Sunday, 4 May 2025

पूर्वांचल में धूल भरी आंधी व बारिश, गर्मी से मिली राहत

आज भी आंधी के बीच बारिश होने की संभावना, बारिश का येलो अलर्ट जारी 

पूर्वांचल में धूल भरी आंधी बारिश, गर्मी से मिली राहत 

40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ हो सकती है बौछारें

सुरेश गांधी

वाराणसी। पूर्वांचल के कई जिलों में रविवार को दोपहर में तेज आंधी के साथ कई क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। धूल भरी आंधी इतनी तेज थी कई के कच्चे निर्माणाधीन दीवार ढह गए। खास यह है कि 5 मई को भी आंधी के बीच बारिश होने की संभावना है। बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया गया है, जिसमें 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बौछारें शामिल हैं। धूल भरी आंधी और बिजली गिरने की आशंका के कारण लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर-पश्चिम भारत में आंधी-तूफान और हल्की बारिश से राहत मिलने की संभावना है, जबकि दक्षिणी और पूर्वी भारत में प्री-मॉनसूनी गतिविधियां तेज होंगी। मध्य भारत में गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा, लेकिन कुछ क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश हो सकती है

दैवीय आपदा प्रबन्धन जॉच समिति की बैठक

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की समीक्षा बैठक सर्किट हाउस सभागार में आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता समिति के सभापति अवनीश कुमार सिंह द्वारा की गयी। समिति सदस्य अंगद कुमार सिंह और पद्म सेन चौधरी, अरुण पाठक भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में समिति द्वारा माननीय पार्षद गण, प्रधान समूहों तथा एनडीआरएफ कर्मियों, राहत मित्रों के बीच आपदा प्रबंधन के बचाव हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें समिति के अध्यक्ष द्वारा कहा गया की आपदा के दौरान हमारा प्रथम प्रयास हो की कम से कम लोग इसके चपेट में आयें। बारिश से पहले सभी संबंधित विभाग लोगों के बीच जाकर जागरूकता हेतु कार्यशाला जरूर आयोजित करें। 

जिला प्रशासन समय-समय पर इसके जागरूकता हेतु पुस्तिकाएं उपलब्ध कराता रहे। आपदा के बाद कैसे तात्कालिक उपाय से चीजों को पुनः स्थापित किया जाये। हमारा प्रयास होना चाहिये की किस प्रकार हम ऐसे इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करें की जिससे लंबे समय तक हम आपदाओं से लोगों को बचा सकें। 24 घंटे के अंदर आपदा पीड़ित को मदद सुनिश्चित हो इसमें अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों के भी उचित सहयोग की अपेक्षा है। आपदा मित्र अपने कार्यों को लेकर तत्पर रहें। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने वज्रपात से होने वाली मृत्यु, दुर्घटना के तरफ भी ध्यान आकर्षित किया जिसमें उन्होंने बताया कि अधिकतर ऐसी दुर्घटना खेतों में होने की संभावना ज्यादे होती है। उन्होंने बताया की ऐसे दरम्यान पेड़ के नीचे जाएं, मोबाइल का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित करें, बिजलीके पोल के पास खड़े हों,  खुले खेत में बैठें, लेटे नहीं। चार पहिया के अंदर स्थित होने पर आप शीशे बंद करके कोई मेटल को नहीं छुएं। उन्होंने बताया कि घरों के अंदर भी इलेक्ट्रिक वस्तुओं का प्रयोग करते हुए, दरवाजे खिड़कियों को बंद रखना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन की पानी टंकियों, पंचायत भवनों इत्यादि पर इलेक्ट्रिक अरेस्टर लगाये जा रहे हैं।

 

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