“संचारी रोग नियंत्रण में किसी की लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त” – जिलाधिकारी
अंतरविभागीय टास्क
फोर्स
की
बैठक
में
हुआ
स्पष्ट
निर्देश
| 1 जुलाई
से
जिले
में
चलेगा
विशेष
संचारी
रोग
नियंत्रण
अभियान
सुरेश गांधी
वाराणसी। डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, टीबी सहित वेक्टर
जनित बीमारियों की रोकथाम के
लिए वाराणसी में 1 जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष संचारी
रोग नियंत्रण माह चलाया जाएगा।
अभियान की तैयारियों को
लेकर बुधवार को जिलाधिकारी सत्येंद्र
कुमार की अध्यक्षता में
कलेक्ट्रेट सभागार में अंतरविभागीय टास्क
फोर्स की बैठक आयोजित
हुई।
बैठक में जिलाधिकारी
ने स्वास्थ्य विभाग समेत सभी 13 विभागों
को सख्त निर्देश देते
हुए कहा कि “इस
अभियान में किसी भी
विभाग की लापरवाही क्षम्य
नहीं होगी।” सभी विभाग तीन
दिन के भीतर अपना
माइक्रोप्लान बनाकर प्रस्तुत करें और शत-प्रतिशत कार्य सुनिश्चित करें। उन्होंने नगर निगम और
ग्राम विकास विभाग को निर्देश दिए
कि जिले में कहीं
भी जलभराव या गंदगी न
होने पाए। शहरी व
ग्रामीण क्षेत्रों में फॉगिंग, एंटी-लार्वा छिड़काव, साफ-सफाई और
जल निकासी पर तत्काल कार्रवाई
की जाए। जिलाधिकारी ने
स्पष्ट किया कि अप्रैल
माह के अभियान में
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही सामने
आई थी, जिसे इस
बार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शहर की सीडीपीओ को
इस संबंध में पहले ही
कड़ी हिदायत दी जा चुकी
है।
11 जुलाई से दस्तक अभियान, घर-घर देंगे जागरूकता का संदेश
1 जुलाई से शुरू होने
वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान
के साथ ही 11 जुलाई
से ‘दस्तक अभियान’ शुरू होगा, जिसमें
आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
घर-घर जाकर लोगों
को जागरूक करेंगी। रोगियों की पूरी जानकारी
ई-कवच पोर्टल पर
अपलोड की जाएगी और
इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी
ने बताया कि अभियान के
तहत टीमें डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, टीबी सहित संक्रामक
रोगों के संभावित मरीजों
की पहचान करेंगी। सीएमओ ने स्टॉप डायरिया
नियंत्रण अभियान के बारे में
भी जानकारी दी, जो आगामी
दो माह तक चलेगा।
बैठक में एसीएमओ, जिला
मलेरिया अधिकारी, सभी ब्लॉकों के
चिकित्सा अधिकारी, सीडीपीओ, यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ के
प्रतिनिधि सहित कई विभागों
के अधिकारी मौजूद रहे।
सभी विभागों को मिले अहम निर्देश
खाद्य
विभाग : स्ट्रीट फूड, मिठाई दुकानों
और रेस्टोरेंट्स में खाद्य सामग्री
की गुणवत्ता की नियमित जांच।
शिक्षा
विभाग : स्कूलों में जनजागरूकता कार्यक्रम
आयोजित करें।
नगर
विकास, ग्राम्य विकास, पंचायती राज : मच्छरों की संख्या घटाने
हेतु नियमित फॉगिंग और सफाई अभियान।
ब्लॉक
स्तर : सभी बैठकों व
प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप
से अधिकारी व कर्मी उपस्थित
रहें।
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