निजीकरण से बिजली के दाम में हो जायेगी तीन गुना वृद्धि : नीरज बिन्द
यदि बिजलीकर्मियों
का
उत्पीड़न
किया
गया
तो
न
सिर्फ
देशव्यापी
आंदोलन
होगा,
बल्कि
समिति
जनता
के
बीच
निजीकरण
की
खामियां
को
उजागर
करेगी
वे उपभोक्ताओं
को
निजीकरण
के
नुकसान
और
बिलों
पर
पड़ने
वाले
प्रभाव
के
बारे
में
जानकारी
देंगे
विभाग द्वारा
तय
किये
गये
यार्ड-स्टिक
के
अनुसार
या
मानक
के
अनुसार
संसाधन
एवं
मानव
बल
के
उपलब्ध
न
होने
से
एवं
प्रबधन
के
द्वारा
तरह-तरह
के
फिजूल
खर्च
पर
नियंत्रण
न
करने
से
राजस्व
गेप
में
वृद्धि
हुयी
है
सुरेश गांधी
वाराणसी। निजीकरण के खिलाफ बिजली
कर्मचारियों का आंदोलन थमने
का नाम नहीं ले
रहा है। बुधवार को
भी राज्य विधुत परिषद जूनियर इंजीनियर संघठन वाराणसी क्षेत्र के प्रथम व
द्वितीय के मुख्य अभियंता
वाराणसी कार्यालय के प्रांगण में
दो दिवसीय धरना प्रदर्शन किया
गया। इस दौरान कर्मचारियों
ने निर्णय लिया कि यदि
बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न किया
गया तो न सिर्फ
देशव्यापी आंदोलन होगा, बल्कि समिति जनता के बीच
निजीकरण की खामियां को
उजागर करेगी। साथ ही बताया
गया कि निजीकरण होने
से किसानों और आम उपभोक्ताओं
के लिए बिजली के
दाम कम से कम
तीन गुना बढ़ जाएंगे।
खास यह है कि
इस विधुत सुधार गोष्ठी में वाराणसी, जौनपुर,
गाज़ीपुर, चंदौली के समस्त अवर
अभियंता व प्रोन्नत अभियंता
मौजूद रहे।
गोष्ठी में बताया गया
कि बिजली निगम के अभियंता
और कर्मचारी निजीकरण के दुष्प्रभावों से
जनता को अवगत कराने
के लिए आज से
अभियान चलाएंगे। वे उपभोक्ताओं को
निजीकरण के नुकसान और
बिलों पर पड़ने वाले
प्रभाव के बारे में
जानकारी देंगे। वे लोगों तक
पहुंचकर उन्हें बताएंगे कि कैसे बिजली
कंपनियों का निजीकरण उपभोक्ताओं
के लिए नुकसानदेह साबित
हो सकता है और
इससे उनके बिजली बिलों
पर क्या असर पड़ेगा।
इसके साथ ही कर्मचारियों
ने इस मुद्दे पर
आंदोलन को और तेज
करने की चेतावनी दी
है।
सभा को सम्बोधित करते हुए पूर्वांचल सचिव नीरज बिन्द द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा तय किये गये यार्ड-स्टिक के अनुसार या मानक के अनुसार संसाधन एवं मानव बल के उपलब्ध न होने से एवं प्रबधन के द्वारा तरह-तरह के फिजूल खर्च पर नियंत्रण न करने से राजस्व गेप में वृद्धि हुयी है। समय रहते यदि इन सुधार कार्यक्रम चला कर सरकारी तंत्र में रखते हुये भी निजी व्यवस्था की अपेक्षा बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विधुत विभाग निजीकरण से किसान, कर्मचारीयों और छात्रों का भविष्य अंधकार में ढकेला जा रहा है।
साथ ही एक
सामाजिक असंतुलन उत्पन्न करने का प्रयास
किया जा है। उन्हों///;;;;;;;;00000bने
बताया कि निजीकरण से
उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ
बढ़ेगा, रोजगार की अनिश्चितता बढ़ेगी
और सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित
होगी। निजी कंपनियां केवल
अपने लाभ के बारे
में सोचती हैं, जबकि सरकार
की जिम्मेदारी जनता का कल्याण
करना है। उन्होंने चेतावनी
दी है कि यदि
निजीकरण के विरोध में
आंदोलन कर रहे बिजलीकर्मियों
का उत्पीड़न किया गया, तो
पूरे देश के करोड़ों
कर्मचारी आंदोलन करने के लिए
मजबूर हो जाएंगे। जबकि
कर्मचारी निर्बाध विधुत व्यवस्था को बेहतर बनाने
के लिये जनता को
सस्ती व सुविधाजानक बिजली
उपलब्ध कराये जाने के लिये
संकल्पबद्ध है।
वक्ताओ की कड़ी मे केंद्रीय उपमहासचिव दीपक गुप्ता ने बताया कि ऊर्जा प्रबंधन पूजीपतियों को लाभ पहुंचाने के मंशा के अनुरूप कार्य कर रहा है, विभाग के बेहतरी के लिए कोई कार्य नहीं कर रहा है। सभा अध्यक्ष पंकज जायसवाल ने बताया कि निजीकरण किसी भी दशा मे स्वीकार नहीं किया जायेगा, चाहे इसके लिए केंद्र को जिस स्तर तक लड़ाई लड़नी पड़े लड़ा जायेगा। साथ ही प्रबंधन को चेतावनी दिया कि जल्द से जल्द निजीकरण की प्रक्रिया पर विराम लगाया जाये अन्यथा कि स्थिति में संगठन वृहद स्तर पर आंदोलन को बाध्य होगा।
सभा में मौजूद सभी सदस्यों ने एक स्वर मे निजीकरण का विरोध किया तथा विभाग को निजीकरण से बचाने एवं बेहतर विधुत उपभोक्ता सेवा देने का संकल्प लिया। साथ ही निजीकरण के विरोध में किसी भी स्तर तक विरोध करने का निर्णय लिया गया।बैठक का संचालन
क्षेत्रीय संचिव इं रवि कुमार
चौरसिया ने किया। जबकि
अध्यक्षता क्षेत्रिय अध्यक्ष इं पंकज जायसवाल
ने किया। विरोध सभा में चारों
जनपदो के सभी सदस्यो
ने अपने विचार रखे।
सभा में मुख्य रूप
से इं नीरज बिन्द,
इं पंकज जायसवाल, इं
रोहित कुमार, इं रवि कुमार
चौरसिया, इं दीपक गुप्ता,
इं अनिल शुक्ला, इं
विपिन गुप्ता, इं सियाराम यादव,
इं उपेंद्र कुमार, इं मिथलेश यादव,
इं प्रमोद यादव, इं रामाशीष, इं
इंद्रजीत पटेल, इं अभिषेक केसरवानी,
इं इंद्रजीत सिंह, इं रितेश कुमार
निषाद, इं दीपू, इं
विनम्र पटेल, इं सतीश बिन्द,
इं अमित कुमार श्रीवास्तव,
इं दीनदयाल, इं अनूप कुमार,
इं शिवजीत यादव, इं कुलदीप यादव,
इं योगेंद्र, इं शशिकांत पटेल,
इं नागेन्द्र कुमार, इं घनश्याम आदि
जनपद के सभी प्रोनत
अभियंता एवं अवर अभियंता
मौजूद रहे।
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