बिजलीकर्मियों का धरना-प्रदर्शन, कार्य बहिस्कार की चेतावनी
मांगे पूरी
होने
तक
अब
होगी
आर-पार
की
लड़ाई,
जारी
रहेगा
आदोलन
सुरेश गांधी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. यह आंदोलन अब उग्र होता जा रहा है. बिजली कर्मचारी राज्य विधुत परिषद जूनियर इंजीनियर संघठन के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन में बिजली कर्मचारी और अभियंता संगठन शामिल हैं. गुरुवार को भी दुसरे दिन वाराणसी क्षेत्र प्रथम व द्वितीय के मुख्य अभियंताओं ने कार्यालय के प्रांगण में जबरदस्त धरना-प्रदर्शन किया।
केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार दो
दिवसीय विधुत सुधार गोष्ठी के दूसरे दिन
भी पुरे जोश के
साथ कर्मचारी एकत्र हुए। जिसमें वाराणसी,
जौनपुर, गाज़ीपुर, चंदौली के सभी अवर
अभियंता व प्रोन्नत अभियंता
सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में
वर्तमान समय में ऊर्जा
प्रबधन द्वारा प्रस्तावित ऊर्जा विभाग के पीपीपी निजीकरण
के सम्बन्ध में पूरे दिन
विरोध सभा का कार्यक्रम
किया गया। साथ ही
निर्बाध विधुत व्यवस्था को बेहतर बनाने
के लिये जनता को
सस्ती व सुविधाजानक बिजली
उपलब्ध कराये जाने के लिये
सभी को संकल्पबद्ध किया
गया।
सभा को सम्बोधित करते हुए अनिल शुक्ला द्वारा बताया गया कि प्रबंधन ने विभाग कि स्थिति अत्यंत दयनीय है। ये आईएएस चंद समय के लिए विभाग के शीर्ष पद पर बैठ कर नयी नयी योजनाए व ऐप ले आते है तथा कुछ दिनों मे वो सब योनजाये फेलर मैनेजमेंट के कारण उनकी योजनाए ठन्डे बस्ते मे चला जाती है।
विभाग द्वारा तय किये गये
यार्ड-स्टिक के अनुसार या
मानक के अनुसार संसाधन
एवं मानव बल के
उपलब्ध न होने से
एवं प्रबधन के द्वारा तरह-तरह के फिजूल
खर्च पर नियंत्रण न
करने से राजस्व गेप
में वृद्धि हुयी है। समय
रहते यदि इन सुधार
कार्यक्रम चला कर सरकारी
तंत्र में रखते हुये
भी निजी व्यवस्था की
अपेक्षा बेहतर बनाया जा सकता है।
साथ ही विधुत विभाग
निजीकरण से किसान, कर्मचारीयों
और छात्रों का भविष्य अंधकार
में ढकेला जा रहा है
तथा एक सामाजिक असंतुलन
उत्पन्न करने का प्रयास
किया जा है।
वक्ताओ की कड़ी मे
मुरलीधर ने बताया कि
ऊर्जा प्रबंधन पूजीपतियों को लाभ पहुंचाने
के मंशा के अनुरूप
कार्य कर रहा है,
विभाग के बेहतरी के
लिए कोई कार्य नहीं
कर रहा है। अध्यक्ष
पंकज जायसवाल ने बताया कि
निजीकरण किसी भी दशा
मे स्वीकार नहीं किया जायेगा,
चाहे इसके लिए केंद्र
को जिस स्तर तक
लड़ाई लड़नी पड़े लड़ा
जायेगा तथा प्रबंधन को
चेतावनी दिया कि जल्द
से जल्द निजीकरण की
प्रक्रिया पर विराम लगाया
जाये अन्यथा कि स्थिति में
संगठन अनिश्चित कालीन कार्यबहिष्कार को बाध्य होगा।
सभी सदस्यों ने एक स्वर
मे निजीकरण का विरोध किया
तथा विभाग को निजीकरण से
बचाने एवं बेहतर विधुत
उपभोक्ता सेवा देने का
संकल्प लिया। साथ ही निजीकरण
के विरोध में किसी भी
स्तर तक विरोध करने
का निर्णय लिया गया।
बैठक का संचालन
क्षेत्रीय संचिव इं रोहित कुमार
व अध्यक्षता क्षेत्रिय अध्यक्ष इं पंकज जायसवाल
ने किया। विरोध सभा में चारों
जनपदो के सभी सदस्यो
ने अपने विचार रखे।
आज की सभा में
मुख्य रूप से इं
नीरज बिन्द, इं पंकज जायसवाल,
इं रोहित कुमार, इं रवि कुमार
चौरसिया, इं दीपक गुप्ता,
इं अनिल शुक्ला, इं
विपिन गुप्ता, इं सियाराम यादव,
इं उपेंद्र कुमार, इं आनंद सिंह,
इं ज्योति भास्कर सिन्हा, इं रामाशीष, इं
इंद्रजीत पटेल, इं मनोज पटेल,
इं इंद्रजीत सिंह, इं रितेश कुमार
निषाद, इं दीपू, इं
विनम्र पटेल, इं सतीश बिन्द,
इं अमित कुमार श्रीवास्तव,
इं कमलेश प्रजापति, इं दिन दयाल,
इं गुलाब प्रजापति, इं शिव जीत
यादव, इं कुलदीप यादव,
इं प्रदीप सिंह, इं शशिकांत पटेल,
इं अनिल कुमार, इं
संजय कुमार, इं घनश्याम आदि
जनपद के सभी प्रोनत
अभियंता एवं अवर अभियंता
मौजूद रहे।
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