई, जिसमें उन्होंने महाभारत के प्रसंगों को अपनी अनूठी शैली में प्रस्तुत किया।

इसके बाद मध्य प्रदेश के अभिलाष चौबे एवं दल ने बधाई नृत्य से समां बांधा। महाराष्ट्र के शेखर निरंजन भाकरे एवं दल ने सोंगी भारुड नृत्य, जम्मू-कश्मीर की रशिका कौल एवं दल ने कश्मीरी पंडित लोकनृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उत्तराखंड के जितेंद्र बलोनी एवं साथी कलाकारों ने भड़िया चोफुला नृत्य के माध्यम से मां पार्वती के शिव को प्रसन्न करने के प्रयास को जीवंत किया। राजस्थान की दुर्गा देवी दल ने प्रसिद्ध तेराताली नृत्य प्रस्तुत किया। असम के पद्मश्री द्रोणा द्वारा देवधानी नृत्य और आंध्र प्रदेश के पिली मेंटराजू द्वारा गरागालु नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां भी दर्शकों को खूब भायीं। इसके अलावा, श्रीराम भारतीय कला केंद्र ने रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर किया, जबकि झूंसी सांस्कृतिक मंच ने लोकनाट्य बहरुपिया का मंचन कर लोकसंस्कृति को जीवंत किया। इस अवसर पर केंद्र के प्रभारी निदेशक आशिष गिरि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं कलाग्राम के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

संन्यासी अखाड़ों की नई विधायिका का चयन 

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ से अखाड़ों के विदा होने का सिलसिला शुरू हो गया है। महाकुम्भ के सेक्टर 20 में बनाए गए अखाड़ा क्षेत्र में प्रमुख शैव अखाड़ों ने अपनी रवानगी के पूर्व संपादित होने वाली परम्परा और प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। इसी के अंतर्गत अखाड़े में पंच परमेश्वर या नई विधायिका का चुनाव भी किया गया। महाकुम्भ से विदा होने के पूर्व अखाड़ों में अपने नए पंच परमेश्वर या विधायिका की परम्परा है। प्रयागराज महाकुम्भ में भी इसका निर्वाह करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी ने अपनी नई विधायिका का चयन कर लिया। श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी जी का कहना है श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी अखाड़े में 8 श्री महंत और 8 उप महंत का चयन किया है। छावनी में धर्म ध्वजा के नीचे नए पंच परमेश्वर का चुनाव सम्पन्न हुआ। इस महाकुम्भ में जिन आठ श्री महंत का चयन किया गया है उसमें श्री महंत रविंद्र पुरी जी, श्री महंत रमेश गिरी जी, श्री महंत बंशी पुरी जी, श्री महंत विनोद गिरी जी, श्री महंत मृत्युंजय भारती जी, श्री महंत मनोज गिरी, श्री महंत प्रेम पुरी जी और श्री महंत गंगा गिरी जी शामिल हैं। इसी तरह जिन संतो को उप महंत या कारवारी का चयन हुआ है उसमें दिगम्बर शिव पुरी जी, दिगम्बर रवि गिरी जी, विश्वनाथ पुरी जी, रमाशंकर गिरी जी, मनसुख गिरी हो ब्रह्म नारायण पुरी जी और उमाशंकर गिरी जी शामिल हैं। पुरानी विधायिका के स्थान पर अब यह नई विधायिका अगले कुम्भ तक जिम्मेदारी संभालेगी।

काशी के लिए नए पंच परमेश्वर का प्रस्थान

श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संतों ने काशी प्रस्थान के पहले प्रस्थान की अपनी अनुष्ठान की परम्परा का निर्वाह किया। अनुष्ठान के बाद धर्म ध्वजा की तनियां ढीली कर दी गई। अखाड़े के देवता की पूजा की गई। इसके पूर्व अखाड़े के सर्वोच्च पदाधिकारियों का चुनाव हुआ। अखाड़े के सचिव महंत जमुना पुरी बताते हैं कि पंच परमेश्वर काशी के लिए प्रस्थान कर गया है। अखाड़े का पंच परमेश्वर बाबा विश्वनाथ की अंतरग्रही पंचकोसी परिक्रमा करने के बाद महा शिव रात्रि में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे। इसके पश्चात सभी संत अपने अपने स्थान के लिए रवाना हो जायेंगे।

महाकुम्भ में दिख रही सनातन संस्कृति

की एकता : आरिफ मो. खान

महाकुम्भ पहुंचे बिहार के राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को संगम भ्रमण के दौरान भारत की सनातन संस्कृति को महान बताया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में सनातन संस्कृति की एकता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। अपने प्रयागराज दौरे के दूसरे दिन आरिफ मो. खान ने कहा, भारत की सनातन संस्कृति का मूल आदर्श एकात्मता है, जहां सभी भेद समाप्त हो जाते हैं। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि यदि हम किसी भी मानव को उनके दिव्य रूप में देखें, तो हमें यह अहसास होगा किमानव ही माधव का स्वरूप है राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि महाकुम्भ में आकर यह स्पष्ट होता है कि भारत की संस्कृति और परंपरा मानवता को जोड़ने का कार्य करती है। यहां मौजूद लोग एक-दूसरे को भले ही जानते हों, लेकिन फिर भी सब एकजुट होकर इस आयोजन में भाग ले रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विरासत, आदर्श और मूल्यों को जीवंत रखना आवश्यक है। यही वे मूल्य हैं, जो हमारे समाज को एकसूत्र में बांधते हैं और समरसता की भावना को मजबूत करते हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने महाकुंभ

को बताया दिव्य और अविस्मरणीय

केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने शुक्रवार को परिवार सहित संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस अवसर पर उन्होंने महाकुंभ की दिव्यता और विशालता की सराहना करते हुए कहा कि यह एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव है, जो जीवनभर स्मरणीय रहेगा। संगम स्नान के बाद अपनी अनुभूति साझा करते हुए उन्होंने कहा कि महाकुंभ में परिवार सहित संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त हुआ, यह एक अविस्मरणीय पल है। इतने करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए व्यापक स्तर पर की गई व्यवस्थाएं अद्भुत हैं। उन्होंने महाकुंभ में प्रधानमंत्री की हालिया उपस्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश-विदेश से श्रद्धालु इस महापर्व का साक्षी बनने रहे हैं।

 

No comments:

Post a Comment

भविष्य की पुलिस तैयार — वाराणसी से नई पीढ़ी को गढ़ने की शुरुआत

भविष्य की पुलिस तैयार — वाराणसी से नई पीढ़ी को गढ़ने की शुरुआत डीजीपी राजीव कृष्ण ने वाराणसी में जेटीसी प्रशिक्षण का क...