पं. दीन दयाल अस्पताल का ईएनटी विभाग बना तंदूर, 45 डिग्री में मरीजों की जांच कर रहे डॉक्टर
मंडलायुक्त के
आदेश
के
बाद
भी
नहीं
लगा
एसी,
डॉक्टर
ने
खुद
लगाया
कूलर,
वो
भी
फेल
सुरेश गांधी
वाराणसी। जहां एक ओर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने की बात कर रही है, वहीं ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के ईएनटी विभाग की यह स्थिति न सिर्फ डॉक्टरों और मरीजों के लिए संकट बन गई है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का एक उदाहरण भी बन चुकी है।
हाल यह है कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल का ईएनटी (कान-गला-नाक) विभाग इन दिनों भीषण गर्मी में तप रहा है। जहां अन्य विभागों में एसी की व्यवस्था है, वहीं इस विभाग में डॉक्टर और मरीज 45 डिग्री की झुलसाती गर्मी में पसीना बहा रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि डॉक्टर ने खुद के खर्चे से एक कूलर लगवाया है, लेकिन वह गर्म हवा फेंकने के अलावा कुछ नहीं कर रहा। ऐसे में मरीजों की जांच में समय लग रहा है और लक्षणों को बारीकी से समझने में भी बाधा उत्पन्न हो रही है, जो ईएनटी जैसी संवेदनशील विशेषज्ञता के लिए चिंता का विषय है।मंडलायुक्त ने दिया था एसी लगाने का निर्देश
करीब एक माह
पहले मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने
डीडीयू अस्पताल का औचक निरीक्षण
किया था। उस दौरान
उन्होंने ईएनटी विभाग की दयनीय हालत
देखी और तत्काल एसी
लगवाने का आदेश दिया
था। लेकिन अब तक आदेश
सिर्फ फाइलों तक सीमित है,
जमीनी हकीकत जस की तस
बनी हुई है।
मरीजों की हालत पस्त, डॉक्टर भी परेशान
डॉक्टर बोले : उपकरण भी गर्म होकर गड़बड़ाते हैं
नाम न छापने
की शर्त पर विभाग
के एक सीनियर डॉक्टर
ने बताया, “हमने अपने स्तर
पर कूलर लगवाया, लेकिन
गर्मी इतनी अधिक है
कि उससे कोई राहत
नहीं मिल रही। कई
बार मेडिकल उपकरण भी ओवरहीट होकर
सही से काम नहीं
करते। ऐसे में मरीजों
की जांच प्रभावित होती
है।“
एक कर्मचारी ने कहा, हम भी मजबूर हैं
विभाग में तैनात एक
कर्मचारी ने बताया, “मंडलायुक्त
के निर्देश के बाद लगा
था कि अब एसी
जल्द लग जाएगा, लेकिन
हर बार जवाब मिलता
है, ’फाइल आगे भेजी
है’। गर्मी से
हम भी परेशान हैं
लेकिन कर भी क्या
सकते हैं?“
प्रशासन ने कहा, जल्द होगी व्यवस्था
जब इस विषय
पर अस्पताल अधीक्षक से बात की
गई तो उन्होंने कहा,
“हमारे स्तर से प्रस्ताव
भेजा गया है, जल्द
ही एसी की व्यवस्था
कर दी जाएगी।“
जनता का सवाल, आदेश के बाद भी इंतजार क्यों?
स्थानीय लोगों का कहना है
कि जब अधिकारी आदेश
देते हैं, तो उन्हें
लागू करने में देरी
क्यों होती है? क्या
डॉक्टरों को बुनियादी सुविधाएं
देना भी अब फाइलों
में अटकता रहेगा?
डॉक्टर ने खुद लगाया कूलर, लेकिन गर्मी के आगे बेअसर
इस विभाग में
तैनात चिकित्सक ने खुद के
खर्च पर एक कूलर
लगवाया है, लेकिन आगरा
की भीषण गर्मी में
वह भी बेअसर साबित
हो रहा है। मरीजों
का कहना है कि
भीड़ और गर्मी से
परेशानी दोगुनी हो जाती है।
खासकर बुजुर्गों और बच्चों को
अधिक दिक्कत होती है। डॉक्टरों
का कहना है कि
गर्मी के कारण मरीजों
की ठीक से जांच
करना मुश्किल हो रहा है।
कई बार उपकरण भी
गर्मी से प्रभावित हो
जाते हैं। वहीं मरीजों
का कहना है कि
इतनी गर्मी में अंदर जाना
मुश्किल हो जाता है।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर उठते सवाल
इस स्थिति से
यह सवाल खड़ा हो
रहा है कि क्या
सरकारी अस्पतालों में विभागों के
बीच भी भेदभाव हो
रहा है? जब अन्य
विभागों में वातानुकूलित व्यवस्था
संभव है, तो ईएनटी
जैसे जरूरी विभाग को यह बुनियादी
सुविधा क्यों नहीं मिल रही?
No comments:
Post a Comment