’वोकल फॉर लोकल’ और डिजिटल राखियों का दबदबा
राखी पर बाजारों में दिखी रौनक, राष्ट्रप्रेम और लोकल राखियों की डिमांड
मोदी -योगी
राखी,
ऑपरेशन
सिंदूर
राखी,
जय
हिंद
राखी,
वंदे
मातरम
राखी
और
भारत
माता
की
जय
जैसे
नामों
वाली
राखियों
की
धूम
सुरेश गांधी
वाराणसी। रक्षाबंधन अब केवल भाई-बहन का त्योहार नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम, लोकल उद्यमिता, और पर्यावरण चेतना की सशक्त अभिव्यक्ति बन गया है। बाज़ार की रौनक, लोगों की भागीदारी और थीम आधारित राखियों की मांग यह साबित करती है कि परंपरा के साथ-साथ अब त्योहार भी अपने भीतर नई सामाजिक चेतना समेटे हुए हैं।
रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आते ही शहर के बाजारों में रौनक लौट आई है। भाई-बहन के अटूट प्रेम के इस पर्व को लेकर खरीदारी जोरों पर है। राखियों की सजी दुकानों पर बहनें अपने भाइयों के लिए सुंदर और अर्थपूर्ण राखियां चुन रही हैं। इस बार बाजारों में पारंपरिक राखियों के साथ-साथ इनोवेशन से भरपूर ‘थीम बेस्ड’ राखियां खास आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
शहर की गलियों से लेकर प्रमुख बाजारों तक, हर जगह एक उत्सवी माहौल है। दुकानदारों के चेहरे भी ग्राहकों की भीड़ देखकर खिल उठे हैं। इस बार रक्षाबंधन केवल एक पारंपरिक त्योहार भर नहीं, बल्कि ’आत्मनिर्भर भारत’ और ’राष्ट्रप्रेम’ की भावना को समर्पित हो चला है। बाजारों में मोदी - योगी राखी, ऑपरेशन सिंदूर राखी, जय हिंद राखी, वंदे मातरम राखी और भारत माता की जय जैसे नामों वाली राखियों की धूम मची है।
ये राखियां केवल सजावटी धागा नहीं, बल्कि देशभक्ति का संदेश लेकर आई हैं।इनोवेशन वाली
राखियों में इस बार
’डिजिटल राखी’, ’बीज राखी’, ’खादी
राखी’, ’बांस राखी’ और
’कस्टमाइज फोटो राखी’ जैसे
विकल्पों ने युवाओं को
खासा आकर्षित किया है।
ग्राहक अपने भाई की तस्वीर और नाम के साथ राखियां बनवा रहे हैं, जिससे भावनाओं को और गहराई मिल रही है।
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सरकारी सौगात : महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा
उत्तर प्रदेश सरकार ने रक्षाबंधन पर
महिलाओं के लिए रोडवेज
बसों में निःशुल्क यात्रा
की घोषणा की है। इससे
दूरदराज के इलाकों में
रहने वाली बहनों को
भाइयों तक पहुंचने में
सहूलियत मिलेगी। सरकारी निर्णय से आमजन में
सकारात्मक संदेश गया है।
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राखी के साथ मिठाई, चॉकलेट और उपहारों की भी धूम
राखी के साथ-साथ मिठाइयों, चॉकलेट और गिफ्ट की दुकानों पर भी ग्राहकों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
दुकानदारों ने भी त्योहार
को देखते हुए विशेष तैयारियां
की हैं। कई मिठाई
विक्रेताओं ने त्योहार-विशेष
पैकेजिंग और ऑफर्स की
शुरुआत की है जिससे
ग्राहकों को अधिक सुविधा
और उत्सव का अनुभव मिल
रहा है।
देश के हर कोने से खास राखियां
दिल्ली के बाजारों में
देशभर की पारंपरिक और
क्षेत्रीय राखियों ने अपनी खास
जगह बनाई है। इनमें
शामिल हैं - कोसा राखी (छत्तीसगढ़),
जूट राखी (कोलकाता), रेशम राखी (मुंबई),
खादी राखी (नागपुर), सांगानेरी राखी (जयपुर), बीज राखी (पुणे),
बांस राखी (झारखंड), चाय पत्ती राखी
(असम), मधुबनी राखी (बिहार), इन सबमें पारंपरिक
कला, स्थानीय संसाधनों और सांस्कृतिक विरासत
की झलक दिखाई देती
है।
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