उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी में ‘नाटकोट क्षेत्रम धर्मशाला’ का किया लोकार्पण
विश्वनाथ धाम
के
समीप
दक्षिण
भारत
की
भक्ति
परंपरा
से
जुड़ा
नया
अध्याय—सांस्कृतिक
एकता
और
श्रद्धा
का
संगम
बना
उद्घाटन
समारोह
उपराष्ट्रपति अपनी
धर्मपत्नी
के
साथ
श्री
काशी
विश्वनाथ
के
दर्शन-पूजन
किए
और
देश
की
समृद्धि
एवं
जनकल्याण
की
कामना
की
सुरेश गांधी
वाराणसी. काशी नगरी शुक्रवार
की शाम एक बार
फिर राष्ट्र और धर्म की
एकता के स्वर से
गूंज उठी, जब देश
के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन
और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने संयुक्त रूप
से श्री काशी नट्टुकोट्टई
नगर सत्रम प्रबंधन सोसाइटी द्वारा निर्मित नया सत्रम (धर्मशाला)
भवन का शुभारंभ किया।
सिगरा क्षेत्र स्थित नाटकोट क्षेत्रम परिसर दीपों की रौशनी और
तालियों की गूंज से
झिलमिला उठा।
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक
वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन
के साथ हुआ। इसके
पश्चात उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री ने
संयुक्त रूप से फीता
काटकर भवन का उद्घाटन
किया। इस दौरान पूरा
परिसर श्रद्धालु नागरिकों और दक्षिण भारतीय
समाज के सदस्यों से
खचाखच भरा रहा। उपराष्ट्रपति सी.पी.
राधाकृष्णन ने कहा कि
वाराणसी भारत की आत्मा
है—यहां हर ईंट
में संस्कृति, हर घाट में
अध्यात्म और हर हृदय
में भारत का सनातन
भाव प्रवाहित होता है। उन्होंने
दक्षिण भारत के श्रद्धालु
समुदाय द्वारा काशी में सेवा
और भक्ति के इस अद्भुत
प्रतीक ‘नाटकोट क्षेत्रम धर्मशाला’ के निर्माण को
देश की ‘एक भारत
श्रेष्ठ भारत’ भावना का जीवंत उदाहरण
बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
कहा कि काशी केवल
तीर्थ नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक
चेतना का केंद्र है।
यहां दक्षिण भारत के भक्तों
द्वारा निर्मित यह सत्रम उत्तर
और दक्षिण की भक्ति परंपराओं
को एक सूत्र में
बांधने वाला है। उन्होंने
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति
का स्वागत करते हुए कहा
कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व
में ‘नया काशी स्वरूप’
देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के
लिए प्रेरणा का केंद्र बन
गया है। कार्यक्रम के समापन के
बाद उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन अपनी धर्मपत्नी के
साथ श्री काशी विश्वनाथ
धाम पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा
विश्वनाथ के दर्शन-पूजन
किए और देश की
समृद्धि एवं जनकल्याण की
कामना की।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने लाल बहादुर
शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, बाबतपुर
पर स्वयं उपस्थित होकर महामहिम उपराष्ट्रपति
का आत्मीय स्वागत किया। उपराष्ट्रपति की यात्रा को
देखते हुए पूरे शहर
में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
किए गए थे। पुलिस-प्रशासन, एसपीजी और खुफिया एजेंसियों
ने साझा निगरानी व्यवस्था
के तहत सभी स्थलों
पर चाक-चौबंद सुरक्षा
की व्यवस्था सुनिश्चित की।

No comments:
Post a Comment