’चहक’ अभियान में गरजे नन्हें-मुन्ने, हम भी बनेंगे स्मार्ट
स्कूल चलो अभियान रैली तथा बाल वाटिका स्कूल रेडिनेस कार्यक्रम ’चहक’ का शुभारंभ’
सुरेश गांधी
दुद्धी-वाराणसी।
सरकारी स्कूलों मे नन्हें-मुन्ने
बच्चे अब न सिर्फ
खेल-खेल में गणित का ज्ञान सिखने
लगे है, बल्कि पढाई-लिखाई से लेकर रहन-सहन तक में स्मार्ट
होने का हुनर सिखने
लगे है। प्रार्थना हो या बालगीत
या फिर अपने आस-पास के
जानवरों की आवाज निकालना
हो या मोड़-तोड़कर
कागज की गेंद बनाना,
हथेली से नापकर बड़ी
व छोटी वस्तुओं के नाम बताना,
ध्वनि पहचानना, मुक्त चित्रकारी, कहानियों के माध्यम से
किसी के बारे में
जानना व सीखना, मिट्टी
पर आकृतियां बनाना, अंगूठे की छाप से
आकृतियां बनाना हो, सब बड़े ही
चाव से समझने लगे
है। इन्हीं निपुणताओं को और गहराईयों
से जानने के लिए शासन
की ओर से संचालित
चहक कार्यक्रम के तहत प्राथमिक
विद्यालय कलकलीबहरा (प्रथम) दुद्धी- सोनभद्र में “स्कूल चलो अभियान“ के तहत विद्यालय
के नन्हें-मुन्ने बच्चे एवं उनके अभिभावकों और माताओं ने
बैंडबाजों की धून के
बीच जुलूस निकाला।
जुलूस में शामिल बच्चे “अब हम भी बनेंगे स्मार्ट जैसे नारे लगा रहे थे। मकसद था बच्चों द्वारा शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने व उनके अभिभावकों को जागरुक करना। बच्चों के हाथों में लिखी तख्तियों पर “नामांकन एक सामाजिक उत्सव“ के रूप में सोन पड़ेगा सोन बढ़ेगा, सर्व शिक्षा अभियान, स्कूल चलो के नारे अंकित थे। जुलूस स्कूल परिसर से शुरु होकर गांव की पगडंडियों से घूमते हुए स्कूल पहुंचकर समाप्त हो गया। इस दौरान बच्चों की माताएं सामूहिक रूप से नुक्कड़ नृत्य व नाटक के जरिए लोगों को न सिर्फ जागरूक करती चल रही थी, बल्कि 6 वर्ष से ऊपर बच्चों को विद्यालय भेंजकर नाम लिखवाने की अपील भी करती दिखी। जुलूस एवं ’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 व निपुण भारत के अंतर्गत बाल वाटिका कार्यक्रम “चहक“ का का शुभारंभ नगर पंचायत अध्यक्ष राज कुमार अग्रहरी, एसएमसी अध्यक्ष विनोद कुमार, ग्रामप्रधान सुरेश चंद तथा खंड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार, प्रधानाध्यापिका वर्षा रानी जायसवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस दौरान कक्षा
1 में नामांकित बच्चों को सहज करते
हुए तिलक लगाकर कॉपी, पेन, पेंसिल, रबर, कटर, मास्क तथा गुब्बारे देकर उनका सहृदयतापूर्वक स्वागत किया गया। एआरपी श्रवण सर विद्यालय की
गौरवपूर्ण उपलब्धियां सांझा करते हुए कक्षा-1 में 12 सप्ताह की गतिविधियों का
कैलेंडर द्वारा संचालन पर प्रकाश डाला।
एआरपी अखिलेश सर ने समुदाय
के वास्तविक जुड़ाव तथा बच्चों के कोमल बाल
मन को सक्रियता के
साथ विकास करने के लिए प्रेरित
किया। एआरपी संतोष सिंह ने कुशल प्रशिक्षित
शिक्षकों के द्वारा बच्चों
को रुचि पूर्ण शिक्षा देने के लिए अभिप्रेरित
किया। इस मौके पर
समाजसेवी बालकृष्ण जायसवाल ने कहा कि
शिक्षा रूपी वृक्ष को मजबूत बनाने
के लिए इसकी जड़ व बुनियाद
को हमें मजबूत करना होगा।
संकुल शिक्षक मुसई राम ने प्रत्येक अभिभावक
से नामांकन के साथ-साथ
ठहराव सुनिश्चित करने की अपील की।
एसएमसी अध्यक्ष विनोद ने विद्यालय के
प्रत्येक गतिविधि में उत्साह के साथ समस्त
गांव के लोगों को
कदम से कदम मिलाकर
चलने की प्रतिबद्धता व्यक्त
की। जबकि नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमार अग्रहरी द्वारा समस्त अभिभावकों, बच्चों तथा शिक्षकों को प्रेरित करते
हुए कहा कि बाल वाटिका
कार्यक्रम चहक के अंतर्गत बच्चों
को सहज बनाकर आनंददायक शिक्षा दें। जब बच्चे स्वयं
प्रेरित होंगे तो उनका विद्यालय
व शिक्षकों से जुड़ाव बढ़ेगा।
शिक्षकों से उन्हें स्नेह
मिलेगा तो बच्चे रोकने
से भी घर नहीं
रुकेंगे।
इस दौरान विद्यालय की प्रधानाध्यापिका तथा अतिथियों के द्वारा गुणवत्तापूर्ण, आधारभूत बुनियादी शिक्षा, नामांकन तथा ठहराव बढ़ाने के लिए अध्यापिका सरिता वार्ष्णेय, सरिता, लक्ष्मीपुरी सिंह व अविनाश गुप्ता को स्मृति चिन्ह देंकर सम्मानित किया गया। सरिता वार्ष्णेय ने कहा कि बच्चों को जागरूक इंसान बनाने के लिए सर्वप्रथम शिक्षा जरूरी है। प्रधानाध्यापिका वर्षा रानी जायसवाल ने कार्यक्रम में सम्मिलित समस्त अभिभावकों विशेष रूप से मातृ शक्तियों को विद्यालय संचालन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सादर आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु टीम एआरपी का विशेष साधुवाद देते हुए समस्त बच्चों तथा विद्यालय परिवार का आभार व्यक्त किया। कहा- क ख ग अर्थात- कहानी, खेल व गीत के द्वारा बच्चों को रुचि पूर्ण शिक्षा देने के लिए समस्त विद्यालय परिवार कटिबद्ध हैं। निपुण भारत के आधारभूत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संकल्पित है जिसमें- बच्चे अच्छा स्वास्थ्य तथा स्वच्छता बनाए रखें, बच्चों का संप्रेषण प्रभावित हो, बच्चे काम से जुड़े रहने वाले शिक्षार्थी बने और अपने निकटतम परिवेश से जुड़े रहे। कार्यक्रम का संचालन अविनाश गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में विनोद कुमार, लालता प्रसाद, रामप्रसाद, अंगद, रामअचल, संगीता, शीला, सुनीता, सुजीता, अनारो, जेनेवा, जगती समेत समस्त अभिभावक उपस्थित रहें।
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