Sunday, 18 August 2019

पीओके में है पाकिस्तान के ‘पाप का पक्का इलाज’


पीओके में है पाकिस्तान केपाप का पक्का इलाज
कश्मीर के मुद्दे पर चारों खाने चित होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब बनर्घुड़की पर उतर आएं है। सीजफायर का उल्लंघन तेज करने के साथ ही अपने परमाणु ताकत की धौंस देते फिर रहे है। यूएन से लेकर दुनिया के ताकतवर मुल्कों से तवज्जो ना मिलता देख इमरान खान हिंदुस्तान के खिलाफ आग उगल रहे है। लेकिन पाकिस्तान को ये बात अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए कि भारत इस तरह की गीदड़भभकियों से डरने वाला नहीं हैं। वो पाकिस्तान की हर गुस्ताखी का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं। क्योंकि ये मोदी का नया भारत है
सुरेश गांधी
फिरहाल, यह हकीकत है कि भारत ने पाकिस्तान की धमकी से डरने की नीति को छोड़ दी। उसके हर नापाक मंसूबों का जवाब भारत देना जान गया है। सर्जिकल स्ट्राइक एअर स्ट्राइक ताजा उदाहरण है। ऐसे में अगर पाकिस्तान न्यूक्लियर बम की धमकी देता है, तो भारत के पास जो न्यूक्लियर है वो दिवाली के लिए नहीं है, इस बात को इमरान खान को जान लेनी चाहिए। उसे समझना होगा कि उसकी एक गलती मोदी सारी हेकड़ी एक झटके में निकाल सकते है। ये मोदी का ही कमाल है कि पाकिस्तान को कोई देश तवज्जों नहीं दे रहा है। आर्थिक हालात इस कदर बिगड़ चुके है कि इमरान कटोरा लेकर घूमने के लिए मजबूर है। बता दें, पाकिस्तान ने चीन, अमरीका उत्तर कोरिया का पिछलग्गू बन चोरी-छिपे तकनीक का जुगाड़ कर परमाणु बम बनाया है। जम्मू कश्मीर से 370 खत्म होने के बाद इमरान खान की छटपटाहट बढ़ गयी है। या यूं कहे परमाणु शक्ति संपन्न भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। हम जहांनो फर्स्ट यूजयानी पहले प्रयोग नहीं करेंगे, की नीति पर कायम हैं वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी नेता और फौजी अफसर एटम बम के इस्तेमाल के गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। लेकिन भारत का मजबूत सुरक्षा चक्र पाकिस्तान के एटमी मंसूबे की जमींदोज करने में सक्षम है। इसलिए एटम बम दागने की हिमाकत की तो नक्शे से मिट जाएगा पाकिस्तान। फिर भूगोल ही बदल जाएगा।
इमरान को अब कौन बताए की भारत में गद्दारों की सरकार नही है जो बनर्घूडकी से डर जाएं तुम एटम की बात करते हो तो ये क्यो भूल रहे हो यहा की मिसाइलें दीवाली के लिए थोड़ी ना रखी हुई जो एकबार दगी तो सालों लग जायेंगे खोजने में आखिर पाकिस्तान था कहा। लेकिन बड़ा सवाल तो यही है कि क्या मोदी के पराक्रम से पाकिस्तान हुआ पतला? क्या भारत के एमएसडी प्लान से डर गया पाकिस्तान? क्या पीओके पर टालने... पालने का टाइम खत्म हो गया है? क्या मोदी शाह का कश्मीर बनेगा जन्नत? क्या कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान का है पक्का इलाज? परमाणु हथियार रखना अलग बात है और उनका इस्तेमाल करना एकदम अलग बात है। पाकिस्तान खुद के परमाणु हथियार संपन्न होने और उनके भारत के खिलाफ इस्तेमान की जो बयानबाजी करता है, वह दिखावा तो है ही उससे बढ़कर वह एक कोरी बात है। उसे यह बात भलीभांति मालूम है कि अगर वह परमाणु हथियार से एक बार हमला करेगा तो भारत उसे नक्शे से अलग कर देगा। इसलिए हम पर पाकिस्तान से हमला होता है तो हम बड़ा हमला करेंगे। जाहिर जी बात है हमारे कुछ शहर प्रभावित होंगे पर पाकिस्तान छोटा-सा देश है वह तो खत्म ही हो जाएगा। वैसे परमाणु हथियार के इस्तेमाल की बात बार-बार कहकर पाकिस्तान खुद को परेशानी में डाल चुका है।
बता दें, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। निर्यात लगातार कम हो रहा है और आयात बढ़ रहा है। महंगाई चरम सीमा पर है। सेंट्रल बैंक का रिजर्व खाली हो रहा है। पाकिस्तान लगातार आर्थिक मदद की मांग कर रहा है। हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को 4.1 बिलियन डॉलर की आर्थिक मदद दी है। इसके अलावा वह ईरान और चीन से आर्थिक मदद ले चुका है। इसके अलावा उसने वर्ल्ड बैंक और यूएन से मदद की मांग की है। आर्थिक प्रतिबंधों से बचने अंतरराष्ट्रीय स्तर से दबाव झेलने के बाद पाकिस्तान अपने यहां पल रहे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर दिखावा कर रहा है। आतंकियों पर नकली एफआईआर दर्ज करने की उसकी पोल खुल गई है। पाकिस्तान या तो आतंकी और या फिर आतंकी संगठनों के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कर रहा है या फिर तहरीर इतनी कमजोर है कि मामले अदालतों में सुनवाई के दौरान टिक नहीं सकते। दरअसल, अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार की ओर से लिए गए कठोर फैसले के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह अब घाटी में अधिक से अधिक घुसपैठिए भेजने की फिराक में है। गुलमर्ग सेक्टर घुसपैठ के लिए काफी मुफीद माना जाता है। वजह है कि यह घने जंगलों और वनस्पतियों वाला इलाका है। जहां से घुसपैठ करना आसान होता है। यही वजह है कि पाकिस्तान संघर्ष विराम उल्लंघन करते हुए फायरिंग से भारतीय सेनाओं को उलझाए रखना चाहता है। ताकि घुसपैठिए घाटी में दाखिल हो सकें। फायरिंग के जरिए घुसपैठियों को कवर करने की इस पाकिस्तानी चाल को भारतीय सेनाएं समझती हैं। एलओसी पर भारतीय सेना अलर्ट मोड पर हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर पाकिस्तान की बौखलाहट पर चेतावनी दी है। कहा है भारत के खिलाफ पाकिस्तान आतंकवाद फैला बंद कर दे, नहीं तो हम किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होती है तो वह केवल पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर होगी। कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि भारत बालाकोट एयर स्ट्राइक से बड़े हमले की तैयारी में है। इसका यह मतलब है कि पाकिस्तान मानता है कि भारत ने पाकिस्तान एयर स्ट्राइक किया था।
दुनिया में सभी देशों को मालूम है कि वह परमाणु हथियार को लेकर जिम्मेदार नहीं है। उसे एनएसजी (परमाणु आपूर्ति समूह) सदस्य बनाने में चीन के अलावा कोई और मददगार नहीं होंगे। यह जानकारी भी सभी को हैं कि पाकिस्तान के पास मौजूद परमाणु हथियार असुरक्षित हैं और वे वहां आतंककारी संगठनों के हाथ भी लग सकते हैं। वहां सरकार की अस्थिरता को देखते हुए हम कह सकते है कि उनके परमाणु हथियार चोरी हो सकते हैं या सरकार अपनी मर्जी से आतंककारियों के दे सकती हैं। हमने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में करारा जवाब दे दिया है। पाकिस्तान भारत से कभी मुकाबला नहीं कर सकता। उसकी सेनाओं के पास अपनी क्षमताएं भी नहीं है। वे अपने बूते खड़ी नहीं हो सकती है। उन्हें चीन और अमरीका पर निर्भर रहना होता है। हमने अपनी सैन्य क्षमताएं खुद विकसित की है। भारत की सेना विश्व में शीर्ष सेनाओं में शुमार है। हमारे पास एक दक्ष नेवी है। उसके पास उच्च तकनीक वाले आधुनिक हथियार है। ब्रहृमोस जैसी लॉन्ग रेंज मिसाइल (लंबी दूरी यंत्र) है। लंबी दूरी तक जाने में सक्षम जहाज हैं। कहा जा सकता है भारत की आर्थिक और सैन्य व्यवस्था में निरंतर प्रगति के कारण पिछले एक डेढ़ दशक में भारत के रक्षा तैयारियों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। भारत के पास अनुमानतः इतना प्लूटोनियम जमा हो गया है जिससे वह 150-200 परमाणु हथियार बना सकता है।
भारत के पास इस वक्त 7 परमाणु सक्षम सिस्टम मौजूद हैं, जिसमें 2 विमान, 4 जमीन पर मौजूद बैलिस्टिक मिसाइलें और 1 समुद्र में स्थित बैलिस्टिक मिसाइल शामिल है। युद्ध होने की स्थिति में समुन्नत भारतीय मिसाइल जवाब देने में पूरी तरह से सक्षम हैं। ठोस ईंधन और रेल मोबाइल युक्त दो चरणों वाला अग्नि-2 मिसाइल, अग्नि-1 का ही विस्तृत रूप है। परंपरागत या परमाणु युद्धपोत से प्रक्षेपण में सक्षम इस मिसाइल को 2000 किमी से अधिक दूरी तक प्रक्षेपित किया जा सकता है। जबकि अग्नि-4 पाक के सभी लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है। भारत ने लंबी दूर के लिए एक ठोस ईंधन, रेल मोबाइल, सतह से सतह मार करने वाला अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) युक्त तीन चरणों वाला अग्नि-5 बनाया है जो कि 5000 किमी से अधिक दूर स्थित लक्ष्य को भी भेद सकता है। भारत इसके साथ एमसीटीआर का सदस्य है। इसमें सदस्यता से भारत को अत्याधुनिक मिसाइल प्रौद्योगिकी खरीदने और रूस के साथ अपने संयुक्त उपक्रमों को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इस संदर्भ में ब्रह्मोस महत्वपूर्ण मिसाइल है, जो भारत एवं रूस ने मिलकर बनाई है। 952 मीटर/सेकेण्ड की रफ्तार से चलने वाली ब्रह्मोस चीन पाक के रडारों को मात देकर सटीक निशाना लगाने में पूर्णतः सक्षम है।
ब्रह्मोस का उत्पादन भारत में ही होने के कारण युद्ध में इसकी सप्लाई बनी रहेगी। ब्रह्मोस को लेकर चीन पाक की घबराहट की सबसे बड़ी वजह इसका न्यूक्लियर वार हेड तकनीक से लैस होना है। यह अभी 290 किमी दूरी तक के लक्ष्य को भेद सकती है। ज्ञात हो सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता मौजूदा 290 किमी से बढ़ाकार 450 किमी तक है। स्पष्ट है पाक के मुकाबले भारत की स्थिति मजबूत है। वैसे भी युद्ध सिर्फ हथियारों से नहीं जीता जाता, बल्कि बुलंद हौंसलों के साथ किसी भी जंग में भारतीय सेना जीतने में सक्षम है। वैसे भी न्यूक्लियर बम बच्चों का खेल नहीं है। भारत और पाकिस्तान का हर न्यूक्लियर बम करीब 15 किलोटन का है। ऐसा ही एक बम अमेरिका ने हिरोशिमा में गिराया था, जिसका असर बरसों तक रहा। अगर किसी युद्ध में दोनों तरफ से मिलाकर 100 बम इस्तेमाल कर दिए जाएं तो कम से कम 2.1 करोड़ लोग मारे जाएंगे। 100 न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल धरती की आधी ओजोन लेयर को खत्म कर देगा। जिसके बाद पूरी दुनिया ऐसी बीमारियों की चपेट में आएगी, जिनके बारे में हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। पूरा एशिया काले धुएं के आगोश में समा जाएगा। ये धुआं कई सालों तक स्ट्रेटोस्फेयर में रहेगा और सूरज की रौशनी ठीक से धरती पर नहीं पहुंच पाएगी। पूरी दुनिया एकपरमाणु शीत (न्यूक्लियर विंटर)’ की चपेट में जाएगी। मॉनसून और खेती का चक्र तबाह हो जाएगा। बचे हुए लोगों के भूखे मरने की नौबत जाएगी। न्यूक्लियर हमले से जलवायु एकदम बदल जाएगी। दो अरब लोगों के भूखे मरने की नौबत सकती है। इसलिए जैसे ही दूसरे ताकतवर देशों को किसी भी न्यूक्लियर वॉर के संकेत मिलेंगे, वे जबरदस्त हस्तक्षेप करेंगे। ये हस्तक्षेप सैन्य भी हो सकता है। हमारी सारी कूटनीतिक कमाई एक झटके में कूड़ेदान में चली जाएगी। उसके बाद आप लाख कोशिशें कर लें, अंतरराष्ट्रीय मंच पर हम एक बिगड़ैल देश बन जाएंगे। कोई घास भी नहीं डालेगा।

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